परमेश्वर ने याकूब से कहा कि, यूसुफ उसका बेटा, वह उसकी आँखें बंद करेगा और उसे फिर से वादा किए हुए भूमि पर लाया जाएगा (उत्पत्ति ४६:१-४)। दूसरे शब्दों में, परमेश्वर ने कहा कि वह यूसुफ को याकूब की मृत्यु के समय उपस्थित रहने देगा और बाद में उसे कनान वापस आने देगा। यह हमें बताता है कि प्रभु निश्चित रूप से अपना वचन रखता है।
उनके पुत्रों ने उनके लिए वैसा ही किया जैसा उन्होंने आज्ञा दी थी (उत्पत्ति ५०:१२)
याकूब के बेटों ने जीवन में अक्सर उनका विरोध किया या उनको निराश किया। उन्होंने ध्यान रखा की वे उनकी मृत्यु में उनका सम्मान करें।
अर्थात उन्होंने उसको कनान देश में ले जाकर मकपेला की उस भूमिवाली गुफा में, जो मम्रे के साम्हने हैं, मिट्टी दी (उत्पत्ति ५०:१३)
यह इब्राहीम (उत्पत्ति २३:९ ) द्वारा खरीदी गई गुफा थी, कनान देश का एकमात्र हिस्सा जिसे अब्राहम ने अपने पास रखा था (उत्पत्ति २३:१७)। यह सारा (उत्पत्ति २३:१९), अब्राहम (उत्पत्ति २५:९), और इसहाक, रिबका और लिआ (उत्पत्ति ४९:३१) का दफन स्थान था।
इसलिये उन्होंने यूसुफ के पास यह कहला भेजा, कि तेरे पिता ने मरने से पहिले हमें यह आज्ञा दी थी, 17 कि तुम लोग यूसुफ से इस प्रकार कहना, कि हम बिनती करते हैं, कि तू अपने भाइयों के अपराध और पाप को क्षमा कर; हम ने तुझ से बुराई तो की थी, पर अब अपने पिता के परमेश्वर के दासों का अपराध क्षमा कर। उनकी ये बातें सुनकर यूसुफ रो पड़ा।" (उत्पत्ति ५०:१६-१७)
और यूसुफ़ के भाइयों ने सत्य को मरोड़ा होगा जब उन्होंने दावा किया था कि याकूब ने यूसुफ को उन्हें माफ करने के लिए कहा था(उत्पत्ति ५०:१६)
यूसुफ ने उन से कहा, मत डरो, क्या मैं परमेश्वर के स्थान पर हूं? (उत्पत्ति ५०:१९)
यूसुफ ने यह प्रश्न तब पूछा जब उसके भाइयों को डर था कि यूसुफ बदला लेगा। यूसुफ ने कहा "क्या मैं परमेश्वर के स्थान पर हूं? उसका मतलब था, "क्या मुझ में तुम से बदला लेने की ताकत है?"
यूसुफ ने आत्मा का मार्ग चुना। अपने हिंसक भाइयों से बदला लेने के बजाय, उन्होंने कहा कि केवल परमेश्वर ही बदला लेता है। मैं न्याय नहीं करूंगा; क्योंकि मैं परमेश्वर के स्थान पर नहीं हूं।
क्या आप परमेश्वर के स्थान पर हैं? क्या आप परिस्थितियों या आत्मा के मार्ग को संभालने के लिए शरीर का मार्ग अपनाते हैं? हर किसी की तरह मुद्दों, समस्याओं या जीवन की वास्तविकताओं से न निपटें। परमेश्वर को उनका स्थान दो।
यद्यपि तुम लोगों ने मेरे लिये बुराई का विचार किया था; परन्तु परमेश्वर ने उसी बात में भलाई का विचार किया, जिस से वह ऐसा करे, जैसा आज के दिन प्रगट है, कि बहुत से लोगों के प्राण बचे हैं। (उत्पत्ति ५०:२०)
प्रत्येक ईसाई को अपने जीवन में परमेश्वर के परम हाथ को देखने में सक्षम होना चाहिए; यह जानने के लिए कि भले मनुष्य हमारे ख़िलाफ़ कितना भी बुरा करे, परमेश्वर इसे अच्छे के लिए उपयोग कर सकता हैं।
और हम जानते हैं, कि जो लोग परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, उन के लिये सब बातें मिलकर भलाई ही को उत्पन्न करती है; अर्थात उन्हीं के लिये जो उस की इच्छा के अनुसार बुलाए हुए हैं। (रोमियो ८:२८)
फिर यूसुफ ने इस्राएलियों से यह कहकर, कि परमेश्वर निश्चय तुम्हारी सुधि लेगा, उन को इस विषय की शपथ खिलाई, कि हम तेरी हड्डियों को वहां से उस देश में ले जाएंगे।(उत्पत्ति ५०:२५)
तुम यहाँ से मेरी हड्डियाँ ढोओगे: यह वादा कुछ 400 साल बाद पूरा हुआ, जब इस्राएल ने मिस्र को छोड़ दिया (निर्गमन १३:१९)। इस आज्ञा से पता चलता है कि यूसुफ का दिल वादा किए हुए भूमि में था। इससे यह भी साबित होता था की वह एक महान विश्वास का व्यक्ति था, जो अनदेखी चीजों पे भरोसा करता था (इब्रानियों ११:१२)
जोसेफ मरने वाले भाइयों में सबसे पहले थे (निरगमन १:६)
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- अध्याय ५०