अगर आप आपके संबंधो में परिपूर्णता चाहते हो, फिर वह काम, घर या किसी भी स्थान पर हो, तो आपको सम्मान के सिद्धांत को सिखाना हैंI
जो आप सम्मान करोगे वह आपके पास आएगा और जिसका आप अपमान करोगे वह आपसे दूर हो जाएगाI उदहारण के तौर पर, जब आप पैसों का उपयोग करके और उसको सही रीतिसे निवेश करके उसका सम्मान करते हो तो पैसा यह आपके पास बढ़ने लगेगा नहीं तो आपको उसकीखोज करनी होगीI इस सम्मान के सिद्धांत को संबंधो में भी लागु कर सकते हैंI
पुराने नियम में परमेश्वर ने उसके लोगों को १० आज्ञायें दी:
पहली ४ आज्ञायें परमेश्वर का सम्मान करने के विषय में हैं
आखरी ६ आज्ञायें मनुष्यों का सम्मान करने के विषय में हैं
इसके पहले कि मैं आगे बढ़ू, मैं यह कबूल करता हूं कि मेरे बीते जीवन में मैंने सम्मान के सिद्धांत का पालन करने के विषय में बहुत गलतिया की हैंI तथापि, मैंधन्य पवित्र आत्मा कासार्वकालिकतौर पर कृतज्ञ हूं जो मेरे हाथों को धीरज से थामे हैं और मुझे शिक्षा दे रहा हैंI
जब हम अपने चारो ओर के लोगों को देखते हैं, हमें चिडचिडी आदते, गंभीर पतन, असफलताको देखने के लिए मानसशास्त्र की उच्च पदवी की आवश्यकता नहीं हैं और इस वास्तविकता को भूल जाएं कि इन सब गंदगी के निचे परमेश्वर ने गुप्त ख़जाना रखा हैंI (२ करिंथ ४:७)
प्रेरित पौलुस ने लिखा, "हमारे पास यह आत्मिक कोष मिटटी के पात्रो में रखा हैं ....I" (२ करिंथ ४:७)I
अगर हमें सफल संबंधो को बनाना हैं, पिछले सामान्य मानवी कमजोरियों के पास देखते हुए हमें एक-दूसरे का सम्मान करना सिखाना चाहिए और अविश्वसनीय मूल्य जो हम में से प्रत्येक में रहती हैं उसकी प्रशंसा करना सीखेI हम मेसे प्रत्येक के पास दूसरे को देने के लिएकुछ तो हैंIजब हम इस सच्चाई को जानते हैं एक-दूसरे के लिए सकारात्मक विचार और भावनाएं ये बढ़ने लगेगीI इसकी उलटी बाजु ये, अगर हम ऐसा नहीं करते, हम एक-दूसरे को सहज समझने में ही रह जाएंगेI
आपका भविष्य यह आप किसका सम्मान करने का चुनाव करते उसपर निर्भर हैं, और अगर आप आपके जीवन में असफल होते हो, यह उस कारण से होगा जिस व्यक्ति का आपने अपमान करने का चुनाव किया होगाI
तथापि, शब्द और भावनाओं से परे, सच्चा सम्मान यह कर्मो और कृति में व्यक्त किया जाता हैंI
कुछ प्रश्न जो पूछने हैं?
क्या मैंने मेरे परिवार (मेरी पत्नी, बच्चों) कोसहज समझा हैं?
लोग जो मेरे साथ में काम करते हैं क्या मैंने उन्हें सहज समझा हैं?
क्या मैंने मेरे जीवन के भीतर के परमेश्वर के पुरुष और स्त्री को सहज समझा हैं?
चिंतन करने के प्रक्रिया में इस प्रकार जाओ और उन मार्गों के विषय में विचार करोजिससे आप उनका सम्मान करोI स्मरण करो, जो आप बोते हो वही आप काटोगेI आप अपमान बोओ वह आपके पास फिरसे आएगाI
प्रार्थना
पिता परमेश्वर, मैं आपको मेरे जीवन में के प्रत्येक आशीष के लिए धन्यवाद देता हूं, आप सभी सम्मान और स्तुति के योग्य हैंIमुझे आपको और आपके लोगों का सम्मान करना सिखाI यीशु के नाम मेंI आमीनI
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