हिंदी मराठी తెలుగు മലയാളം தமிழ் ಕನ್ನಡ Contact us Contact us Listen on Spotify Listen on Spotify Download on the App StoreDownload iOS App Get it on Google Play Download Android App
 
Login
Online Giving
Login
  • Home
  • Events
  • Live
  • TV
  • NoahTube
  • Praises
  • News
  • Manna
  • Prayers
  • Confessions
  • Dreams
  • E-Books
  • Commentary
  • Obituaries
  • Oasis
  1. Home
  2. Daily Manna
  3. क्या यह वास्तव में मायने रखता है?
Daily Manna

क्या यह वास्तव में मायने रखता है?

Monday, 1st of April 2024
37 29 1042
Categories : शिष्यत्व
और हमें कलीसिया की सभाओं से एक दूसरे के साथ इकट्ठा होना ने छोड़ें, जैसे कि कितनों की रीति है, पर एक दूसरे को प्रोत्साहित करते रहें; और ज्यों ज्यों उस प्रभु की आगमन को निकट आते देखते है, त्यों त्यों और भी अधिक यह किया करो॥ (इब्रानियों १०:२५)

मुझे स्वीकार करना चाहिए, मेरे शुरुआती दिनों में, एक युवा मसीही के रूप में, मैंने समय पर कलीसिया आने को गंभीरता से नहीं लिया। एक दिन, हमेशा की तरह, मैं देर से गया; मेरे पासबान ने अपने अधिकार से सामान्य आवाज में मुझे समय पर कलीसिया आने के लिए कहा। मेरे अहंकार को चोट पहुंची, और उस दिन कलीसिया में मैंने हाल्लेलूया कहके नहीं बोला (ध्यान दें, यह छूटे समूह की कलीसिया था)।

मेरे पासबान एक समझदार व्यक्ति थे और बाद में मुझे एक तरफ बुलाया, मेरे कंधे पर हाथ रखा और कहा, "माइकल, मुझे पता है कि आप नाराज हैं, लेकिन मैं चाहता हूं कि आप यह जान लें कि हर बार जब आप कलीसिया में देर से आते हैं, तो आप वास्तव में दिखा रहे हैं कि कैसे आप परमेश्वर की उपस्थिति को कम महत्व देते हैं।" जब मैंने यह सुना तो मैं चौंक गया था। मैंने यह कहते हुए विरोध किया, "लेकिन मैं प्रभु से प्रेम करता हूं।" उन्होंने धीरे से मुझसे कहा, "प्रेम और सम्मान (मूल्य) साथ-साथ चलना चाहिए।" उन्होंने आगे कहा, "अगर आप किसी वीआईपी से मिल रहे हैं, तो क्या आप देर से आने की हिम्मत करेंगे? हमारा परमेश्वर एक वीआईपी से बढ़कर है, वह राजाओं का राजा और प्रभुओं का प्रभु है।" (प्रकाशित वाक्य १७;१४) मैंने उन्हें गले लगाया और आश्वासन दिया कि यह आगे से ऐसा नहीं होगा।

एक और बात उन्होंने मुझसे कही थी कि मैं आपके साथ साझा करना चाहूंगा। उन्होंने कहा, "माइकल, किसी दिन तुम्हारा अपना एक कलीसिया होगा, और समय पर कलीसिया में आना एक मूलभूत चरित्र विशेषता है जिसे आपको यीशु के एक युवा शिष्य के रूप में विकसित करना चाहिए। यह एक आदत आपके जीवन के अन्य सभी क्षेत्रों को सकारात्मक रूप से प्रभावित करेगी।"

आराधना समाप्त होने के बाद कई लोगों को सभा में जाते हुए देखकर मुझे वास्तव में दर्द होती है। अब सबके पास देर से आने के अपने-अपने कारण होंगे लेकिन क्या आप जानते हैं कि आराधना के वे क्षण ही हमारे जीवन की बुनियाद को आकार देता हैं। इसके बावजूद, कई लोग सभा की शुरुआत को वैकल्पिक बात मानते हैं।

तो अब से, आइए हम समय पर कलीसिया जाएं और उन्हें वह सम्मान दें जो केवल उसी के कारण है। मैं प्रार्थना करता हूं कि आप नाराज नहीं होंगे, बल्कि इसे परमेश्वर में उच्च स्तर पर जाने के निर्देश के रूप में प्राप्त करेंगे, किसी ऐसी चीज पर कार्य करने का आह्वान जो सतह पर महत्वहीन लगती है लेकिन वास्तव में हमारे आंतरिक मनुष्य के मूल्यों को यह प्रकट करती है।

Prayer
पिता, मुझे मेरी प्राथमिकताओं को ठीक करने की कृपा दें। मैं अपने समय और जो कुछ अपने मुझे दिया है, उससे मैं आपका आदर करूंगा। यीशु के नाम में। आमेन!


Join our WhatsApp Channel


Most Read
● समृद्धि की भूल की कुंजी
● भेड़ मिलने की ख़ुशी
● मध्यस्थता पर एक भविष्यवाणी पाठ (भाग १)
● अपराध के जाल से मुक्त पाना
● खुद को धोखा देना क्या है? - II
● दैवी शांति कैसे प्राप्त करें
● विश्वास को मूर्खता से अलग करना
Comments
CONTACT US
Phone: +91 8356956746
+91 9137395828
WhatsApp: +91 8356956746
Email: [email protected]
Address :
10/15, First Floor, Behind St. Roque Grotto, Kolivery Village, Kalina, Santacruz East, Mumbai, Maharashtra, 400098
GET APP
Download on the App Store
Get it on Google Play
JOIN MAILING LIST
EXPLORE
Events
Live
NoahTube
TV
Donation
Manna
Praises
Confessions
Dreams
Contact
© 2025 Karuna Sadan, India.
➤
Login
Please login to your NOAH account to Comment and Like content on this site.
Login