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Daily Manna

आराधना की दो आवश्यक तत्व भाग

Friday, 15th of August 2025
28 20 494
Categories : देना 
१. हम अपने समय के साथ परमेश्वर की आराधना करते हैं|
छः दिन तक काम किया जाए, परन्तु सातवां दिन तुम्हारे लिए पवित्र ठहरे। एक सब्त विश्राम प्रभु को (निर्गमन ३५:२)

यदि आप किसी से पूछते हैं, जीवन कैसे चल रहा है? सबसे अधिक संभावना है कि वे जवाब देंगे मैं व्यस्त हूं। यदि आप सावधान न रहे तो हमारा यह व्यस्त कार्य धीरे-धीरे हमारे और प्रभु के बीच के रिश्ते में रुकावट लायेगा।

 हमें अपने समय के साथ परमेश्वर की आराधना करने की आवश्यकता है। हम यह किस तरह करे?

1. हम इस सच्चाई को स्वीकार करे कि समय परमेश्वर का एक उपहार है।
2. यह जानलो कि इस पृथ्वी पर हमारा समय अनंत काल की तुलना में सीमित है। इसलिए, हमें समझदारी और संकल्पपूर्वक जीवन जीना चाहिए ताकि हम परमेश्वर की इच्छा को पूरा कर सके जिसके लिए हम चुने गए।

भजनहार (स्‍तोत्रकार) ने इस सच्चाई को स्वीकार किया और कहा : परन्तु हे यहोवा, मैं तुझी पर भरोसा रखता हूं: मैं कहता हूं, “तू मेरा परमेश्वर है।”मेरी आयु तेरे हाथ में है (भजन संहिता ३१:१४-१५)

अपने समय में परमेश्वर की आराधना करने के लिए, हमें उनके लिए समय देना सीखें । खाली समय मे प्रभावी रूप से उपलब्ध समय का उपयोग करना सीखना चाहिए। आपको हर दिन नीचे लिखे प्रार्थना करनी चाहिए: हे प्रभु, हमको अपने दिन गिनना सिखा, कि हम बुद्धि से भरा मन पाए।(भजन संहिता ९०:१२)

२. आराधना - हमारा सर्वश्रेष्ठ देना है
सर्वशक्तिमान परमेश्वर, पूरी तरह से आत्मनिर्भर होने के लिए हमें किसी भी तरह उसे बनाए रखने के लिए किसी उपहार की आवश्यकता नहीं है।

“और न ही मनुष्यों के हाथों से उसकी सेवा-टहल होती है, मानो कि उसे किसी बात की आवशयकता हो, क्योंकि वह स्वयं सब को जीवन, -श्वास और सब कुछ प्रदान करता है।” (प्रेरितों के काम १७:२५)

जब पूर्व के बुद्धिमान लोग प्रभु यीशु की आराधना करने आए थे, “उन्होंने घर में पहुंचकर उस बालक को उसकी माता मरियम के साथ देखा, और भूमि पर गिरकर उसको दण्डवत् किया और अपना अपना संदूक खोलकर उसे सोना, लोबान और गन्धरस की भेंट चढ़ाई।”(मत्ती २:११)

स्पष्ट रूप से, आराधना करना और दान देना दोनों एक सामान हैं, देना आराधना करने के सामान है।

जब फिलिप्पियो का कलीसिया के सदस्यों ने प्रेरित पौलुस के सेवा के लिए अपना दान दिया, तो परमेश्वर ने उसे एक सुगन्धित सुगंध, एक स्वीकार्य बलिदान, अत्यंत आनन्ददायक रूप में देखा।(फिलिप्पियों ४:१))।

Bible Reading: Jeremiah 13-15
Confession
मैं परमेश्वर यहोवा की महिमा करूँगा, और उसके चरणों की चौकी के सामने दण्डवत् करूँगा। वह तो पवित्र है।। (भजन संहिता ९९: ५)

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