और जब जब इस्राएली बीज बोते तब तब मिद्यानी और अमालेकी और पूर्वी लोग उनके विरुद्ध चढ़ाई करके अज्जा तक छावनी डाल डालकर भूमि की उपज नाश कर डालते थे, और इस्राएलियों के लिये न तो कुछ भोजनवस्तु, और न भेड़-बकरी, और न गाय-बैल, और न गदहा छोड़ते थे। क्योंकि वे अपने पशुओं और डेरों को लिए हुए चढ़ाई करते, और टिड्डियों के दल के समान बहुत आते थे; और उनके ऊंट भी अनगिनत होते थे; और वे देश को उजाड़ने के लिये उस में आया करते थे। और मिद्यानियों के कारण इस्राएली बड़ी दुर्दशा में पड़ गए; तब इस्राएलियों ने यहोवा की दोहाई दी॥ (न्यायियों ६:३-६)
जब आप अपना बीज बोते हैं, निवेश करते हैं तो आत्माएं आपके खिलाफ होती हैं। ऐसी आत्माएँ हैं जो नहीं चाहतीं कि आप अपनी फसल प्राप्त करें।
लेकिन मैं चाहता हूं कि आप इस आत्मा का प्रवेश मुद्दे को देखें। "इस्राएल के लोगों ने यहोवा की दृष्टि में बुराई की" (न्यायियों ६:१)
गरीबी की आत्माओं के पास आपको विरासत से बाहर रखने का काम है।
जब इस्राएलियों ने मिद्यानियों के कारण यहोवा की दोहाई दी, ८ तब यहोवा ने इस्राएलियों के पास एक नबी को भेजा। (न्यायियों ६:७)
इस्राएलियों को एक समस्या थी और यहोवा ने उन्हें एक नबी भेजा ...
एक भेंट की सामर्थ
जब तक मैं तेरे पास फिर आकर अपनी भेंट निकाल कर तेरे साम्हने न रखूं, तब तक तू यहां से न जा। उसने कहा, मैं तेरे लौटने तक ठहरा रहूंगा। (न्यायियों ६:१८)
बाइबल के विद्वान हमें बताते हैं कि यहोवा का दूत कोई और नहीं बल्कि स्वयं प्रभु यीशु मसीह थे। नए नियम में, जब यूहन्ना ने यीशु को परमेश्वर के "वचन" के रूप में वर्णित किया, जो पिता परमेश्वर से अलग है, लेकिन पूर्ण रूप से परमेश्वर भी है (यूहन्ना १:१-३), प्रेरित शायद से पुराने नियम के "वचन" के रूप में चित्रित कर रहे थे की, "यहोवा का दूत" और "यहोवा का वचन।"
अपनी भेंट की सामर्थ को कभी कम मत समझो। गिदोन को इस बात के लिए कृतज्ञता के साथ ले जाया गया कि परमेश्वर को उसके ऊपर दिए गए एहसान की मान्यता में भेंट समर्पित की जाए। उस भेंट के लिए परमेश्वर की प्रतिक्रिया आत्मिक रूप से आनंददायक है: "मैं आपके लौटने तक इंतजार करूंगा।" यह परमेश्वर को सच्ची भेंट देने की सामर्थ है। एक सच्ची भेंट परमेश्वर को आपके लिए समय और "प्रतीक्षा" का कारण बनाएगी।
फिर उस ने आंख उठाकर धनवानों को अपना अपना दान भण्डार में डालते देखा। और उस ने एक कंगाल विधवा को भी उस में दो दमडिय़ां डालते देखा। तब उस ने कहा; मैं तुम से सच कहता हूं कि इस कंगाल विधवा ने सब से बढ़कर डाला है।
क्योंकि उन सब ने अपनी अपनी बढ़ती में से दान में कुछ डाला है, परन्तु इस ने अपनी घटी में से अपनी सारी जीविका डाल दी है॥ (लूका २१:१-४)
यहोवा की आँखें बुराई को देखने के लिए बहुत पवित्र हैं। वह निश्चित रूप से नहीं दिखेगा कि कुछ ऐसा जो महत्वहीन था। विधवा की दुर्दशा देखने के लिए एक भेंट ने प्रभु को निर्मित किया।
तब गिदोन ने वहां यहोवा की एक वेदी बनाकर उसका नाम यहोवा शालोम रखा। वह आज के दिन तक अबीएजेरियों के ओप्रा में बनी है। (न्यायियों ६:२४)
यहोवा शालोम (न्यायियों ६:२४)
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