हिंदी मराठी తెలుగు മലയാളം தமிழ் ಕನ್ನಡ Contact us Contact us Listen on Spotify Listen on Spotify Download on the App StoreDownload iOS App Get it on Google Play Download Android App
 
Login
Online Giving
Login
  • Home
  • Events
  • Live
  • TV
  • NoahTube
  • Praises
  • News
  • Manna
  • Prayers
  • Confessions
  • Dreams
  • E-Books
  • Commentary
  • Obituaries
  • Oasis
  1. Home
  2. Daily Manna
  3. अस्वीकार पर विजय पाना
Daily Manna

अस्वीकार पर विजय पाना

Friday, 13th of October 2023
43 30 1809
अस्वीकार मानव जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा है, हृदय की एक पीड़ा जिसकी कोई सीमा नहीं है। खेल के मैदान में सबसे अंत में चुने गए छोटे बच्चे से लेकर स्वप्न के अवसर से दूर हो गए बड़ो तक, न चुने जाने का दंश निशान छोड़ सकता है। लेकिन अगर कोई इस दर्द को समझता है तो वह यीशु हैं।

"मेरे माता पिता ने तो मुझे छोड़ दिया है, परन्तु यहोवा मुझे सम्भाल लेगा।" (भजन संहिता २७:१०)

जैसे ही हम सुसमाचार के माध्यम से यात्रा करते हैं, हम एक उद्धारकर्ता को देखते हैं जो अस्वीकार के लिए कोई अजनबी नहीं था। उनके गृहनगर, नासरत में, जिन्होंने उन्हें बड़ा होते देखा था, वे उनसे दूर हो गए। उनके अपने भाइयों को उनके मिशन कार्य पर संदेह था। वह उन्हीं लोगों के पास आया जिनसे वह प्रेम करता था, अर्थात् इस्राएल के चुने हुए लोगों के पास, और उन्होंने उन्हें ठुकरा दिया। यहां तक कि क्रूस पर भी, उनके सबसे अंधकार के समय में, ऐसा लग रहा था जैसे उनके पिता ने उन्हें त्याग दिया हो। (मत्ती २७:४६)

फिर भी, यशायाह नबी ने, यीशु के पृथ्वी पर आने से सैकड़ों साल पहले, उनके बारे में भविष्यवाणी की थी:

"वह तुच्छ जाना जाता और मनुष्यों का त्यागा हुआ था; वह दु:खी पुरूष था, रोग से उसकी जान पहिचान थी; और लोग उस से मुख फेर लेते थे। वह तुच्छ जाना गया, और, हम ने उसका मूल्य न जाना।" (यशायाह ५३:३)

हालांकि, अस्वीकार के बावजूद भी, यीशु को पता था कि वह कौन था। उन्होंने अपने उद्देश्य, अपने मिशन और सबसे महत्वपूर्ण बात, परमेश्वर के प्रिय पुत्र के रूप में अपनी पहचान को समझा। और इस गहरी ज्ञान ने उन्हें बांधे रखा।

"जितना अधिक आप प्रभु यीशु में अपनी पहचान जानेंगे, आपको उतनी अधिक शांति मिलेगी।"

अस्वीकार का दंश हमारे ह्रदय को छलनी कर सकता है, लेकिन हमें याद रखना चाहिए कि हमारा मूल्य दुनिया के क्षणभंगुर मानकों से निर्धारित नहीं होता है। हमारी असली पहचान परमेश्वर की संतान होने में निहित है। जब दुनिया अपनी पीठ मोड़ लेती है, तो परमेश्वर का आलिंगन स्थिर रहता है।

प्रेरित पौलुस ने रोमियो ८:१६-१७ में लिखा है, “आत्मा स्वयं हमारी आत्मा के द्वारा गवाही देती है कि हम परमेश्वर की संतान हैं। अब, यदि हम बच्चे हैं, तो हम वारिस हैं - परमेश्वर के उत्तराधिकारी और मसीह के सह-वारिस, यदि हम वास्तव में उसके कष्टों में भाग लेते हैं ताकि हम उसकी महिमा में भी भाग ले सकें।"

कल्पना कीजिये कि! विश्वासियों के रूप में, हमारी पहचान राजाओं के राजा के उत्तराधिकारी होने में निहित है। इस प्रकाश में संसार की अस्वीकार अप्रासंगिक हो जाती है।

तो, हम अस्वीकार पर कैसे विजय पाएं? अपने आप को परमेश्वर के वचन में डुबो कर, और लगातार हमारे लिए उनके बिना शर्त प्रेम की सच्चाई को पकड़कर अपने आप को याद दिलाए कि हम मसीह में कौन हैं।

यीशु के जीवन से एक पन्ना निकालो. जब अस्वीकार का सामना करना पड़ा, तो वह कड़वाहट नहीं हुआ। इसके बजाय, उन्होंने ऐसे स्थानों की खोज की जहां उनके संदेश का स्वागत किया जाएगा और जश्न मनाया जाएगा। उन्होंने स्वीकार मांगने में समय बर्बाद नहीं किया; वह एक दैवी मिशन पर थे।

हमेशा याद रखें, आपका मूल्य पसंद और साझा की संख्या या भीड़ की तालियों से बंधा नहीं है। सबसे पहले परमेश्वर की स्वीकार को प्राप्त करें। “अब मैं क्या मनुष्यों को मनाता हूं या परमेश्वर को? क्या मैं मनुष्यों को प्रसन्न करना चाहता हूं? यदि मैं अब तक मनुष्यों को ही प्रसन्न करता रहता, तो मसीह का दास न होता।” (गलातियों १:१०)

अस्वीकार पर विजय पाने में, अपने ह्रदय को उस व्यक्ति में सांत्वना पाए जिसे हमारे लिए अस्वीकार कर दिया गया था ताकि हम हमेशा के लिए स्वीकार किए जा सकें।
Prayer
स्वर्गीय पिता, जब अस्वीकार हमें चोट पहुंचाती है, तो हमें आप में हमारे सच्चे मूल्य की याद दिला। हमारे हृदयों को मजबूत कर और अपनी पहचान मसीह, आपके पुत्र में स्थापित कर। आपका प्रेम मेरे जीवन को संतृप्त करने दे। यीशु के नाम में। आमेन।


Join our WhatsApp Channel


Most Read
● प्रतिबिंबित (प्रभावित) होने के लिए समय लेना
● दिन ३४: ४० दिन का उपवास और प्रार्थना
● अधिकार सौपने (बदली करने) का समय है
● अपने मनःस्थिति (मनोदशा) को बेहतर बनाना
● परमेश्वर दिया हुआ स्वप्न
● २१ दिन का उपवास: दिन ०५
● यीशु का तथा बड़े काम करना, इसका क्या मतलब है?
Comments
CONTACT US
Phone: +91 8356956746
+91 9137395828
WhatsApp: +91 8356956746
Email: [email protected]
Address :
10/15, First Floor, Behind St. Roque Grotto, Kolivery Village, Kalina, Santacruz East, Mumbai, Maharashtra, 400098
GET APP
Download on the App Store
Get it on Google Play
JOIN MAILING LIST
EXPLORE
Events
Live
NoahTube
TV
Donation
Manna
Praises
Confessions
Dreams
Contact
© 2025 Karuna Sadan, India.
➤
Login
Please login to your NOAH account to Comment and Like content on this site.
Login