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Daily Manna

दिन १२: ४० दिन का उपवास और प्रार्थना

Tuesday, 3rd of December 2024
44 28 596
Categories : उपवास और प्रार्थना

यह मेरा असामान्य सफलता (अश्चार्यक्रम) का समय है

११ और यहोवा का सन्दूक गती ओबेदेदोम के घर में तीन महीने रहा; और यहोवा ने ओबेदेदोम और उसके समस्त घराने को आशिष दी। १२ तब दाऊद राजा को यह बताया गया, कि यहोवा ने ओबेदेदोम के घराने पर, और जो कुछ उसका है, उस पर भी परमेश्वर के सन्दूक के कारण आशिष दी है। तब दाऊद ने जा कर परमेश्वर के सन्दूक को ओबेदेदोम के घर से दाऊदपुर में आनन्द के साथ पहूंचा दिया। (२ शमूएल ६:११-१२)

पुराने नियम में, परमेश्वर का सन्दूक अपने लोगों के बीच परमेश्वर की उपस्थिति का प्रतिनिधित्व करता था। नए नियम में, परमेश्वर की उपस्थिति अब सन्दूक तक ही सीमित नहीं थी; हमारी देह अब परमेश्वर का मन्दिर है (१ कुरिन्थियों ६:१९-२०)। यदि ओबेदेदोम के जीवन में परमेश्वर की उपस्थिति तीन महीनों में उसके जीवन को बदल सकती है, तो आपके जीवन में परमेश्वर की उपस्थिति आपको असामान्य सफलताएं दे सकती है। परमेश्वर की उपस्थिति अभी भी सामर्थी है और किसी भी स्थिति को पलट सकती है। मसीह ने नए नियम में परमेश्वर की उपस्थिति का प्रतिनिधित्व किया, और जब भी वह प्रकट होता है, हमेशा असामान्य सफलताओं का एक रिकॉर्ड होता था।

एक असामान्य सफलता का आनंद उठाने का क्या मतलब है?
१. एक असामान्य सफलता वह है जो आपके जीवन या पारिवारिक वंश में पहले कभी कुछ नहीं हुआ हो।
 
२. असामान्य सफलता का अर्थ है कि किसी परिस्थिति पर परमेश्वर के चमत्कारी कार्यों का आनंद लेना।

३. एक असामान्य सफलता एक प्रसिद्ध और निर्विवाद सफलता, गवाही और कार्यसिद्धि या प्राप्ति है।

४. इसका मतलब है जहां कोई मार्ग नहीं होता है वहां परमेश्वर मार्ग बनाता है।

असामान्य सफलताओं के बाइबिल उदाहरण
१. कर्ज रद्दीकरण के लिए आर्थिक सशक्तिकरण
२ राजा ४:१-७ में, विधवा ने एक असामान्य सफलता का अनुभव किया और कर्ज से मुक्त हो गई। परमेश्वर का अभिषेक आपको कर्ज से बाहर निकालने के लिए काफी शक्तिशाली है। मैं आपके जीवन पर ऐलान करता हूं कि; यह आपके लिए यीशु के नाम में एक असामान्य सफलता का समय है।

२. शर्मिंदगी अनुग्रह से ढंका जाएगी
यीशु की उपस्थिति ने उस शर्म को ढक दिया जो नवविवाहित जोड़ों और उनके परिवार पर पड़ती। पानी को दाखरस में बदलने वाला चमत्कार एक असामान्य सफलता थी। (यूहन्ना २:१-१२)। परमेश्वर की उपस्थिति फर्क लाती है, और यह शर्म और तिरस्कार को समाप्त करती है।

असामान्य सफलताओं का आनंद कैसे उठाना है?
  • कुछ भी कार्य होने तक प्रार्थना करें
प्रार्थना किसी भी परिस्थिति पर परमेश्वर की सामर्थ को आमंत्रित करती है; यह असंभव को संभाव में बदल देता है। यदि प्रार्थना करने वाला मनुष्य है, तो उत्तर देने वाला परमेश्वर भी है।

१७ एलिय्याह भी तो हमारे समान दुख-सुख भोगी मनुष्य था; और उस ने गिड़िगड़ा कर प्रार्थना की; कि मेंह न बरसे; और साढ़े तीन वर्ष तक भूमि पर मेंह नहीं बरसा। १८ फिर उस ने प्रार्थना की, तो आकाश से वर्षा हुई, और भूमि फलवन्त हुई॥ (याकूब ५:१७-१८)

  • परमेश्वर के वचन के प्रति आज्ञाकारि बनना
आज्ञा का पालन आपको एक असामान्य सफलता की ओर ले जाती है। आपकी आज्ञा का पालन का स्तर आपकी सफलता के स्तर को निर्धारित करेगा।
 
शमौन ने उसको उत्तर दिया, कि हे स्वामी, हम ने सारी रात मिहनत की और कुछ न पकड़ा; तौभी तेरे कहने से जाल डालूंगा। (लूका ५:५)

उस की माता ने सेवकों से कहा, "जो कुछ वह तुम से कहे, वही करना।" (यूहन्ना २:५)

हमारा परमेश्वर भस्म करनेवाली अग्नि है, और वही परमेश्वर है जो अग्नि के द्वारा उत्तर देता है (१ राजा १८:२४, इब्रानियों १२:२९)। परमेश्वर की ओर से उत्तर अप्रत्याशित रूप से आता है। आपकी सारी प्रार्थना और उपवास व्यर्थ नहीं जाएगा; आपको ऐसी गवाहियाँ मिलेंगी जो यीशु के नाम में आपके जीवन में परमेश्वर की महिमा का विज्ञापन करेंगी।

  • कभी हार न मानना
यदि आप परमेश्वर को सभी संभावनाओं के परमेश्वर के रूप में नहीं मानते हैं, तो आप असामान्य सफलताओं का आनंद नहीं ले सकते। निराशाजनक स्थितियों में भी आपको आशावान बने रहना चाहिए; इस तरह से परमेश्वर कहानी को बदलने के लिए कदम उठा सकता है। विश्वास आपको हमेशा असामान्य उन्नति के लिए तैयार रखेगी। कभी हार न मानना।

१८ उस ने निराशा में भी आशा रखकर विश्वास किया, इसलिये कि उस वचन के अनुसार कि तेरा वंश ऐसा होगा वह बहुत सी जातियों का पिता हो। १९ और वह जो एक सौ वर्ष का था, अपने मरे हुए से शरीर और सारा के गर्भ की मरी हुई की सी दशा जानकर भी विश्वास में निर्बल न हुआ। २० और न अविश्वासी होकर परमेश्वर की प्रतिज्ञा पर संदेह किया, पर विश्वास में दृढ़ होकर परमेश्वर की महिमा की। २१ और निश्चय जाना, कि जिस बात की उस ने प्रतिज्ञा की है, वह उसे पूरी करने को भी सामर्थी है। (रोमियो ४:१८-२१)

Bible Reading Plan: Luke 14- 19
Prayer
१. पिता, यीशु के नाम में छिपे हुए अवसरों के लिए मेरी आंखे खोल दें। (यिर्मयाह ३३:३)

२. यीशु के नाम में मेरी प्रगति को रोकने वाले हर गढ़ को मैं नीचे गिरता हूं। (२ कुरिन्थियों १०:४)

३. यीशु के नाम में, मैं हर उस रिश्ते से अलग हो जाता हूं जो मेरी विधान को तोड़ सकता है। ( नितिवचन १३:२०)

४. प्रभु, यीशु के नाम में मुझे एक असामान्य सफलता की ज्ञान दें। (याकूब १:५)

५. पिता, यीशु के नाम में आर्थिक, वैवाहिक और असामान्य सफलताएँ मुझे दें। (व्यवस्थाविवरण २८:१२)

६. कोई भी शक्ति जो मुझे गवाहियों से इनकार करना चाहती है, पवित्र आत्मा की अग्नि से नष्ट हो जाए। (यशायाह ५४:१७)

७. मेरे अगले स्तर के खिलाफ लड़ने वाला कोई भी मजबूत व्यक्ति, यीशु के नाम से बंधा हो। (मत्ती १२:२९)

८. हे प्रभु, यीशु के नाम में मेरे और मेरे परिवार के लिए आशीष के नए द्वार खोल। (प्रकाशितवाक्य ३:८)

९. यीशु के नाम में, मैं इस समय में एक हर तरफ से सफलता को ग्रहण करता हूं। (भजन संहिता ११८:२५)

१०. मेरी गवाही और विधान को मोड़ने वाली हर उस लक्षित शक्ति, मैं तुम्हें यीशु के नाम में नष्ट कर देता हूं। (यशायाह ०८:१०)

११. मेरी सफलताओं के खिलाफ लड़ने वाली कोई भी वेदी, यीशु के नाम में नीचे गिर जाए। (न्यायियों ६:२५-२७)

१२. कोई भी शक्ति, मेरे विधान के विरुद्ध बोलने वाली अवनति, यीशु के नाम में चुप हो जाए। (यशायाह ५४:१७)

१३. मेरा विधान यीशु के नाम में अविकसित नहीं होगा। (यिर्मयाह २९:११)

१४. मेरी अच्छी अपेक्षाएँ यीशु के नाम में कम नहीं होंगी। (नीतिवचन २३:१८)

१५. हे प्रभु, मुझे, मेरे परिवार के सदस्यों, पासबान माइकल, और टीम को यीशु के नाम में अभिषेक के एक उच्च स्तर पर ले जा। (भजन संहिता ९२:१०)

१६. पिता, यीशु के नाम में मुझे असामान्य सफलताओं के लिए सशक्त करें। (एफिसियो ३:२०)

१७. यीशु के नाम में, यह मेरी असामान्य उन्नति का समय है। (यशायाह ४३:१९)

१८. यीशु के नाम में, मैंने जो कुछ भी खोया है, उसका पीछा करता हूं, आगे निकल जाता हूं और पुनर्प्राप्त करता हूं, यीशु के नाम में। (१ शमूएल ३०:८)

१९. हे प्रभु, इस ४० दिन के उपवास पर मुझे और सभी को सामर्थ दें। (यशायाह ४०:३१)

२०. मैं ऐलान करता हूं, यीशु के नाम में मेरी भलाई के लिए सब कुछ एक साथ कार्य करना शुरू होगा। (रोमियो ८:२८)

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