डेली मन्ना
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प्रार्थना रहित जीवन स्वर्गदूत का कार्य के लिए रुकावट है
Monday, 11th of August 2025
प्रार्थनाहीनता की सबसे बड़ी शोकपूर्ण में से एक स्वर्गदूतों की बेरोजगारी है। उससे मेरा मतलब क्या है? मुझे समझाने की अनुमति दें।
जब शक्तिशाली सीरियाई सेना ने नबी एलीशा और उनके सेवक को घेर लिया, तब " एलीशा ने कहा, ‘तू मत डर! जो हमारे साथ हैं, वे उनसे अधिक हैं जो शत्रु-सेना के साथ हैं।" (२ राजा ६:१६)
"तब एलीशा ने यह प्रार्थना की, ‘हे प्रभु, इस युवक की आंखों को खोल दे, और यह देखने लगे।’ अत: प्रभु ने एलीशा के सेवक की आंखें खोल दीं और उसने देखा कि एलीशा के चारों ओर अग्निमय अश्व और रथ हैं जिनसे पहाड़ भर गया है।" (२ राजा ६:१७)
स्वर्गदूत प्रार्थना के स्थान पर या प्रार्थना के व्यक्ति के प्रति आकर्षित होते हैं। स्वर्गदूत कार्य में स्थिर थे क्योंकि एलीशा (परमेश्वर का दूत) ने परमेश्वर से प्रार्थना की । यह जानने के लिए अधिक कल्पना की आवश्यकता नहीं है कि, यदि प्रभु के जन ने प्रार्थना नहीं की होती तो क्या होता। शायद, सीरियाई सेना ने उन्हें बंदी बना लिया होगा और हो सकता है उन्हें शिमशोन की तरह यातना दी होगी।
प्रेरितों के काम २७ में हम देखते है, समुद्र के बीच, प्रेरित पौलुस एक भयंकर तूफान में फंस गए, जिसने पूरे जहाज को बर्बाद करने की धमकी दी। तब उसने प्रार्थना की और उसकी प्रार्थनाओं के जवाब में प्रभु ने उसके साथ खड़े होने के लिए एक स्वर्गदूत भेजा।
प्रेरितों के काम २७:२३ से प्रेरित पौलुस ने इस मुक़ाबला के बारे में नाविकों को बोला की,"क्योंकि मैं जिस परमेश्वर का सेवक तथा उपासक हूँ, उसके स्वर्गदूत ने आज रात मेरे समीप खड़े होकर मेरी मदद की |"
प्रभु के स्वर्गदूत ने पौलुस और नाविकों को तूफान से बाहर निकाला। उनके जीवन चमत्कारिक रूप से बचाया गया । इसी तरह, जब आप भी प्रार्थना करते हैं, परमेश्वर अपने स्वर्गदूतों को आदेश देंगे की आपको हर तूफान से बाहर निकालें।
प्रेरितों के काम १२ में, हम देखते हैं कि राजा हेरोदेस ने कलीसिया को सताना शुरू कर दिया। उसने याकूब को यूहन्ना के भाई की हत्या कर दी। अब जब हेरोद ने देखा कि यहूदियों के साथ उसकी लोकप्रियता कितनी बढ़ी है, तो उसने पतरस को भी प्राणदंड देने की योजना के साथ गिरफ्तार कर लिया। पतरस की सुरक्षा के लिए सोलह सैनिकों को सौंपा गया था जब तक कि उसे एक सार्वजनिक मुकदमे में नहीं लाया जा सकता। यह देखकर, कलीसिया तीव्र मध्यस्थी के समय में चला गया, जिससे परमेश्वर को पतरस को मुक्त करने के लिए प्रार्थना की।
इस प्रार्थना का प्रभाव यह तक था कि स्वर्ग कार्य को स्थापित करना । "प्रभु का दूत अचानक आ खड़ा हुआ और कोठरी प्रकाश से भर गई। उसने पतरस की बगल थपथपा कर उन्हें जगाया और कहा, “जल्दी उठिए!” इस पर पतरस की हथकड़ियाँ खुलकर गिर पड़ीं।" (प्रेरितों के काम १२:७)
कलिस्या के तीव्र मध्यस्थी प्रार्थना के कारण पतरस के पक्ष में प्रभु के स्वर्गदूत को कार्य करने में लाया गया। वह चमत्कारिक रूप से आज़ाद हुआ ।
जरा सोचो यदि कलीसिया ने प्रार्थना नहीं की होती तो क्या होता? पतरस को निश्चित रूप से मौत के घाट उतार दिया गया होता । स्वर्गदूत का कार्य उत्साहित प्रार्थना का परिणाम है। प्रार्थनाहीनता स्वर्गदूतों को सिर्फ मूकदर्शक बना देती है।
प्रभु के प्रिय जन, यह सोशल मीडिया पर बहस और तर्क (विवाद ) का समय नहीं है। यह प्रार्थना का समय है। एक प्रार्थनाहीन व्यक्ति शैतान की दया में होगा। एक प्रार्थनाहीन परिवार परिस्थितियों की दया पर होगा। एक प्रार्थना रहित कलीसिया एक हारा हुआ कलीसिया होगा।
प्रार्थना के लिए खड़े हो जाए।
११ तेरे समस्त मार्गों में तेरी रक्षा हेतु,प्रभु अपने दूतों को आज्ञा देगा। १२वे तुझे अपने हाथों पर उठा लेंगे, जिससे तेरे चरणों को पत्थर से ठेस न लगे। (भजन संहिता ९१:११-१२)
Bible Reading: Jeremiah 2-4
अंगीकार
पिता, यीशु के नाम में, मेरे प्रार्थना जीवन में रूकावट डालनेवाले हर एक शैतानी कार्य को बंद करता हूँ । हर व्याकुलता जो मुझे प्रार्थना करने से रोकती है, मैं यीशु के नाम से बांधता हूं हर अवरोध और बाधा जो मेरी प्रार्थना में रुकावट लाती है उसे यीशु के नाम से उखाड़ फेंकता हूँ इस क्षण से, मैं यीशु के नाम में मेरे प्रार्थना जीवन को पवित्र आत्मा के हाथोँ में समर्पित करता हूँ । पिता, यीशु के नाम में, मेरे जीवन को “प्रार्थना अभिषेक” से भर दे ।
कुछ समय अन्यभाषा में प्रार्थना करें |
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