जब तेरे वचन मेरे पास पहुंचे, तब मैं ने उन्हें मानो खा लिया,
और तेरे वचन मेरे मन के हर्ष और आनन्द का कारण हुए;
क्योंकि, हे सेनाओं के परमेश्वर यहोवा, मैं तेरा कहलाता हूँ। (यिर्मयाह १५:१६)
भोजन करना, बढ़ने का तरीका है। खाने से पता चलता है कि इस वचन को यिर्मयाह की अंतरिक्त मनुष्य में पचन कर लिया गया था। तो यह हमारे साथ भी होना चाहिए।
यदि तू अनमोल को कहे और निकम्मे को न कहे,
तब तू मेरे मुख के समान होगा। (यिर्मयाह १५:१९)
ऐसी बातें हैं जो परमेश्वर के लिए हानिकारक हैं लेकिन कुछ लोग इसे अनमोल मानते हैं।
और ऐसी बातें हैं जो परमेश्वर के लिए अनमोल हैं लेकिन जिसे लोग नीच मानते हैं।
यह तभी होता है जब कोई व्यक्ति वास्तव में इस अंतर को समझता है कि परमेश्वर की नजर में क्या अनमोल है और क्या नीच है, यह तब है जब परमेश्वर उसे अपना मुख के समान बनाता है।
३ मैं उनके विरुद्ध चार प्रकार के विनाश ठहराऊंगा: मार डालने के लिये तलवार, फाड़ डालने के लिये कुत्ते, नोच डालने के लिये आकाश के पक्षी, और फाड़ कर खाने के लिये मैदान के हिंसक जन्तु, यहोवा की यह वाणी है।
४ यह हिजकिय्याह के पुत्र, यहूदा के राजा मनश्शे के उन कामों के कारण होगा जो उसने यरूशलेम में किए हैं, और मैं उन्हें ऐसा करूंगा कि वे पृथ्वी के राज्य राज्य में मारे मारे फिरेंगे। (यिर्मयाह १५:३-४)
व्यर्थ शाप नहीं पड़ता। (नीतिवचन २६:२)
आपके जीवन में समस्या का एक कारण है। आपके जीवन में उस विनाश, उस नुकसान का एक कारण है।
यह मनश्शे की वजह से था कि परमेश्वर के लोगों पर चार तरह के विनाश हुए। मनश्शे ने उन पर आने के लिए विनाश का द्वार खोला। आपके जीवन, आपके परिवार, आपके व्यवसाय, आपके सेवकाई इत्यादि में काम करने वाला मनश्शे कौन है? आज उस मनश्शे से छुटकारा पाएं।
मैं मन बहलाने वालों के बीच बैठकर
प्रसन्न नहीं हुआ;
तेरे हाथ के दबाव से मैं अकेला बैठा। (यिर्मयाह १५:१७)
इस संसार में हर वह चीज जो आप कभी भी चाहते होंगे, जिसमें किसी भी तरह का मूल्य हो, आपको उच्च कीमत चुकानी पड़ेगी। यहां तक कि परमेश्वर की उपस्थिति के साथ भी। परमेश्वर की उपस्थिति को ले जाने के लिए भुगतान करने की एक कीमत है। गौर कीजिए, यिर्मयाह अपने जीवन के दौरान परमेश्वर के हाथ की वजह से अकेला बैठा था। परमेश्वर का हाथ परमेश्वर की उपस्थिति का एक संकेत है।
वे लोग तेरी ओर फिरेंगे,
परन्तु तू उनकी ओर न फिरना। (यिर्मयाह १५:१९)
यहोवा यिर्मयाह से कह रहा है कि उसे समझौता नहीं करना चाहिए।