तब यहोवा ने उस से कहा, उसका नाम यिज्रैल रख; क्योंकि थोड़े ही काल में मैं येहू के घराने को यिज्रैल की हत्या का दण्ड दूंगा, और मैं इस्राएल के घराने के राज्य का अन्त कर दूंगा। ५ और उस समय मैं यिज्रैल की तराई में इस्राएल के धनुष को तोड़ डालूंगा॥ (होशे १:४-५)
पुत्र का नाम "यिज्रैल " रखा गया।
पुत्र ने एक अनुस्मारक के रूप में कार्य किया कि परमेश्वर ने पहले से ही येहू के वंश का न्याय किया था।
सबसे पहले, यिज्रैल का अर्थ है "बिखरा हुआ," और इस्राएल जल्द ही अश्शूर सेना पर विजय प्राप्त करके निर्वासन में बिखर जाएंगे। दूसरा, यिज्रैल, यिज्रैल की तराई को संदर्भित करता है, जहाँ येहू - वंश का संस्थापक है जिसने यारोबाम II को सिंहासन पर बैठाया - अहाब के सभी वंशों का नरसंहार किया, इस प्रकार अपने सिंहासन की स्थापना की (२ राजा १०:११)।
परमेश्वर ने होशे को निर्देश दिया कि वह अपने पुत्र यिज्रैल का नाम बताए कि उसने येहू के घर को देखते हुए यिज्रैल के रक्तपात का बदला लेने के अपने वादे की पुष्टि की।
और उस समय मैं यिज्रैल की तराई में इस्राएल के धनुष को तोड़ डालूंगा॥ (होशे १:५)
धनुष एक दिन में सामर्थ का प्रतीक था जब यह युद्ध का प्रमुख साधन था। इस प्रकार एक टूटा हुआ धनुष सामर्थ के नुकसान का प्रतीक है।
उसका नाम लोरूहामा रख;
क्योंकि मैं इस्राएल के घराने में फिर कभी दया कर के
उनका अपराध किसी प्रकार से क्षमा न करूंगा। (होशे १:६)
लोरूहामा का अर्थ है "कभी दया नहीं"
हर संदेश जो होशे ने इस्राएल के लोगों को दिया, परमेश्वर ने होशे को संदेश दिया कि इससे पहले कि वह इसे प्रस्तुत करे।
आज भी ऐसा ही है, उपदेशक को संदेश देना होगा कि वह उन्हें दे सकता है या नहीं।