क्या कुमारी अपने सिंगार वा दुल्हिन अपनी सजावट भूल सकती है?
तौभी मेरी प्रजा ने युगों से मुझे बिसरा दिया है। (यिर्मयाह २:३२)
एक दुल्हन के लिए उसके सिंगार और उसकी सजावट ही उसे दुल्हन की पहचान देती है। वह उन्हें सबसे अधिक महत्व देती है। यहाँ उन्हें भूलना अस्वाभाविक था। प्रभु की इजरायल की अस्वीकार अस्वाभाविक थी।
परन्तु मेरी प्रजा ने अपनी महिमा को निकम्मी वस्तु से बदल दिया है। (यिर्मयाह २:११)
सज्जन राष्ट्र अपने देवताओं के प्रति वफादार थे, भले ही उनके देवताओं ने उनके लिए कुछ नहीं किया। फिर भी इस्राएल के पास सारी महिमा के परमेश्वर था जिन्होंने उन्हें अनगिनत तरीकों से आशीष दिया था और वे उनसे मुकर गए।