दो
सकारात्मकःएकता,गुणन,मिलन,विवाह,साक्षी,समझौता, शक्तिl
नकारात्मक:नकारात्मकl
परमेश्वर ने कहा:जल के बीच एक ऐसा अन्तर हो कि जल दो भाग हो जाए,और परमेश्वर ने उसे अन्तर को आकाश कहा तथा सांझ फिर भोर हुआ । इस प्रकार दूसरा दिन हो गया।(उत्पति१ः६,८)
क्योंकि उन्हें अपने श्रम का अच्छा प्रतिफल मिलता है,एक से दो अच्छे हैं क्योंकि उनके पऱिश्रम का फल मिलता है। क्योंकि यदि उन में से एक गिरे, तो दूसरा उसको कोई उठाने वाला न हो।(सभोपदेशक ९ः१०)
सकारात्मकःएकता,गुणन,मिलन,विवाह,साक्षी,समझौता, शक्तिl
नकारात्मक:नकारात्मकl
परमेश्वर ने कहा:जल के बीच एक ऐसा अन्तर हो कि जल दो भाग हो जाए,और परमेश्वर ने उसे अन्तर को आकाश कहा तथा सांझ फिर भोर हुआ । इस प्रकार दूसरा दिन हो गया।(उत्पति१ः६,८)
क्योंकि उन्हें अपने श्रम का अच्छा प्रतिफल मिलता है,एक से दो अच्छे हैं क्योंकि उनके पऱिश्रम का फल मिलता है। क्योंकि यदि उन में से एक गिरे, तो दूसरा उसको कोई उठाने वाला न हो।(सभोपदेशक ९ः१०)
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