हिंदी मराठी తెలుగు മലയാളം தமிழ் ಕನ್ನಡ Contact us Contact us Listen on Spotify Listen on Spotify Download on the App StoreDownload iOS App Get it on Google Play Download Android App
 
Login
Online Giving
Login
  • Home
  • Events
  • Live
  • TV
  • NoahTube
  • Praises
  • News
  • Manna
  • Prayers
  • Confessions
  • Dreams
  • E-Books
  • Commentary
  • Obituaries
  • Oasis
  1. Home
  2. Daily Manna
  3. आत्मिक घमंड का जाल
Daily Manna

आत्मिक घमंड का जाल

Sunday, 29th of October 2023
26 25 1520
Categories : Spiritual Pride
९और उस ने कितनो से जो अपने ऊपर भरोसा रखते थे, कि हम धर्मी हैं, और औरों को तुच्छ जानते थे, यह दृष्टान्त कहा। १०कि दो मनुष्य मन्दिर में प्रार्थना करने के लिये गए; एक फरीसी था और दूसरा चुंगी लेने वाला। ११फरीसी खड़ा होकर अपने मन में यों प्रार्थना करने लगा, कि हे परमेश्वर, मैं तेरा धन्यवाद करता हूं, कि मैं और मनुष्यों की नाईं अन्धेर करने वाला, अन्यायी और व्यभिचारी नहीं, और न इस चुंगी लेने वाले के समान हूं। १२मैं सप्ताह में दो बार उपवास करता हूं; मैं अपनी सब कमाई का दसवां अंश भी देता हूं। १३रन्तु चुंगी लेने वाले ने दूर खड़े होकर, स्वर्ग की ओर आंखें उठाना भी न चाहा, वरन अपनी छाती पीट-पीटकर कहा; हे परमेश्वर मुझ पापी पर दया कर। १४मैं तुम से कहता हूं, कि वह दूसरा नहीं; परन्तु यही मनुष्य धर्मी ठहराया जाकर अपने घर गया; क्योंकि जो कोई अपने आप को बड़ा बनाएगा, वह छोटा किया जाएगा; और जो अपने आप को छोटा बनाएगा, वह बड़ा किया जाएगा॥ (लूका १८:९-१४)

कभी-कभी, हम सोचते हैं कि हमने सब कुछ समझ लिया है। हम अपनी सुबह की भक्ति करते हैं, नियमित रूप से कलीसिया जाते हैं, और यहां तक कि प्रभु और उनके लोगों की सेवा में भी भाग लेते हैं। लेकिन आत्मिक घमंड के जाल में फंसना आसान है, उस अनुग्रह को खो देना जो हमें हर दिन सहारा देता है। फरीसी और चुंगी लेने वाले का दृष्टांत आत्मिक घमंड के खिलाफ कड़ी चेतावनी देता है और हमें सच्ची धार्मिकता का मार्ग दिखाता है।

फरीसी में आत्मिक घमंड
१. व्यक्तिगत-धार्मिकता:
फरीसी को लगा कि वह दूसरों से कई ऊपर है। उसकी प्रार्थना परमेश्वर के साथ विनम्र बातचीत से अधिक व्यक्तिगत-बढ़ाई करने का एक  संभाषणीय था। रोमियो १२:३ हमें सावधान करता है, "क्योंकि मैं उस अनुग्रह के कारण जो मुझ को मिला है, तुम में से हर एक से कहता हूं, कि जैसा समझना चाहिए, उस से बढ़कर कोई भी अपने आप को न समझे पर जैसा परमेश्वर ने हर एक को परिमाण के अनुसार बांट दिया है, वैसा ही सुबुद्धि के साथ अपने को समझे।"

२. न्याय करने का रवैया:
फरीसी अपने चरित्र का मूल्यांकन परमेश्वर के पवित्र चरित्र से नहीं बल्कि अन्य मनुष्यों के चरित्र से करता है। जब भी आप अपने चरित्र को परमेश्वर के पवित्र चरित्र से नहीं बल्कि अन्य मनुष्यों के चरित्र से न्याय करते हैं, तो आप घमंड में चल रहे हैं।

उसने चुंगी लेने वाले को तुच्छ जाना और उसके विरुद्ध अपनी तुलना अनुकूल रूप से की। मत्ती ७:१-२ चेतावनी देता है, "दोष मत लगाओ, कि तुम पर भी दोष न लगाया जाए। क्योंकि जिस प्रकार तुम दोष लगाते हो, उसी प्रकार तुम पर भी दोष लगाया जाएगा; और जिस नाप से तुम नापते हो, उसी से तुम्हारे लिये भी नापा जाएगा।।"

३. काम में झूठी सुरक्षा:
फरीसी को अपने कार्य में आश्वासन मिला - सप्ताह में दो बार उपवास करना, दशमांश देना, आदि। इफिसियों २:८-९ हमें याद दिलाता है, "क्योंकि विश्वास के द्वारा अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है, और यह तुम्हारी ओर से नहीं, वरन परमेश्वर का दान है। और न कर्मों के कारण, ऐसा न हो कि कोई घमण्ड करे।”

४. पश्चाताप की कमी:
फरीसी की प्रार्थना में एक महत्वपूर्ण तत्व की कमी थी: पश्चाताप। उसके पाप की कोई अंगीकार या परमेश्वर की दया की जरुरत नहीं थी। १ यूहन्ना १:९ कहता है, "यदि हम अपने पापों को मान लें, तो वह हमारे पापों को क्षमा करने, और हमें सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है।"

आत्मिक घमंड के खतरे
ए)। हमें अपनी गलतियों पर अंधा कर देता है:
फरीसी अपनी धार्मिकता में इतना डूबा हुआ था कि उसे अपना आत्मिक अंधापन दिखाई नहीं दे रहा था।

बी)। समुदाय (संगती) को विभाजित करता है: आत्मिक घमंड मसीह के देह में बाधाएं उत्पन्न करता है, उस एकता को नष्ट कर देता है जिसके लिए मसीह ने यूहन्ना १७:२१ में प्रार्थना की थी।

सी)। परमेश्वर के साथ हमारे रिश्ते को रोकता है:
फरीसी की प्रार्थना वास्तव में परमेश्वर तक कभी नहीं पहुंची क्योंकि वह घमंड से भरी हुई थी। याकूब ४:६ हमें बताता है, "परमेश्वर अभिमानियों से विरोध करता है, पर दीनों पर अनुग्रह करता है।"

डी)। हमें शैतान के धोखे के प्रति वेदनीय बनाता है:
जब हम सोचते हैं कि हम सीधे खड़े हैं, तो हमारे गिरने की संभावना सबसे अधिक होती है। १ पतरस ५:८ हमें सचेत रहने की चेतावनी देता है क्योंकि शैतान गर्जने वाले सिंह की तरह इस खोज में है कि किस को फाड़ खाए।
Prayer
पिता, मैं नम्रतापूर्वक आपके सामने आता हूं, यह अंगीकार करते हुए कि सभी अच्छी चीजें आपसे आती हैं। हर पल आपकी कृपा में मेरी जरुरत को पहचानते हुए, नम्रता से चलने में मेरी मदद कर। मुझे आत्मिक घमंड के धोखे से दूर रख। यीशु के नाम में, आमीन।

Join our WhatsApp Channel


Most Read
● लोगों के पाच समूहजो यीशु से हररोजमिले # १
● क्या आप प्रभु का विरोध (साम्हना) कर रहे हैं?
● यीशु के लहू को लगाना
● सही ध्यान (सही पर ध्यान दे)
● दिन २०: ४० दिन का उपवास और प्रार्थना
● अनुग्रह का खुलासा
● भीतरी का खजाना
Comments
CONTACT US
Phone: +91 8356956746
+91 9137395828
WhatsApp: +91 8356956746
Email: [email protected]
Address :
10/15, First Floor, Behind St. Roque Grotto, Kolivery Village, Kalina, Santacruz East, Mumbai, Maharashtra, 400098
GET APP
Download on the App Store
Get it on Google Play
JOIN MAILING LIST
EXPLORE
Events
Live
NoahTube
TV
Donation
Manna
Praises
Confessions
Dreams
Contact
© 2025 Karuna Sadan, India.
➤
Login
Please login to your NOAH account to Comment and Like content on this site.
Login