देश में भूखमरी का समय बहुत ही बुरा था (उत्पत्ति 43:1)
वादा किया हुआ भूमि में अकाल ... क्योंकि मसीहा मिस्र में था (उत्पति 43:1)
जब वह अन्न जो वे मिस्र से ले आए थे समाप्त हो गया तब उनके पिता ने उन से कहा, फिर जा कर हमारे लिये
थोड़ी सी भोजनवस्तु मोल ले आओ। (उत्पति 43:2)
भूख ने याकूब को अपने डर से परे कदम उठाने के लिए मजबूर किया। भूख आपको वह करवाएगी जो आप
आमतौर पर अन्यथा नहीं करते। भूख ने कुलपतियों को यूसुफ़ को देखने के लिए मिस्र जाने में मजबूर किया।
भूख आपको ऐसे काम करवाएगी जो आप आमतौर पे नहीं करेंगे।
जब याकूब के पुत्र यूसुफ से मिलने को गए, तब उनके पास तीन भेंटें थीं। उन भेंटो का भविष्यसूचक महत्व क्या है?
तब उनके पिता इस्राएल ने उन से कहा, यदि सचमुच ऐसी ही बात है, तो यह करो; इस देश की उत्तम उत्तम
वस्तुओं में से कुछ कुछ अपने बोरों में उस पुरूष के लिये भेंट ले जाओ: जैसे थोड़ा सा बलसान, और थोड़ा सा
मधु, और कुछ सुगन्ध द्रव्य, और गन्धरस, पिस्ते, और बादाम। फिर अपने अपने साथ दूना रूपया ले जाओ;
और जो रूपया तुम्हारे बोरों के मुंह पर रखकर फेर दिया गया था, उसको भी लेते जाओ; कदाचित यह भूल से
हुआ हो। और अपने भाई को भी संग ले कर उस पुरूष के पास फिर जाओ, और सर्वशक्तिमान ईश्वर उस पुरूष
को तुम पर दयालु करेगा, जिस से कि वह तुम्हारे दूसरे भाई को और बिन्यामीन को भी आने दे: और यदि मैं
निर्वंश हुआ तो होने दो। (उत्पत्ति 43:11-14)
जब यूसुफ से मिलने गए, तो तीन चीज़ें कुलपतिओं ने लीं
1. सबसे उत्तम फल
2. दोगुना पैसा - दुगना रूपया आर्थिक स्थिति में ईमानदारी की बात करता है।
3. और उनके भाई - अपने भाई या बहन के साथ चलने की तुलना में दुष्टात्माओं को बाहर निकालना आसान है।
इनमें से हर चीज़ यह साबित करती थी कि वे चरित्र के व्यक्ति थे।यह उनकी क्षमता का सवाल नहीं था बल्कि
उनके चरित्र का था।
सिर्फ फल ही नहीं बल्कि सबसे उत्तम फल।
फल से खरापन प्रकट हुआ कि वे कनान देश से आ रहे हैं।। उसी तरह, आपका फल यह दिखाएगा की आप
सांसारिक हैं या स्वर्गीय हैं। फल मिस्र का फल नहीं था बल्कि कनान देश का फल था। फल से यूसुफ को पता
चल जाएगा कि वे वास्तव में वे कनान देश से थे।
प्रभू येशू ने कहा, “सो उन के फलों से तुम उन्हें पहचान लोगे।“ (मत्ती 7:15-20)
यदि आपस में प्रेम रखोगे तो इसी से सब जानेंगे, कि तुम मेरे चेले हो॥“ (यूहन्ना 13:35)
भूमि का फल इस बात का प्रमाण होगा कि उन्होंने वास्तव में भूमि का दौरा किया था। उसी तरह
आत्मा का फल इस बात का प्रमाण है कि हम स्वर्गीय हैं, सांसारिक नहीं। गलातियों 5:22-23
दोगुना पैसा वित्त में ईमानदारी के बारे में कहता है।
पिछली बार जब यूसुफ के भाइयों ने अनाज खरीदने के लिए मिस्र का दौरा किया था, तो उन्होंने पाया था कि
उनके थैली में पैसा वापस आ गया था। अब याकूब अपने बेटों को सलाह देता है कि जो पैसा लौटाया गया था
और दूसरा पैसा जिससे वे अनाज खरीदना चाहते थे वह लेले - दोगुना पैसा।
कई साल पहले, बाहर के राज्य के एक प्रचारक ने टेक्सस के ह्यूस्टन में एक चर्च के निमंत्रण को स्वीकार
किया। आने के कुछ हफ़्ते बाद, उनके पास अपने घर से शहर तक बस की सवारी करने का अवसर था।
जब वह बैठ गया, तो उसने पाया कि चालक ने गलती से उसे सवा आना ज़्यादा दिया है। जैसे उन्होंने विचार
कि क्या करना है, उन्होंने मन में सोचा, बेहतर होगा कि आप सवा आना वापस कर दे। इसे रखना गलत
होगा। फिर उन्होंने सोचा, अर्रे, रहने दो, यह केवल सवा आना है।
इस छोटी राशि की चिंता कौन करेगा? वैसे भी, बस कंपनी को बहुत अधिक किराया मिलता है; वे इसे कभी
याद नहीं करेंगे। इसे ईश्वर की ओर से उपहार समझो और शांत बने रहो।
जब उनका स्टॉप आया, तो वह क्षण भर के लिए दरवाजे पर रुक गए, फिर उन्होंने सवा आना चालक को दे
दिया और कहा, यह आपने मुझे ज़्यादा छुट्टे दे दिए चालक ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, 'क्या आप शहर के
नए उपदेशक नहीं हैं?
मैं हाल ही में आराधना करने के लिए कहीं जाने के बारे में काफ़ी सोच रहा था। मैं सिर्फ यह देखना चाहता था
कि अगर मैंने आपको ज़्यादा छुट्टे दिए तो आप क्या करोगे। मैं आपको रविवार को चर्च में मिलूँगा। जब उपदेशक बस से उतर गया, तो उसने सचमुच पास के रोशिनी के खम्बे को पकड़ लिया, और कहा, हे परमेश्वर,
मैंने आपके बेटे को लगभग सवा आना के लिए बेच ही दिया था।
हमारी ज़िंदगी एकमात्र बाइबल है जिसे कुछ लोग कभी पढ़ेंगे। यह वास्तव में एक डरावना उदाहरण है कि कैसे
लोग हमें ईसाई के रूप में देखते हैं और हमें परीक्षा में डालेंगे!
कभी-कभी अपने भाई के साथ चलना परमेश्वर के साथ चलने से आसान होता है। यदि आप परमेश्वर में उस
स्थान तक पहुँच जाए जहाँ आप अपने भाई के साथ शांति से चल सकते हैं, तो आप चरित्र के व्यक्ति हैं। याकूब
के लिए अपने बेटे को भेजना एक बात थी और बिन्यामीन के लिए उनके साथ जाने के लिए सहमत होना यह
भी एक बात थी। वह उन पर भरोसा करके चला गया।
यहूदा की मध्यस्थता से हम क्या सीख सकते हैं?
यहूदा की मध्यस्थता ने इस्राएल और उसके बेटों को अकाल और आने वाले मौत से बचाया
फिर यहूदा ने अपने पिता इस्राएल से कहा, उस लड़के को मेरे संग भेज दे, कि हम चले जाएं; इस से हम, और
तू, और हमारे बालबच्चे मरने न पाएंगे, वरन जीवित रहेंगे। मैं उसका जामिन होता हूं; मेरे ही हाथ से तू उसको
फेर लेना: यदि मैं उसको तेरे पास पहुंचाकर साम्हने न खड़ाकर दूं, तब तो मैं सदा के लिये तेरा अपराधी
ठहरूंगा। यदि हम लोग विलम्ब न करते, तो अब तब दूसरी बार लौट आते। (उत्पत्ति 43:8-10)
यूसुफ के सामने यहूदा की मध्यस्थता ने यूसुफ को उसके भाइयों के सामने प्रकट किया (उत्पत्ति 44)
एक मध्यस्थ उस व्यक्ति की जगह लेने के लिए तैयार होता है, जिसके लिए वह मध्यस्थता कर रहा या कर रही है।
सो अब तेरा दास इस लड़के की सन्ती अपने प्रभु का दास हो कर रहने की आज्ञा पाए, और यह लड़का अपने
भाइयों के संग जाने दिया जाए। (उत्पत्ति 44:33)
किन्तु औरों की तुलना में सेवकों ने बिन्यामीन को पाँच गुना अधिक दिया (उत्पत्ति 43:34)
५ अनुग्रह की संख्या है। अनुग्रह पीढ़ी बिन्यामीन पीढ़ी है।
Chapters
- अध्याय १
- अध्याय २
- अध्याय ३
- अध्याय ४
- अध्याय ५
- अध्याय ६
- अध्याय ७
- अध्याय ८
- अध्याय ९
- अध्याय १०
- अध्याय ११
- अध्याय १२
- उत्पत्ति १३
- उत्पत्ति १४
- उत्पत्ति १५
- उत्पत्ति १६
- अध्याय १७
- अध्याय १८
- अध्याय १९
- अध्याय २०
- अध्याय २१
- अध्याय - २२
- अध्याय - २३
- अध्याय २४
- अध्याय २५
- अध्याय - २६
- अध्याय २७
- अध्याय २८
- अध्याय २९
- अध्याय ३०
- अध्याय ३१
- अध्याय ३२
- अध्याय ३३
- अध्याय ३४
- अध्याय ३५
- अध्याय ३६
- अध्याय ३७
- अध्याय ३८
- अध्याय ३९
- अध्याय ४०
- अध्याय ४१
- अध्याय ४२
- अध्याय ४३
- अध्याय ४४
- अध्याय ४५
- अध्याय ४६
- अध्याय ४७
- अध्याय ४८
- अध्याय ४९
- अध्याय ५०