डेली मन्ना
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परमेश्वर के वचन को पढ़ने का ५ लाभ
Saturday, 13th of September 2025
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परमेश्वर का शब्द
कही सालों से,मैंने लोगों को परमेश्वर के वचन को तिरस्कार करते हुए देखा है। कुछ लोग परमेश्वर के वचन को पढ़े बिना भी दिनों और हफ्तों तक चलते हैं। किसी भी तरह, वे आश्वस्त हैं कि रविवार की सुबह एक संदेश को सुनना काफी है।
यहां तक कि कई मसीह भी जो लोग सालों से कलीसिया में हैं वे शायद कभी परमेश्वर के वचन को व्यवस्थित अध्ययन करते हैं। परमेश्वर के वचन को पढ़ने के कई लाभ हैं। पवित्र आत्मा आपके अंदर और उसके वचन की भूख और प्यास में इसका उपयोग करे।
कृपया निम्नलिखित को बहुत ध्यान से पढ़ें। ये एक राजा के लिए परमेश्वर का निर्देश था,
"और जब वह राजगद्दी पर विराजमान हो, तब इसी व्यवस्था की पुस्तक, जो लेवीय याजकों के पास रहेगी, उसकी एक नकल अपने लिये कर ले।
और वह उसे अपने पास रखे, और अपने जीवन भर उसको पढ़ा करे, जिस से वह अपने परमेश्वर यहोवा का भय मानना, और इस व्यवस्था और इन विधियों की सारी बातों के मानने में चौकसी करना सीखे।
जिस से वह अपने मन में घमण्ड करके अपने भाइयों को तुच्छ न जाने, और इन आज्ञाओं से न तो दाहिने मुड़े और न बाएं; जिस से कि वह और उसके वंश के लोग इस्राएलियों के मध्य बहुत दिनों तक राज्य करते रहें। (व्यवस्थाविवरण १७:१८-२०)
राजा को परमेश्वर के वचन को रोजाना पढ़ना चाहिए - जब तक वह इस धरती पर रहेगा। इससे राजा को कई तरह से सुसज्जित हुआ है,
१. वह प्रभु के भय में चलना सीखेगा
२. यह उसे घमंड से दूर रखेगा
३. यह उसे परमेश्वर के मार्ग से भटकने न देगा
४. यह उसे, अपने और अपने बेटों के लिए लंबी उम्र का आश्वासन देगा
५. उनका नेतृत्व (नयाकत्व) स्थापित किया जाएगा
पवित्र शास्त्र उनके पूर्ण बलिदान के माध्यम से कहती है कि, प्रभु यीशु ने हमें अपने परमेश्वर और पिता के लिए राजा और याजक बनाया है (प्रकाशितवाक्य १:६)। आप और मैं राजा और याजक हैं।
याजक के रूप में, हमें पिता के सामने धन्यवाद और मध्यस्थी की बलि देने के लिए बुलाया गया है। राजाओं के रूप में, हमें बीमार लोगों को चंगा करने के लिये और सुसमाचार की खातिर बुरी आत्माओं को बाहर निकालने के लिये अपने अधिकार को इस्तमाल करना चाहिए। परमेश्वर की बुलावट को प्रभावी ढंग से पूरा करने के लिए, हमें अपने आप को परमेश्वर के वचन के लिये तैयार होना जरुरी है जैसे कि परमेश्वर ने राजाओं को व्यवस्थाविवरण १७:१८-२० में बताया है।
परमेश्वर उन लोगों को आदर और आशीष देने के लिए प्रतिबद्ध है जो उनके बहुमूल्य\ वचन को प्यार और आदर करेंगे। उत्पत्ति से प्रकाशितवाक्य तक, परमेश्वर ने हमारे लिये उनका मन और हृदय को प्रकट किया है। बाकी सब कुछ खत्म हो जाएगा, "परन्तु परमेश्वर का वचन सदैव अटल रहेगा" (यशायाह ४०:८)। जब हम उसके वचन को
विश्र्वास से पालन करते हैं, हमारा जीवन उसकी महिमा से चमकेगा।
पास्टर माइकल द्वारा लिखित इन छोटी सी ईबुक्स को पढे़ं
१. बायबल कैसे पढे़ं :https://bit.ly/2ZABBKc
२. एक आशीर्वादित :https://tinyurl.com/5dma39h5
Bible Reading: Ezekiel 33-35
प्रार्थना
पिता, यीशु के नाम से, मैं आपको धन्यवाद देता हूं कि, आप हमेशा आपके वचन को निभाते हैं।मुझे पर हर दिन आपके वचन को पढ़ने और ध्यान करने की कृपा करें। अमीन।
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