प्रेरित पौलुस ने हमें सेवक के तीन चित्र प्रस्तुत किए:
१. एक भण्डारी (१ कुरिन्थियों ४:१-७)
२.एक तमाशा (१ कुरिन्थियों ४:८-१३), और
३. एक पिता (1 कुरिन्थियों ४:१४-२१)
और स्वयं अपने पर तुम लोगों के लिये ही चरितार्थ किया है ताकि तुम हमारा उदाहरण देखते हुए उन बातों को न उलाँघ जाओ (१ कुरिन्थियों ४:६)
एक सच्चा पुत्र या पुत्री अपने आत्मिक पिता के रीति का अनुसरण करेंगे
मैंने इसीलिए तिमुथियुस को तुम्हारे पास भेजा है। वह प्रभु में स्थित मेरा प्रिय एवम् विश्वास करने योग्य पुत्र है। (१ कुरिन्थियों ४:१७)
परमेश्वर जिसे वह प्रेम करता है, हमेशा उनको ही भेजता है
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