डेली मन्ना
आज के दिनों में ढूंढने वाली सबसे दुर्लभ चीज
Monday, 2nd of May 2022
74
64
1608
Categories :
वफादारी
बहुत से मनुष्य अपनी कृपा (वफादारी) का प्रचार करते हैं; परन्तु सच्चा पुरूष कौन पा सकता है? (नीतिवचन २०:६)
मुझे याद है कि एक वरिष्ठ महिला से पूछ रहे थी कि वह अपने कुत्ते से इतना प्रेम क्यों करती है। उसने जवाब दिया, कुत्ते ज्यादातर मामलों में लोगों की तुलना में अधिक वफादार होते हैं। उसका जवाब हमेशा मेरे मन में अंकित किया गया है।
वफादारी क्या है?
वफादार होने का मतलब है विश्वासयोग्य होना और वादे निभाना। इसमें सभी स्थितियों के माध्यम से भरोसेमंद होना भी शामिल है। वफादार होने का मतलब है कि आपको स्वार्थी हितों और व्यक्तिगत प्रतिबद्धताओं को अलग रखना होगा।
जैसा कि रूत की पुस्तक पढ़ते है, तो आप पाते हैं कि रूत का कहना है कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उसने परमेश्वर के प्रति वफादारी व्यक्त की है। तेरे लोग मेरे लोग होंगे, और तेरा परमेश्वर मेरा परमेश्वर होगा (रूत १:१६)। यहाँ एक जवान स्त्री थी, जिसके लिए कुछ भी काम नहीं कर रहा था। उसके पास परमेश्वर को अस्वीकार करने और परमेश्वर से पीछे हटने के लिए उसके सभी कारण थे, और फिर भी वह कहती है, तेरा परमेश्वर मेरा परमेश्वर होगा।
जब आप बाकी कहानी पढ़ेंगे तो आप देखेंगे कि परमेश्वर ने नाटकीय तरीके से उसकी वफादारी का सम्मान किया। वह पुनःस्थापित कि गई थी और न भूलते हुए कि, वह मसीहा के सीधे वंश में थी - प्रभु यीशु मसीह।
जब यीशु ने अपने चेलों को बाहर भेजा, तो उन्होंने उन्हें दो-दो करके भेजे। (मरकुस ६:७) दो लोगों की इस टीम ने निश्चित रूप से गहरी निष्ठा (वफादारी), एकता और मित्रता विकसित की होगी जैसे कि उन्होंने परमेश्वर के राज्य की घोषणा की थी, बीमारों को चंगा किया और दुष्टात्मा को एक साथ बाहर निकाला।
इसे आपके दैनिक प्रार्थना मुद्दा बनाएं, परमेश्वर से यह मांगे कि आप दूसरों के साथ आपके रिश्तों में वफादार रहने में मदद करें। सबसे महत्वपूर्ण, उनके प्रति वफादार, सही प्राथमिकताओं के साथ।
प्रार्थना
पिता, मुझे हर रोज क्रूस उठाने में और आपके वचन के माध्यम से आपका अनुसरण करने में मदद कर। मैं आपसे मेरे आसपास वफादार और विश्वासयोग्य लोगों के लिए मांगता हूं। यीशु के नाम में। आमेन।
Most Read
● दूसरों के लिए प्रार्थना करना● आत्मारोपित शापों से छुटकारा
● दिन ११ : ४० का उपवास और प्रार्थना
● होशियार (बुद्धिमानी) से काम करना
● अपने आराम (सुविधा) क्षेत्र से बाहर निकलें
● दिन ०६: २१ दिन का उपवास और प्रार्थना
● आभारी (कृतज्ञता) में एक सीख (है)
टिप्पणियाँ