डेली मन्ना
अपने संघर्ष को अपनी पहचान न बनने दें -१
Wednesday, 31st of August 2022
1
1
583
Categories :
भावना
मसीह में हमारी पहचान
वहाँ एक निश्चित मनुष्य था, जो अड़तीस साल से एक गंभीर से बैठे हुए और सुस्त विकार से पीड़ित था। जब यीशु ने उसे वहां पड़ा देखा [असहाय], यह जानते हुए कि वह पहले से ही उस स्थिति में बहुत दिनों से था, उन्होंने उससे कहा, क्या तू चंगा होना चाहता है? [क्या तू वास्तव में गंभीरतापूर्वक से चंगा होना चाहताहैं?] (यूहन्ना ५:५-६)
एक मनुष्य स्पष्ट रूप से बहुत दिनों से ठीक नहीं था और यीशु इस गरीब मनुष्य से पूछ रहता कि, "क्या तू चंगा होना चाहता है?" यह काफी पेचीदा सवाल है। मेरा विश्वास है कि जब आप इस संदेश को पढ़ते हैं यह आपके के लुए प्रभु का भी प्रश्न है: "क्या आप वास्तव में चंगे होना चाहते हैं?"
मुझे समझाने की अनुमति दें! क्या आप जानते हैं कि ऐसे कई लोग हैं जो वास्तव में चंगे नहीं होना चाहते हैं? पासबान माइकल क्या आप गंभीर हैं? हाँ! आपने सही सुना। ऐसे कई लोग हैं जो चंगे नहीं होना चाहते हैं।
अब, यह किसी की निंदा करने के लिए नहीं बल्कि सही और मदद करने के लिए है। अपनी समस्याओं को किसी ऐसे व्यक्ति के साथ साझा करने में कुछ भी गलत नहीं है जिस पर आप भरोसा करते हैं या सक्षम हैं। हालांकि, ऐसे लोग हैं जो अपनी समस्याओं के बारे में किसी और के साथ और सबी के साथ बात करना पसंद करते हैं। कुछ लोग सोशल मीडिया पर अपनी समस्याओं को साझा करने के लिए इस हद तक भी जाते हैं।
यह अच्छा नहीं है क्योंकि ऐसे लोग हैं जो इस जानकारी का उपयोग आपको भावनात्मक रूप से हेरफेर करने के लिए कर सकते हैं।
यह चिकित्साशास्त्र के अनुसार साबित हो चुका है। (यह मैं नहीं कह रहा हूं) कुछ लोगों के लिए सहानुभूति प्राप्त करना ध्यान केंद्रित करने का एक तरीका है। कुछ लोगों को अत्यधिक ध्यान देने की जरुरत होती है और वे अनुचित व्यवहार करके इसे प्राप्त करते हैं। कुछ लोग हमेशा शिकायत करने के लिए कुछ न कुछ करके सहानुभूति की खोज करते हैं।
कृपया नाराज मत होए। टांका करने से पहले एक अच्छा सर्जन (शस्र-चिकित्सक) काटता है। क्या आप वास्तव में चंगा होना चाहते हैं या क्या आप अपनी समस्या के बारे में बात करना चाहते हैं?
रूत अध्याय १ हमें नाओमी नामक एक स्त्री के बारे में बताता है। अकाल के दौरान, वे मोआब में रहने के लिए गए। जब वे घर से बहुत दूर मोआब में थे, तो उसके पति और उसके दोनों पुत्रों की मृत्यु हो गई। वह बिलकुल तबाह हो गई होगी।
उसकी पूरी दुनिया दुर्घटनाग्रस्त हो गई होगी। बाद में, मोआब में, वह सुनती है कि कैसे परमेश्वर ने अपने लोगों से मुलाकात (भेट) किया है, और वह अपनी बहू रूत के साथ बेतलेहेम में घर लौटती है।
सो वे दोनों चल निकलीं और बेतलेहेम को पहुंची। और उनके बेतलेहेम में पहुंचने पर कुल नगर में उनके कारण धूम मची; और स्त्रियां कहने लगीं, क्या यह नाओमी है?
उसने उन से कहा, मुझे नाओमी न कहो, मुझे मारा कहो, क्योंकि सर्वशक्तिमान् ने मुझ को बड़ा दु:ख दिया है।
मैं भरी पूरी चली गई थी, परन्तु यहोवा ने मुझे छूछी करके लौटाया है। सो जब कि यहोवा ही ने मेरे विरुद्ध साक्षी दी, और सर्वशक्तिमान ने मुझे दु:ख दिया है, फिर तुम मुझे क्यों नाओमी कहती हो? (रूत १:१९-२१)
नाओमी मुड़ गई और सही दिशा में आगे बढ़ गई। हालाँकि, वह अंदर से पूरी तरह से टूट चुकी थी। अपने पति, अपने दोनों पुत्रों को खोने के बाद, वह गहरे घाव से चल रही थी। उसने लोगों से कहा कि वह मुझे नाओमी कह के न बुलाए (जिसका मतलब सुखद (मधुर) था) बल्कि उसे मारह कह के बुलाए (जिसका अर्थ है कड़वा)।
क्या मैं आपको कुछ बता सकता हूँ? अपने संघर्ष को अपनी पहचान न बनने दें। अपनी समस्या को आपको नाम देने की अनुमति न दें। अपने संघर्षों को अपनी पहचान बदलने के लिए मजबूर न करें। नाओमी अपने संघर्ष और दर्द को अपने नाम करने की अनुमति दे रही थी।
आप शराब पीने से जूझ रहे होंगे, लेकिन खुद को शराबी मत कहिए। हो सकता है कि आपने अपने संबंधों में गलतियां की हों, लेकिन खुद को असफल न कहे। आपने अपनी नौकरी खो दी है या शायद कुछ चुनौतियों से गुजर रहे हैं लेकिन आप कुछ अच्छे चीजों के लिए ठीक नहीं हैं। परमेश्वर कहता है कि तुम वही हो जो तुम हो।
अंगीकार
मैं वही हूं जो परमेश्वर कहता है कि मैं हूं। मैं मसीह यीशु में एक नई सृष्टि हूं, सभी पुरानी बातें बीत चुकी हैं। सभी बातें नई हो गई हैं। मैं वही हूं जो वचन कहता है कि मैं हूं। यीशु के नाम में। अमीन।
Join our WhatsApp Channel
Most Read
● धन्यवाद का बलिदान● अपने मनःस्थिति (मनोदशा) को बेहतर बनाना
● एक अप्रतिबंधित दुनिया में तैयार रहना
● बुरे विचारों के युध्द को जीतना
● लंबी रात के बाद सूर्योदय
● विश्वास, आशा और प्रेम
● दिन ३८: ४० दिन का उपवास और प्रार्थना
टिप्पणियाँ