"हम को अपने दिन गिनने की समझ दे कि हम बुद्धिमान हो जाएं।" (भजन संहिता ९०:१२)
नया साल २०२४ शुरू होने में अब मुश्किल से ढाई महीने बचे हैं। ये साल कितनी तेजी से बीत गया. किसी ने एक बार कहा था, "समय और विजय किसी का इंतज़ार नहीं करते"। घड़ी की हर टिक-टिक एक चिन्ह है, जो इस धरती पर हमारे जीवन की सीमित स्वाभाव की याद दिलाती है।
बाइबल हमें चेतावनी देती है, "इसलिये ध्यान से देखो, कि कैसी चाल चलते हो; निर्बुद्धियों की नाईं नहीं पर बुद्धिमानों की नाईं चलो। और अवसर को बहुमोल समझो, क्योंकि दिन बुरे हैं।" (इफिसियों ५:१५-१६)
बिना किसी ठोस उपलब्धि या विकास के दिन, सप्ताह और यहां तक कि महीनों को रेत के कण की तरह हमारी उंगलियों से फिसल जाना आसान है। जैसा कि प्रेरित पौलुस इफिसियों में सुझाव देता है, जीवन भर हमारा सफर उद्देश्य और ज्ञान से भरा होना चाहिए। और २०२४ साल का आगमन हमें गहराई से सोचने पर मजबूर करना है। क्या हम अपने दिन अपने दैवी उद्देश्य के अनुरूप जी रहे हैं?
अक्सर, हम उन आवाज़, कार्य और अनुरोधों से घिरे रहते हैं जो हमारा ध्यान आकर्षित करने की होड़ में रहते हैं। लेकिन क्या वे उस समय के योग्य हैं जिसकी वे मांग करते हैं? यदि हम सावधान नहीं हैं, तो हम खुद को उन दिशाओं से दूर खींचे हुए पा सकते हैं जहां परमेश्वर हमें रखना चाहता है।
"परन्तु हे यहोवा मैं ने तो तुझी पर भरोसा रखा है, मैं ने कहा, तू मेरा परमेश्वर है, मेरे दिन तेरे हाथ में है..." (भजन संहिता ३१:१४-१५)
याद रखें, हमारा समय एक दैवी वरदान है, और इसके साथ वैसा ही व्यवहार करना जरुरी है। इच्छानुरूप होना यह स्वीकार करना है कि हमारा समय, वास्तव में हमारा जीवन, सर्वशक्तिमान के हाथों में है। हमें दिया गया हर क्षण उनके राज्य को आगे बढ़ाने का एक अवसर है।
जैसे-जैसे साल ख़त्म हो रहा है, इस पर विचार करें: क्या आपके लक्ष्य उन भव्य योजनाओं के साथ संरेखित हैं जो परमेश्वर ने आपके लिए निर्धारित की हैं? जब हम अपनी महत्वाकांक्षाओं को दैवीय उद्देश्य के साथ जोड़ते हैं, तो हम सांसारिक कार्यों से अद्वितीय पूर्णता और शांति का अनुभव करते हैं।
हमारे लिए परमेश्वर की योजनाएं प्रेम, आशा और समृद्धि में निहित हैं। तो फिर, दुनिया के कोलाहल और गड़बड़ी के बीच उनकी वाणी या आवाज को पहचानना महत्वपूर्ण है। यह विवेक हमारे मार्ग का मार्गदर्शन करने में मदद करता है, यह सुनिश्चित करते हुए कि हमारे लक्ष्य हमारे लिए उनकी इच्छाओं को प्रतिबिंबित करते हैं।
संभवतः, इच्छानुरूप जीवन जीने का सबसे चुनौतीपूर्ण पहलुओं में से एक "नहीं" कहना है। हर अवसर परमेश्वर दिया हुआ नहीं होता। और हमारे रास्ते में आने वाला हर व्यक्ति हमारे साथ हमारे दैवी मंजिल तक यात्रा करने के लिए नहीं है।
"परन्तु यहोवा ने शमूएल से कहा, न तो उसके रूप पर दृष्टि कर, और न उसके डील की ऊंचाई पर, क्योंकि मैं ने उसे अयोग्य जाना है; क्योंकि यहोवा का देखना मनुष्य का सा नहीं है; मनुष्य तो बाहर का रूप देखता है, परन्तु यहोवा की दृष्टि मन पर रहती है।'' (१ शमूएल १६:७)
इस वचन को मार्गदर्शन (निर्देशन) बनने दो। दुनिया भले ही अज्ञान और दिखावटी चीज़ों को महत्व देती हो, लेकिन परमेश्वर हर चीज़ के पीछे के भीतरी मनुष्य और मकसद को देखता है। उन प्रस्ताव, रिश्ते, या अवसरों को अस्वीकार करने का साहस रखें जो आपके लिए परमेश्वर की योजना और उद्देश्यों से मेल नहीं रखते हैं।
प्रार्थना
पिता, जैसे ही नए साल की गिनती शुरू होती है, हमें आपके उद्देश्य में शामिल कर। घड़ी की हर टिक-टिक हमारे मनों में आपके दैवी उद्देश्य को प्रतिध्वनित करने पाए, हमें केवल उन मार्गों को चुनने के लिए मार्गदर्शन कर जो आपके नाम को महिमा देता हैं। यीशु के नाम में। आमेन!
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