मैं हर दिन तुझको सराहता हूँ।
मैं तेरे नाम की सदा-सदा प्रशंसा करता हूँ। (भजन संहिता 145:2)
परमेश्वर के साथ आपका रिश्ता एक दैनिक रिश्ता है - साप्ताहिक, मासिक या वार्षिक रिश्ता नहीं।
यहोवा महान है। लोग उसका बहुत गुणगान करते हैं।
वे अनगिनत महाकार्य जिनको वह करता है हम उनको नहीं गिन सकते। (भजन संहिता 145:3)
उनकी प्रशंसा उनकी महानता से संबंधित होनी चाहिए।
यहोवा दयालु है और करुणापूर्ण है।
यहोवा तू धैर्य और प्रेम से पूर्ण है। (भजन संहिता 145:8)
परमेश्वर का हृदय और चरित्र हमारे प्रभु यीशु के व्यक्तित्व में पूरी तरह से प्रतिबिम्बित था। उन्होंने ऐलान किया।. "जिसने मुझे देखा है, उसने परम पिता को देख लिया है" (यूहन्ना 14:9). परमेश्वर का हृदय और चरित्र हमारे प्रभु यीशु के व्यक्तित्व में पूरी तरह से प्रतिबिम्बित था। उन्होंने ऐलान किया।
पूरे पवित्र शास्त्र में यह स्पष्ट है कि यीशु दयालु से प्रेरित थे और अपने आसपास के लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने मार्ग से हट गए। यदि आप जानना चाहते हैं कि यीशु का हृदय कैसा है, तो आपको दूसरों के लिए उनकी दयालु को जानने के द्वारा आरंभ करना चाहिए।
यहोवा सब के लिये भला है।
परमेश्वर जो कुछ भी करता है उसी में निजकरुणा प्रकट करता है। (भजन संहिता 145:9)
परमेश्वर की करुणा "उनके सब कामों पर" है! वह जो कुछ भी करता है वह करुणामय पर आधारित है। जब वह आपको चंगा करता है, तो यह उसकी करुणामय के कारण होता है। जब वह आपको भुगतान करने के लिए संसाधन प्रदान करता है, तो यह करुणामय के कारण होता है। यहाँ तक कि आपका उद्धार—नया जन्म लेने की क्रिया—भी करुणामय पर आधारित है। प्रेरित पौलुस ने इसे इस प्रकार व्यक्त किया:
8 परमेश्वर के अनुग्रह द्वारा अपने विश्वास के कारण तुम्हारा उद्धार हुआ है। यह तुम्हें तुम्हारी ओर से प्राप्त नहीं हुआ है, बल्कि यह तो परमेश्वर का वरदान है। 9 यह हमारे किये कर्मों का परिणाम नहीं है कि हम इसका गर्व कर सकें। (इफिसियों 2:8-9)
जो लोग यहोवा की उपासना करते हैं, यहोवा उनके निकट रहता है।
सचमुच जो उसकी उपासना करते है, यहोवा हर उस व्यक्ति के निकट रहता है।. (भजन संहिता 145:18)
प्रार्थना में घनिष्ठता जन्म है
घनिष्ठता सत्य की नींव पर विकसित होती है जो कि परमेश्वर का वचन है।
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