यीशु मसीह का दूसरा आगमन
तब यूसुफ उन सब के साम्हने, जो उसके आस पास खड़े थे, अपने को और रोक न सका; और पुकार के कहा, मेरे आस पास से सब लोगों को बाहर कर दो। भाइयों के साम्हने अपने को प्रगट करने के समय यूसुफ के संग और कोई न रहा।तब वह चिल्ला चिल्लाकर रोने लगा: और मिस्रियों ने सुना, और फिरौन के घर के लोगों को भी इसका समाचार मिला। (उत्पत्ति ४५:१-२)
प्रभु यीशु मसीह के दूसरे आगमन के बारे में यहां एक भविष्यवाणिय संकेत है। गौर कीजिए, उपरोक्त वचनो में, जब यूसुफ ने खुद को अपने भाइयों को प्रकट किया, तब अन्यजातियों को बाहर जाने के लिए कहा गया था। वे आसपास नहीं थे। जब मसीह खुद को अपने भाइयों को प्रकट करेंगे तो कलीसिया आसपास नहीं होगी।
क्योंकि अब दो वर्ष से इस देश में अकाल है; और अब पांच वर्ष और ऐसे ही होंगे, कि उन में न तो हल चलेगा और न अन्न काटा जाएगा। (उत्पत्ति ४५:६)
सात साल के अकाल के दूसरे साल के दौरान यूसुफ अपने भाइयों के सामने आया। क्लेश के किस वर्ष के दौरान मसीह यहूदियों के सामने आएँगे? एक बात स्थापित है कि क्लेश के दौरान कलीसिया आसपास नहीं होगी।
और अपनी सामग्री का मोह न करना; क्योंकि सारे मिस्र देश में जो कुछ अच्छे से अच्छा है सो तुम्हारा है। (उत्पत्ति ४५:२०)
यह एक भविष्यवाणिय कथन है। जब हम स्वर्ग जाते हैं, तो हम सब कुछ पीछे छोड़ देते हैं। परमेश्वर ने इसे इस तरह से ठहराया है क्योंकि स्वर्ग के सर्वश्रेष्ठ की तुलना कि सीभी चीज़ के साथ नहीं की जा सकती है।
और बिन्यामीन को तीन सौ रूपे के टुकड़े और पांच जोड़े वस्त्र दिए।(उत्पत्ति ४५:२२)
अनुग्रह और कृपा ने बिन्यामीन के जीवन को चिह्नित किया क्योंकि वह अपने बड़े भाई यूसुफ़ से संबंधित था।
सुसमाचार प्रचार करना
और उससे यह वर्णन किया, कि यूसुफ अब तक जीवित है, और सारे मिस्र देश पर प्रभुता वही करता है। पर उसने उनकी प्रतीति न की, और वह अपने आपे में न रहा।तब उन्होंने अपने पिता याकूब से यूसुफ की सारी बातें, जो उसने उन से कहीं थी, कह दीं; जब उसने उन गाडिय़ों को देखा, जो यूसुफ ने उसके ले आने के लिये भेजीं थीं, तब उसका चित्त स्थिर हो गया। (उत्पत्ति 45:२६-२७)
याकूब के बेटों ने उसे बताया कि यूसुफ़ जीवित है, लेकिन उसे विश्वास नहीं हो रहा था।हालाँकि, जब उन्होंने उसे बताया..
यूसुफ के शब्दों को
याकूब ने गाड़ियों को देखा जो यूसुफ़ ने भेजी थीं
उन्होंने विश्वास किया
उसी तरह जब हम यहूदियों और अन्यजातियों को सुसमाचार सुनाते हैं तो हमें एक संदेश देना चाहिए जो उनके लिए बहुत ही व्यक्तिगत हो और जो उनसे बातें करें। इसके अलावा, उन्हें आशीषों को देखना और अनुभव करना होगा तभी उनकी मुरझायी आत्माएँ पुनर्जीवित होंगी।
उत्पत्ति ४६:२१ बिन्यामीन, जिन्हें बे ख़बर कलाकारों ने अक्सर एक युवा के रूप में चित्रित किया है जब वह मिस्र में यूसुफ से मिला था, वास्तव में तब तक १० बेटों का पिता था। यूसुफ १७ वर्ष का था जब उसके भाइयों ने उसे बेच दिया; वह १३ साल कारागार में रहा; वह ७ अच्छे वर्षों के दौरान और अकालके २ वर्षों के दौरान मिस्र का राज्य पाल था। इसलिए यूसुफ इस समय ३९ वर्ष का था, और बिन्यामीन केवल कुछ वर्ष से छोटा था।
Chapters
- अध्याय १
- अध्याय २
- अध्याय ३
- अध्याय ४
- अध्याय ५
- अध्याय ६
- अध्याय ७
- अध्याय ८
- अध्याय ९
- अध्याय १०
- अध्याय ११
- अध्याय १२
- उत्पत्ति १३
- उत्पत्ति १४
- उत्पत्ति १५
- उत्पत्ति १६
- अध्याय १७
- अध्याय १८
- अध्याय १९
- अध्याय २०
- अध्याय २१
- अध्याय - २२
- अध्याय - २३
- अध्याय २४
- अध्याय २५
- अध्याय - २६
- अध्याय २७
- अध्याय २८
- अध्याय २९
- अध्याय ३०
- अध्याय ३१
- अध्याय ३२
- अध्याय ३३
- अध्याय ३४
- अध्याय ३५
- अध्याय ३६
- अध्याय ३७
- अध्याय ३८
- अध्याय ३९
- अध्याय ४०
- अध्याय ४१
- अध्याय ४२
- अध्याय ४३
- अध्याय ४४
- अध्याय ४५
- अध्याय ४६
- अध्याय ४७
- अध्याय ४८
- अध्याय ४९
- अध्याय ५०