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Daily Manna

आपका मेंटर (सलाहकार) कौन है - I

Wednesday, 29th of January 2025
37 24 489
Categories : उपदेशक
प्रेरित पौलुस ने कुरिन्थियों को लिखा, “क्योंकि यदि मसीह में तुम्हारे सिखाने वाले दस हजार भी होते, तौभी तुम्हारे पिता बहुत से नहीं, इसलिये कि मसीह यीशु में सुसमाचार के द्वारा मैं तुम्हारा पिता हुआ। सो मैं तुम से बिनती करता हूं, कि मेरी सी चाल चलो। (१ कुरिन्थियों ४:१५-१६ ईएसवी)

कुछ महान बाइबिल वीरों के लिए सफलता के रहस्यों में से एक सलाहकार था। क्या आपके पास एक सलाहकार है जिसका आप अनुकरण कर सकते हैं और उनसे सीख सकते हैं? यदि नहीं, तो प्रार्थनापूर्वक किसी व्यक्ति को अपने लिए इस भूमिका को भरने के लिए खोजें, जैसा कि पौलुस ने कुरिन्थियों के लिए किया था। यदि आप आत्मिक रूप से विकसित होना चाहते हैं, तो यह एक ऐसा सिद्धांत है जिसे आप अनदेखा नहीं कर सकते।

आइए हम बाइबल में सलाह देनेवाले के कुछ उदाहरण देखें।
उदाहरण #१
यहोशू हमेशा वहाँ था, परमेश्वर का दास मूसा के आस पास था।

और यहोवा मूसा से इस प्रकार आम्हने-साम्हने बातें करता था, जिस प्रकार कोई अपने भाई से बातें करे। और मूसा तो छावनी में फिर आता था, पर यहोशू नाम एक जवान, जो नून का पुत्र और मूसा का टहलुआ था, वह तम्बू में से न निकलता था॥ (निर्गमन ३३:११)

यह इस तथ्य का एक बहुत ही संक्षिप्त और सूक्ष्म है लेकिन महत्वपूर्ण उल्लेख है कि जब यहोवा मूसा से बात किया था तब यहोशू मौजूद था, लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि मूसा के चले जाने के बाद भी यहोशू तम्बू से बाहर नहीं निकला। उसने मूसा के प्रार्थना जीवन से परमेश्वर के साथ घनिष्ठता सीखी। जब मूसा पर्वत पर परमेश्वर से भेंट करने को गया, तब यहोशू उसके पीछे हो लिया। (निर्गमन २४:१३)

इस व्यक्ति यहोशू ने नबी मूसा के जीवन, परमेश्वर के साथ उनके संबंध और उनके जीवन का बहुत ध्यान से पालन किया। फिर, एक दिन, यह व्यक्ति इस्राएलियों को कनान की प्रतिज्ञा की हुई भूमि में ले गया।

उदाहरण #२
 
एलीशा एक किसान था। जब एलिय्याह एलीशा से पहली बार मिला, तब वह बारह जोड़ी बैलों से हल जोत रहा था। (१ राजा १९:१९) उसका पिता एक धनी व्यक्ति था। एक दिन एलिय्याह ने आकर एलीशा पर अपनी चद्दर डाल दी, और उस दिन से एलीशा सच्चाई से एलिय्याह के पीछे हो लिया। उन दिनों बहुत से भविष्यद्वक्ता थे, परन्तु इस व्यक्ति, एलीशा ने अपने गुरु का पीछा किया। मैं आज बहुत कम लोगों को ऐसा करते हुए देखता हूं।

आज, कई लोग केवल इंस्टाग्राम पर एक तस्वीर पोस्ट करने के लिए परमेश्वर के एक दास या एक दासी के करीब जाना चाहते हैं। उन्हें परमेश्वर के दास से सीखने में बिलकुल भी दिलचस्पी नहीं है। वे वास्तव में परमेश्वर के दास के अभिषेक के बारे में परवाह नहीं करते हैं। वे केवल अपनी प्रार्थनाओं का उत्तर पाने के लिए अभिषेक का उपयोग करना चाहते हैं।

जब यहोवा एलिय्याह को बवंडर के द्वारा स्वर्ग में उठा लेने को था, तब एलिय्याह और एलीशा दोनों संग संग गिलगाल से चले। २ एलिय्याह ने एलीशा से कहा, यहोवा मुझे बेतेल तक भेजता है इसलिये तू यहीं ठहरा रह। एलीशा ने कहा, यहोवा के और तेरे जीवन की शपथ मैं तुझे नहीं छोड़ने का; इसलिये वे बेतेल को चले गए।

४ और एलिय्याह ने उस से कहा, "हे एलीशा, यहोवा मुझे यरीहो को भेजता है; इसलिये तू यहीं ठहरा रह: उसने कहा, यहोवा के और तेरे जीवन की शपथ मैं तुझे नहीं छोड़ने का; सो वे यरीहो को आए।"

६ फिर एलिय्याह ने उस से कहा, "यहोवा मुझे यरदन तक भेजता है, सो तू यहीं ठहरा रह; उसने कहा, यहोवा के और तेरे जीवन की शपथ मैं तुझे नहीं छोड़ने का; सो वे दोनों आगे चले।" (२ राजा २:२-६)

उल्लिखित चार स्थानों में से प्रत्येक (गिलगाल, बेतेल, यरीहो और यरदन) इस्राएल के इतिहास में अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं, और मेरा मानना है कि वे मसीही जीवन यात्रा में चरणों के अत्यधिक प्रतीकात्मक हैं। गिलगाल शरीर से निपटने का स्थान है। (यहोशू ४:१९-२४)। बेतेल हमारे संसार पर जय पाने की बात करता है क्योंकि पवित्र शास्त्र में मिस्र संसार को दर्शाता है। यरीहो आत्मिक युद्ध का स्थान है। कई मसीही आत्मिक युद्ध को नापसंद करते हैं क्योंकि यह बहुत अपेक्षाएँ रखने वाला है, इसलिए वे आसान मार्ग अपनाते हैं। वे परमेश्वर के दास से उनके लिए प्रार्थना करने को कहते हैं।

एलिय्याह आसपास रहने के लिए एक चुनौतीपूर्ण व्यक्ति था, लेकिन फिर भी एलीशा ने एलिय्याह की सेवा की। हालांकि एलिय्याह के बहुत करीब होने के बावजूद एलीशा ने पद की खोज नहीं की बल्कि एक सेवक की भूमिका निभाई और उसने एलिय्याह के हाथों पर पानी डालने वाले व्यक्ति के रूप में जाना गया था। (२ राजा ३:११)

ऐसे कुछ प्रश्न हैं जिनका आपको सच्चाई से उत्तर देने की जरुरत है:
1. आप किससे सीख रहे हैं?
2. आप किसकी नकल कर रहे हैं?
3. आपका गुरु (सलाहकार) कौन है?

Bible Reading: Exodus 30-32
Prayer
पिता, मेरे जीवन में एक गुरु के महत्व को देखने के लिए मेरी आंखें खोल दें। यीशु के नाम में। आमेन।



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