डेली मन्ना
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परमेश्वर के 7 आत्मा
Sunday, 17th of August 2025
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नाम और आत्मा का शीर्षक
परमेश्वर की सात आत्माएं
यूहन्ना की ओर से आसिया की सात कलीसियाओं के नाम: उस की ओर से जो है, और जो था, और जो आने वाला है; और उन सात आत्माओं की ओर से, जो उसके सिंहासन के साम्हने हैं (प्रकाशितवाक्य :14)
विशेष ध्यान इन वाक्यांशों पर‘‘वो सात आत्माएं जो उसके सिंहसनों के सामने है।
’’सिर्फ एक ही अच्छा है - पवित्र आत्मा।
पवित्र शास्त्र के अनुसार संख्या सात हमेशा सम्पूर्णता और श्रेष्ठता को दर्शाता है। संख्या‘‘सात’’पवित्र आत्मा की भरपूरी और सामर्थ उसके कार्य और उसकी सेवकाई को हर मसीही जीवन में दर्शाता है।
पवित्र शास्त्र कहता है‘‘युसूफ के पास एक वस्त्र था जो बहुत सारे रंगों से हुआ था’’जो उसके पिता याकूब ने दिया था।
(उत्पति 37ः3)बाइबिल के विद्यमान इससे सहमत है कि वह अंगरखा एक चिन्ह है पवित्र आत्मा का। युसूफ मसीह का एक स्वरूप था,पुराने नियम में और यहां हम देखते हैं कि पुभु येसु ने अंगरखा पहना बहुरंग जो कि पवित्र आत्मा या जो उसे दिया गया था।
अब नबी यशायाह, मसीह के बारे में भविष्यवाणी करता है यशायाह 11ः2 पवित्र आत्मा के सात अलग.अलग कलीसिया के बारे में स्पष्ट रूप से बताता हैः
और यहोवा की आत्मा, बुद्धि और समझ की आत्मा, युक्ति की आत्मा,और पराक्रम की आत्मा,और ज्ञान की आत्मा उस पर ठहरी रहेगी। (यशायाह 11ः2)
1.प्रभु की आत्मा।
2.बुद्धि की आत्मा।
3.समझ की आत्मा।
4.सलाह की आत्मा।
5.पराक्रम की आत्मा।
6.ज्ञान की आत्मा।
7. भय की आत्मा।
परमेश्वर की सात आत्माएं पवित्र आत्मा के सात ‘‘गुण’’ हैं।इनमें आत्मा की परिपूर्णता का भी उल्लेख है।आत्मा की यह परिपूर्णता प्रभु यीशु पर टिकी हुई थी।चूंकि प्रिज्म प्रकाश बनाने वाले सात अलग-अलग रंगों को प्रतिबिंबित कर सकता है, इसलिए हमारे परमेश्वर ने आत्मा के सभी विविध, फिर भी एकीकृत संचालन को प्रकट किया।
हर जगह मैं इस राष्ट्र और दुनिया के कुछ हिस्सों में जाता हूं।मैं एक ही पवित्र आत्मा के मंत्री को विभिन्न लोगों के लिए अलग.अलग तरीकों से देखता हूं। हो सकता है कि कुछ कलीसिया को, वे कुछ समझ में, कुछ कलीसियों को बुद्धि,चंगा करने, देने आदि के लिए।यदि आप प्राप्त करना चाहते हैं परिपूर्णता में परमेश्वर के सात आत्माएं के लिए आप सभी को मांगने की आवश्यकता है।(लुका 11ः13)
Bible Reading: Jeremiah 19-22
अंगीकार
येसु के नाम में, प्रभु की आत्मा मुझ पर विश्राम करती है, ज्ञान और समझ की आत्मा, सलाह की आत्मा, ज्ञान की आत्मा और प्रभु के भय की आत्मा मुझ में हैं। प्रभु के भय में मेरी खुशी है,और मुंह देखा न्याय न करेगा और न अपने कानों के सुनने के अनुसार निर्णय करेगा।(यशयाह 11ः2-3)।आमीन
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