क्या आपने अपने जीवन में बदलाव के निर्णय केवल पिछड़ने के लिए हैं? यह कई लोगों के लिए बहुत हताशा का कारण बनता है जो वास्तव में बेहतर के लिए बदलना चाहते हैं।
इस ठहराव का एक कारण यह है कि कई लोग केवल बाहरी परिवर्तन कर रहे हैं। यदि आप स्थायी परिवर्तन की इच्छा रखते हैं, तो आपको बीतर जाने की जरुरी है - अपने मन पर ध्यान दें।
और उस ने (यीशु ) उन से दृष्टान्तों में बहुत सी बातें कही, कि देखो, एक बोने वाला बीज बोने निकला। बोते समय कुछ बीज मार्ग के किनारे गिरे, कुछ पत्थरीली भूमि पर गिरे, कुछ झाड़ियों में गिरे, पर कुछ अच्छी भूमि पर गिरे, जिस के कान हों वह सुन ले॥ (मत्ती १३:३-९)
प्रभु यीशु ने मानव हृदय को मिट्टी कहा है। उपर के वचन में, प्रभु यीशु ने ४ प्रकारों के बारे में बताया है।
१. मार्ग के किनारे
२. पत्थरीली भूमि
३. झाड़ियों
४. अच्छी भूमि
ये चार प्रकार की मिट्टी मानव हृदय की चार स्थितियों को इंगित करती हैं। पहला सिद्धांत जिसे हमें समझने की जरुरी है कि मिट्टी में जो कुछ भी बोया गया है वह कुछ हद तक बढ़ता है।
और यह मानव हृदय के बारें में है - जो कुछ भी बोया गया है तब आपका हृदय बढ़ता है।
यदि आप अश्लील चित्र और अन्य अशुद्ध चीजें बो रहे हैं, तो वे चीजें हैं जो बढ़ेंगी। यदि आप नकारात्मकता और कड़वाहट बो रहे हैं, तो यह फसल है जिसे आप पाएंगे।
दूसरी, हमें अपने मन की स्थिति की नियमित रूप से निगरानी करने की जरुरी है। जब ऐसा लगता है कि आप प्रभु से दूर जा रहे हैं, तो आप यह सुनिश्चित करने के लिए अपने मन की स्थितियों से निपटने के लिए तत्काल उपाय करने की जरुरत है ताकि यह सुनिश्चित करले कि बोया गया अच्छा बीज नष्ट न हो जाए।
आज, अपने आप से पूछें, "मैं किस तरह की मिट्टी हूं?"
आपके आलावा - कोई भी आपके लिए इस प्रश्न का उत्तर नहीं दे सकता है!
Bible Reading: Isaiah 10-13
प्रार्थना
१. पिता, मुझे अपनी आत्मा में सही चीजों को बोने के लिए अच्छी बुद्धि दें, यीशु के नाम से।
२. पिता, आपका वचन कहता है, "आत्मा गहरी चीजों को खोजती है"। मेरे मन को खोज कर और उन सभी चीजों को निकाल दे जो आपको असंतुष्ट हैं। यीशु के नाम से। अमीन।
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