डेली मन्ना
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प्रभु में कैसे अपने आप को प्रोत्साहित करें
Saturday, 12th of July 2025
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भावना
१ शमूएल ३० में, छावनी से लौटने के बाद, दाऊद और उसके लोगों ने देखा कि अमालेकियों ने एक हमला किया और अपनी पत्नियों और बच्चों को बिना किसी की हत्या के बंदी बना लिया था।
जब दाऊद और उसके लोगों ने विनाश देखा और महसूस किया कि उनके परिवारों के साथ क्या हुआ था, वे तब तक रोते रहे जब तक वे रो नहीं सकते थे।
और दाऊद बड़े संकट में पड़ा; क्योंकि लोग अपने बेटे-बेटियों के कारण बहुत शोकित हो कर उस पर पत्थरवाह करने की चर्चा कर रहे थे। परन्तु दाऊद ने अपने परमेश्वर यहोवा को स्मरण करके हियाव बान्धा॥ (१ शमूएल ३०:६)
ध्यान दीजिए, दाऊद ने अपने आपको निराश होने नहीं दिया। इसके बजाय, उसने अपने आपको यहोवा में प्रोत्साहित करने और मज़बूत बनाने का विकल्प चुना।
ऐसा समय होगा जब आपका समर्थन करने के लिए आपके आसपास कोई नहीं होगा; यह ऐसे समय में है जब बहुत से लोग फिर कभी नहीं उठे हैं। यह आपकी कहानी नहीं होगी। उठो! अपने आप को प्रभु में प्रोत्साहित करें।
मजे की बात यह है कि जब दाऊद ने प्रभु में अपने आप को मजबूत किया, तो उसके लोग भी उसके पास वापस आ गए। हमेशा याद रखें, जब आप अपने आप को प्रभु में प्रोत्साहित करते हैं, तो वह प्रोत्साहन संक्रामक हो जाता है। यह आपके आस-पास के सभी लोगों पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा।
बाइबल में स्पष्ट नहीं है कि दाऊद ने कैसे प्रभु में खुद को प्रोत्साहित किया। हो सकता है, वह अपनी वीणा लिया, एकांत स्थान पर पीछे हटे, और प्रभु की स्तुति और आराधना के गीत गाने लगे। यह हो सकता है कि दाऊद का गीत गाने में मन न लगे, लेकिन उन्होंने वैसे भी किया होगा।
अपने आसपास की नकारात्मक परिस्थितियों को बढ़ाने से इंकार करें। इसके बजाय, प्रभु की बड़ाई करे। अपने हेडफ़ोन पर कुछ आराधना संगीत चलाएं और उनके नाम को ऊँचा उठाए। या फिर आप अपनी बाइबल खोल सकते हैं और वचन के एक हिम्मत दिलानेवाली भाग को पढ़ सकते हैं। आपका आत्मिक मनुष्य वचन बोलते हुए आपकी आवाज उठाएगा और आपके आत्मिक मनुष्य में विश्वास पैदा होगा। (रोमियों १०:१७)
परमेश्वर के एक महान दास ने एक बार कहा था, "जब आप प्रभु को ऊँचा उठाते हैं, तो आप अपनी परेशानी को और छोटा करते हैं।" यह प्रभावशाली है की नहीं; इस तरह आप अपने आप को प्रभु में प्रोत्साहित कर सकते हैं। विजय जल्द ही आपकी होगी।
Bible Reading: Palms 134-142
प्रार्थना
पिता, मैं आपको धन्यवाद देता हूं कि आप ही मेरी आशा और शक्ति हैं। मैं आप को यह जानकर झुक गया कि आप मुझे कभी असफल नहीं करोगे। यीशु के नाम में, आमीन।
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