डेली मन्ना
२१ दिन का उपवास: दिन ०५
Thursday, 16th of December 2021
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उपवास और प्रार्थना
निम्नलिखित वचन एक बीमार व्यक्ति की भयानक स्थिति का वर्णन करता हैं
उसने मेरे भाइयों को मुझ से दूर किया है, और जो मेरी जान पहचान के थे, वे बिलकुल अनजान हो गए हैं। मेरे कुटुंबी मुझे छोड़ गए हैं, और जो मुझे जानते थे वह मुझे भूल गए हैं। जो मेरे घर में रहा करते थे, वे, वरन मेरी दासियां भी मुझे अनजाना गिनने लगीं हैं; उनकी दृष्टि में मैं परदेशी हो गया हूँ।
जब मैं अपने दास को बुलाता हूँ, तब वह नहीं बोलता; मुझे उस से गिड़गिड़ाना पड़ता है। मेरी सांस मेरी स्त्री को और मेरी गन्ध मेरे भाइयों की दृष्टि में घिनौनी लगती है। लड़के भी मुझे तुच्छ जानते हैं; और जब मैं उठने लगता, तब वे मेरे विरुद्ध बोलते हैं।
मेरे सब परम मित्र मुझ से द्वेष रखते हैं, और जिन से मैं ने प्रेम किया सो पलटकर मेरे विरोधी हो गए हैं। मेरी खाल और मांस मेरी हड्डियों से सट गए हैं, और मैं बाल बाल बच गया हूं। (अय्यूब १९:१३-२०)
प्रभु यीशु ने उन सभी को चंगा किया जो उनके पास आये थे। उन्होंने कभी किसी से मुंह नहीं मोड़ा। उन्होंने कभी किसी बीमार व्यक्ति को यह नहीं बताया कि यह उनके लिए दुख और प्रभु की इच्छा है। प्रभु यीशु पिता की इच्छा को पूरा करने के लिए आये थे। इससे हम जान सकते हैं कि चंगाई प्रभु की इच्छा है। अक्सर शत्रु (शैतान) प्रभु के लोगों को बीमारी और रोग के बंधन में रखने के लिए झूठ का इस्तेमाल करता है।
प्रेरितों के काम १०:३८ कहता है, "परमेश्वर ने किस रीति से यीशु नासरी को पवित्र आत्मा और सामर्थ से अभिषेक किया: वह भलाई करता, और सब को जो शैतान के सताए हुए थे, अच्छा करता फिरा; क्योंकि परमेश्वर उसके साथ था।"
याद रखिए, प्रेरितों के काम १०:३८ कहता है कि वह ''उन सभी के बारे में जो शैतान के द्वारा पीड़ित किए गए थे।'' यह बताता है कि बीमारी असलियत में क्या है। यह हमें कुछ सिखाने के लिए प्रभु का आशीष नहीं है। न ही यह प्रभु की ओर से दंड है।
यदि प्रभु बीमारी के स्रोत है, तो उन्होंने हमें चंगाई देने के लिए अपने पुत्र यीशु को नहीं भेजता।
चंगाई पहले से ही एक निपुण कार्य है। १ पतरस २:२४ कहता है, "यीशु ही हमारे पापों को अपनी देह पर लिए हुए क्रूस पर चढ़ गया जिस से हम पापों के लिये मर कर के धामिर्कता के लिये जीवन बिताएं: उसी के मार खाने से तुम चंगे हुए।
कुछ वचन मनन करने के लिए
निर्गमन १५:२६
यशायाह ५३
भजन १०३:१-५
४० दिन बाइबल पढ़ने की योजना
२ कुरिन्थियों ८-१३: गलातियों १
अंगीकार
(हर प्रार्थना अस्त्र को तब तक दोहराएं जब तक वह आपके मन से नहीं आती। उसके बाद ही अगली प्रार्थना अस्त्र की ओर बढ़ें। (इसे दोहराएं, अमल करें, कम से कम १ मिनट के लिए हर एक प्रार्थना मुद्दे के साथ ऐसा करें)
प्रभु यीशु, आप इसलिए आये है कि में जीवन पाऊँ और मैं बहुतायत से पाऊँ। (यूहन्ना १०:१०)
मेरा शरीर पवित्र आत्मा का मंदिर है। प्रभु की आत्मा मुझ में बसी है और मेरे शरीर के हर हिस्से को जीवन देती है। इसलिए बीमारी, रोग, दुर्बलता, दर्द और संक्रमण का मेरे शरीर में कोई स्थान नहीं है। यीशु के नाम में।
मसीह ने मुझे श्राप की व्यवस्था से छुड़ाया है। इसलिए, मैं किसी भी बीमारी या रोग को मेरे शरीर पर आने से रोकता हूं। हर बीमारी के कीटाणु और इस शरीर को छूने वाला हर विषाणु यीशु के नाम से तुरंत मर जाए।
इस शरीर का हर एक अंग और हर एक ऊतक उस पूर्णता में कार्य करें, जिसे परमेश्वर ने कार्य करने के लिए बनाया है, और मैं इस शरीर में किसी भी तरह की खराबी को रोकता हूं, यीशु के नाम में। (गलतियों ३:१३, रोमियों ८:११, उत्पत्ति १:३१, मत्ती १६:१९)
यीशु मेरे अपराधों के लिए घायल हो गया है। वह मेरे अधर्म के लिए आघात हो गया है, मेरी शांति के लिए उनके ऊपर दण्ड है और उसके खोड़े खाने से मुझे यीशु के सामर्थशालीनाम से चंगाई मिली है।
(जैसा कि आप इसका उल्लेख करते हैं शरीर के उन हिस्सों को स्पर्श करें)
मैं यीशु के नाम में मेरे सिर के बालों में प्रभु के जीवन को बोलता हूं
मैं यीशु के नाम में मेरेआँखों में प्रभु के जीवन को बोलता हूं
मैं यीशु के नाम में मेरेकानों में प्रभु के जीवन को बोलता हूं
मैं यीशु के नाम में मेरेनाक में प्रभु के जीवन को बोलता हूं
मैं यीशु के नाम में मेरेमुँह में प्रभु के जीवन को बोलता हूं
मैं यीशु के नाम में मेरे दातों और मसूड़ों में प्रभु के जीवन को बोलता हूं
मैं यीशु के नाम में मेरे शरीर के हर एक कोशाणु में प्रभु के जीवन को बोलता हूं
मैं यीशु के नाम में मेरेशरीर केलहू में प्रभु के जीवन को बोलता हूं
मैं यीशु के नाम में मेरे शरीर की हड्डियाँ में प्रभु के जीवन को बोलता हूं
मैं यीशु के नाम में मेरे शरीर की त्वचा में प्रभु के जीवन को बोलता हूं
मैं यीशु के नाम में मेरे हर एक शरीर की अंग में प्रभु के जीवन को बोलता हूं
मैं यीशु के नाम में मेरे हर एक शरीर की छेद, नाड़ी और रक्तवाहिनी में प्रभु के जीवन को बोलता हूं
(यदि आपको कोई बीमारी है, तो अपने हाथों को शरीर के उस भाग पर रखें और निम्नलिखित बातें कहें)
मैं यीशु के नाम में मेरे ………(शरीर के भाग का नाम) में प्रभु के जीवन को बोलता हूं।
मैं यीशु के नाम में मेरे……… [अपने परिवार के सदस्यों के नाम का उपयोग करें] में प्रभु के जीवन को बोलता हूं।
(जैसे कि आप अपने छाती पर हाथ रखकर निम्नलिखित प्रार्थना अस्त्र को कहें)
१. मेरे शरीर के हर एक विषाक्त पदार्थों को यीशु के नाम से आग से भस्म किया जाए।
२. हर एक शैतानी बागान को यीशु के नाम से मेरे जीवन से उखाड़ दिया जाए।
३. मेरे जीवन में बोए गए हर एक बुरे बीज को यीशु के नाम से उखाड़ दिया जाए।
४. हर एक शैतानी गाद मेरे जीवन और शरीर से यीशु के नाम से और यीशु के लहू से बह जाए।
५. पिता, यीशु के नाम से, मैं हर एक व्यक्ति में प्रभु का जीवन को बोलता हूं जो इस २१ दिवसीय प्रार्थना कार्यक्रम का भागी है। हे प्रभु तु उन्हें चंगा कर। (इस पर कुछ समय बिताएं)
यदि आपके परिवार में कोई भी बीमार है, तो उनको तेल से अभिषेक करें और उपरोक्त प्रार्थना अस्त्र का उपयोग करके उनके लिए प्रार्थना करें।
प्रभु की स्तुति और आराधना करने में कुछ विशेष समय बिताएं।
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