डेली मन्ना
                
                    
                        
                
                
                    
                        
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            उत्तमता (उत्तमगुण) कैसे प्राप्त करें
Friday, 8th of August 2025
                    
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                                उत्तमता
                            
                        
                                                
                    
                            जैसा कि मैंने कल ज़िक्र किया था, उत्तमता हमारी एक दैनिक आदत होनी चाहिए न कि एक बार की कार्य । उत्तमता की मेरी सरल परिभाषा है: कोई देखें  या न देखें उसकी परवाह किए बिना, हमारी हर दिन की साधारण चीजों को सबसे अच्छे तरीके से करें । वास्तव में परमेश्वर हमारे हर कार्य को देखता हैं और हमें उन हर कार्य का प्रतिफल देते हैं जो हमारे समझ के परे हैं ।
हालाँकि, उत्तमता जीवन जीने के लिए हमें उत्तमता के उद्देश को भी समझना चाहिए, वरना यह एक ऐसी चीज बन जाएगी जो जीवन के बजाय मृत्यु और निंदा लाती है।
पमेश्वर हमें चीजों को उत्तमता के साथ करने के लिए नहीं कहते हैं , हमें कुछ साधना के संकेत या उनके अंगीकार को प्राप्त कर सकें। वास्तव में, हम पहले से ही पिता द्वारा स्वीकार किए गए हैं क्योंकि यीशु ने हम में से हर के लिए जो क्रूस पर किया था। हम कभी भी मसीह के संपूर्ण किए गए कार्य में और कुछ अधिक नहीं जोड़ सकते हैं। (इफिसियों १: ६-७)
वास्तव उद्देश यह है कि परमेश्वर चाहता है हम उत्तमता में चले ताकि हम उनका एक प्रतिबिंब बन सकें - जैसे पिता, पुत्र के समान। उत्तमता में चलने से हम उनके समान बन जाते हैं।
प्रभु सब कुछ उत्तमता के साथ करता है।
तू तो ज्योतिर्मय है, आखेट के पर्वतों से अधिक ऐश्वर्यवान है।। (भजन संहिता ७६:४)
एक नज़र डाले कि परमेश्वर आपके और मेरे बारे में क्या कहते हैं (जो मसीह में हैं)
"पृथ्वी पर पवित्र लोग जो हैं, ये तो वे महिमामय जन हैं जिनसे मैं अति प्रसन्न हू ।" (भजन संहिता १६:३)
तो फिर हम उत्तमता कैसे प्राप्त करें ?
प्रेरित पतरस लिखते हैं :
"परन्तु तुम एक चुना हुआ वंश, राजकीय याजकाें का समाज, एक पवित्र प्रजा, और परमेशवर की निज सम्पत्ति हो, जिस से तुम उसके महान् गुणों को प्रकट करो जिसने तुम्हें अंधकार से अपनी अद्भुत ज्योति में बुलाया है।" (1 पतरस २:९)
इस तर्क (बात) पर ध्यान दें कि, हमें अंधकार से उनके अद्भुत उजाले में क्यों बुलाया गया है; ताकि हम उनकी उत्तमता को घोषित कर सके।
इसलिए उत्तमता हासिल करने का पहला तरीका बस परमेश्वर का पीछा करना है, और उनके चरित्र को प्रतिबिंबित करना है, और उनके उत्तम चरित्र लक्षण की घोषणा करना जिनसे हम संपर्क रखते हैं।
प्रेरित पौलुस लिखते हैं: "इसलिए प्रिय बालकों के सदृश परमेश्वर का अनुकरण करने वाले बनो [अपने पिता की अनुकरण करे ]।" (इफिसियों ५:१)
परमेश्वर ने हमें उनकी छवि में और उनकी समानता में बनाया है। अब उनके छुड़ाए गए बच्चों के रूप में, हममें मसीह की छवि में नवीकरण ।
Bible Reading: Isaiah 57-60
                अंगीकार
                पिता, मैं यीशु के नाम में आपको धन्यवाद देता हूं, मसीह यीशु में आपने मुझे वह सब दिया जिसमें मैं उत्तमता का जीवन जी सकू जो आपके नाम को महिमा लाए। यीशु के नाम में, आमीन ।
                
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