हिंदी मराठी తెలుగు മലയാളം தமிழ் ಕನ್ನಡ Contact us Contact us Listen on Spotify Listen on Spotify Download on the App StoreDownload iOS App Get it on Google Play Download Android App
 
Login
Online Giving
Login
  • Home
  • Events
  • Live
  • TV
  • NoahTube
  • Praises
  • News
  • Manna
  • Prayers
  • Confessions
  • Dreams
  • E-Books
  • Commentary
  • Obituaries
  • Oasis
  1. Home
  2. Daily Manna
  3. यीशु को देखने की इच्छा
Daily Manna

यीशु को देखने की इच्छा

Friday, 8th of November 2024
29 20 475
Categories : अनुशासन  शिष्यत्व
बाइबिल में कई लोग प्रभु को देखने के लिए तरस रहे थे। यूहन्ना १२ में, हम कुछ यूनानियों के बारे में पढ़ते हैं जो फसह का पालन करने के लिए गैलील में आए थे। प्रभु यीशु के बारे में सुना जिन्होंने इस तरह के उत्कृष्ट चमत्कार किए, वे उन्हें व्यक्तिगत रूप से देखना चाहते थे। इसे ध्यान में रखते हुए, वे यीशु मसीह के शिष्यों में से एक फिलेप्पुस के पास आए और उनसे बिनती की, "श्रीमान, हम यीशु को देखना चाहते हैं।" (यूहन्ना १२:२१)।

यीशु को देखना ’इच्छा’ से शुरू होता है। यह इच्छा हममें स्वयं पवित्र आत्मा द्वारा जन्म है। उन्हें आमने-सामने देखने के लिए - परमेश्वर के कई महान दासों और दासियाँ ने सिर्फ एक इच्छा के साथ प्रार्थना में लंबे समय तक रोया है। अच्छी खबर यह है कि वे निराश नहीं थे। उनका जीवन हजारों के लिए आशीष का कारण बन गया।

वह यरीहो में प्रवेश करके जा रहा था। और देखो, ज़क्कई नाम एक मनुष्य था जो चुंगी लेने वालों का सरदार और धनी था। वह यीशु को देखना चाहता था कि वह कौन सा है परन्तु भीड़ के कारण देख न सकता था। क्योंकि वह नाटा था। तब उस को देखने के लिये वह आगे दौड़कर एक गूलर के पेड़ पर चढ़ गया, क्योंकि वह उसी मार्ग से जाने वाला था। (लूका १९:१-४)

यीशु को देखना आसान नहीं है और वह आपकी ओर से कुछ अनुशासन चाहिए। ज़क्कई के मामले में, उसे भीड़ से आगे निकल कर एक अंजीर के पेड़ पर चढ़ना पड़ा। उनकी उम्र को देखते हुए, यह निश्चित रूप से आसान नहीं था।

निम्नलिखित वचनों में राजा दाऊद प्रभु की खोज के लिए एक रणनीति (एक योजना) की रूपरेखा तैयार किया है। " सांझ को, भोर को, दोपहर को, तीनों पहर मैं प्रार्थना करूंगा; मैं रात की घड़ियों में आपका ध्यान करूंगा।" (भजन संहिता ५५:१७)

जब यूनानियों ने यीशु को देखने की इच्छा व्यक्त की, तो उन्होंने कुछ ऐसा कहा जो बहुत गहरा है। कई इसे समझ नहीं पाते हैं। यहाँ यीशु ने कहा है, "जब तक गेहूं का दाना भूमि में पड़कर मर नहीं जाता, वह अकेला रहता है परन्तु जब मर जाता है, तो बहुत फल लाता है।" (यूहन्ना १२:२४)

यह यीशु को देखने से कैसे जुड़ा है? यीशु का मतलब यह है कि जब तक किसी व्यक्ति के जीवन में क्रूस को अपना मार्ग बनाने की अनुमति देकर उसकी इच्छाओं और जुनून की मृत्यु नहीं हो जाती, तब तक उन्हें वास्तव में देखना संभव नहीं था।

प्रार्थना और आराधना के दौरान, यीशु को अपनी आत्मा के व्यक्ति की आँखों से देखना, वास्तव में आपको बदल देगा और आपको हजारों लोगों के लिए आशीष का कारण बनाएगा।
Prayer
1. परमेश्वर की पवित्र आत्मा मुझमें प्रभु यीशु को आमने-सामने देखने की इच्छा पैदा कर।

2.  पिता यीशु के नाम में, मुझे एक अनुशासित प्रार्थना जीवन के लिए आपकी कृपा और सामर्थ दें।

Join our WhatsApp Channel


Most Read
● कौन आपकी अगुवाई कर रहा है?
● बीज की सामर्थ - २
● परिपक्वता जिम्मेदारी से शुरू होती है
● दुख से अनुग्रह की ओर बढ़ना
● आप प्रार्थना करें, वह सुनता है
● जीवन की बड़ी चट्टानों (पत्थर) की पहचान करना और उन्हें प्राथमिकता देना
● क्या आप प्रभु का विरोध (साम्हना) कर रहे हैं?
Comments
CONTACT US
Phone: +91 8356956746
+91 9137395828
WhatsApp: +91 8356956746
Email: [email protected]
Address :
10/15, First Floor, Behind St. Roque Grotto, Kolivery Village, Kalina, Santacruz East, Mumbai, Maharashtra, 400098
GET APP
Download on the App Store
Get it on Google Play
JOIN MAILING LIST
EXPLORE
Events
Live
NoahTube
TV
Donation
Manna
Praises
Confessions
Dreams
Contact
© 2025 Karuna Sadan, India.
➤
Login
Please login to your NOAH account to Comment and Like content on this site.
Login