डेली मन्ना
दिन ०९ : ४० दिन का उपवास और प्रार्थना
Tuesday, 19th of December 2023
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उपवास और प्रार्थना
अपने दैवी (विधान) सहायकों से जुड़ना
मुझे सहायता यहोवा की ओर से मिलती है, जो आकाश और पृथ्वी का कर्ता है॥ (भजन संहिता १२१:२)
आपकी विधान वही है जो परमेश्वर आपके लिए चाहता है कि आप उसे प्राप्त करें और बनें। यह आपके जीवन के लिए परमेश्वर की योजना है। हर व्यक्ति को सहायता करने और सहायता पाने दोनों के लिए रचा गया है। अकेले में कोई भी अपनी विधान को पूरा नहीं कर सकता।
परमेश्वर ने हमें उन पर निर्भर रहने के लिए बनाया है, इसलिए ऐसी बहुत सी चीज़ें हैं जो हम अपनी मानवीय शक्ति से नहीं कर सकते। हम शक्ति, ज्ञान, विवेक और क्षमताओं में सीमित हैं। यदि हम परमेश्वर पर निर्भर रहते हैं, तो हम साहसपूर्वक पौलुस की तरह घोषणा कर सकते हैं और कह सकते हैं कि, "मैं मसीह के द्वारा जो मुझे सामर्थ देता है, सब कुछ कर सकता हूं।" (फिलिप्पियों ४:१३)। परमेश्वर हमारी सहायता का स्रोत है, और वह विभिन्न माध्यमों से हमें सहायता भेजता है। मनुष्य, देवदूत, प्रकृति, आदि।
विधान सहायक की सेवकाई पूरे पवित्र शास्त्र में है, और आज हम उनमें से कुछ लोगों के बारें में अध्ययन करेंगे।
विधान सहायकों के बाइबिल उदाहरण
१. आदम
आदम विधान सहायकों की सेवकाई का आनंद लेने वाले पहला व्यक्ति था। हव्वा को आदम की सहायता के लिए बनाया गया था। उसे उसके लिए "सहायक" के रूप में रचना किया गया था। (उत्पत्ति २:१८)
२. यूसुफ
उत्पत्ति ४०:१४ में, यूसुफ द्वारा पिलानेहारे को स्वप्न की व्याख्या करने के बाद, उसने पिलानेहारे की सहायता के लिए याचना की और कहा कि उसे यह देखना चाहिए कि वह बन्दीगृह से कैसे छूटेगा, परन्तु पिलानहार दो वर्ष तक उसके बारे में भूल गया (उत्पत्ति ४०:२२, ४१:१, ९-१४). लोग आपको तभी याद करेंगे जब परमेश्वर ने आपकी सहायता की होगी।
३. दाऊद
दाऊद ने अपने जीवन में अलग-अलग समय पर सहायता का आनंद लिया। वह समझ गया कि सहायता का आनंद लेने का क्या मतलब है, यही वजह है कि उसने अलग-अलग समय पर सहायता के बारे में लिखा।
वरन प्रतिदिन लोग दाऊद की सहायता करने को उसके पास आते रहे, यहां तक कि परमेश्वर की सेना के समान एक बड़ी सेना बन गई। (१ इतिहास १२:२२)
पलिश्तियों ने इस्राएल से फिर युद्ध किया, और दाऊद अपने जनों समेत जा कर पलिश्तियों से लड़ने लगा; परन्तु दाऊद थक गया। तब यिशबोबनोब, जो रपाई के वंश का था, और उसके भाले का फल तौल में तीन सौ शेकेल पीतल का था, और वह नई तलवार बान्धे हुए था, उसने दाऊद को मारने को ठाना। परन्तु सरूयाह के पुत्र अबीशै ने दाऊद की सहायता करके उस पलिश्ती को ऐसा मारा कि वह मर गया। तब दाऊद के जनों ने शपथ खाकर उस से कहा, "तू फिर हमारे संग युद्ध को जाने न पाएगा, ऐसा न हो कि तेरे मरने से इस्राएल का दिया बुझ जाए।" (२ शमूएल २१:१५-१७)
आप एक विधान सहायक चुनने वाले नहीं हैं, यह परमेश्वर है जो आपको उस व्यक्ति से जोड़ देगा जो उसने आपकी सहायता करने के लिए तैयार किया है।
मुझे दृढ़ विश्वास है कि आज की प्रार्थना के बाद आप परमेश्वर से अद्भुत सहायता का आनंद लेने लगेंगे। बंद दरवाजे फिर से खुल जाएंगे, और लोग यीशु के नाम में आपके साथ भलाई करने शुरू करेंगे।
सहायता के प्रकार
१. परमेश्वर की सहायता
परमेश्वर हमारी सहायता का प्रमुख स्रोत है। यदि परमेश्वर आपकी सहायता करता है, तो मनुष्य को भी आपकी सहायता करनी होगी। अपनी सहायता के लिए लोगों से भीख मांगने के बजाय, प्रार्थना में कुछ समय परमेश्वर की सहायता मांगने में बिताएं। परमेश्वर आपकी सहायता करने के लिए किसी के भी ह्रदय को हिला सकता है।
मत डर, क्योंकि मैं तेरे संग हूं,
इधर उधर मत ताक, क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर हूं;
मैं तुझे दृढ़ करूंगा और तेरी सहायता करूंगा,
अपने धर्ममय दाहिने हाथ से मैं तुझे सम्हाले रहूंगा॥ (यशायाह ४१:१०)
जब किसी का चाल चलन यहोवा को भावता है,
तब वह उसके शत्रुओं का भी उस से मेल कराता है। (नीतिवचन १६:७)
२. मनुष्य की सहायता
परमेश्वर ने भविष्यद्वक्ता एलिय्याह से कहा कि उसने उसे संभालने के लिए एक विधवा को तैयार किया है। हर व्यक्ति को सहायता की जरुरत होती है, और जब आप परमेश्वर पर निर्भर होते हैं, तो वह आपको सही व्यक्ति के पास भेजेगा जिसे उन्होंने आपके लिए तैयार किया है। (१ राजा १७:८-९)
अब हे भाइयों, हम तुम्हें परमेश्वर के उस अनुग्रह का समाचार देते हैं, जो मकिदुनिया की कलीसियाओं पर हुआ है। २ कि क्लेश की बड़ी परीक्षा में उन के बड़े आनन्द और भारी कंगालपन के बढ़ जाने से उन की उदारता बहुत बढ़ गई। ३ और उनके विषय में मेरी यह गवाही है, कि उन्होंने अपनी सामर्थ भर वरन सामर्थ से भी बाहर मन से दिया। ४ और इस दान में और पवित्र लोगों की सेवा में भागी होने के अनुग्रह के विषय में हम से बार बार बहुत बिनती की। ५ और जैसी हम ने आशा की थी, वैसी ही नहीं, वरन उन्होंने प्रभु को, फिर परमेश्वर की इच्छा से हम को भी अपने तईं दे दिया। (२ कुरिन्थियों ८:१-५ सीईवी)
३. स्वर्गदूतों की सहायता
यरीहो की दीवारों को नष्ट करने में यहोशू और इस्राएलियों ने स्वर्गदूतों की सहायता का आनंद लिया।
१३ जब यहोशू यरीहो के पास था तब उसने अपनी आंखें उठाई, और क्या देखा, कि हाथ में नंगी तलवार लिये हुए एक पुरूष साम्हने खड़ा है; और यहोशू ने उसके पास जा कर पूछा, क्या तू हमारी ओर का है, वा हमारे बैरियों की ओर का? १४ उसने उत्तर दिया, कि नहीं; मैं यहोवा की सेना का प्रधान हो कर अभी आया हूं। तब यहोशू ने पृथ्वी पर मुंह के बल गिरकर दण्डवत किया, और उस से कहा, अपने दास के लिये मेरे प्रभु की क्या आज्ञा है? १५ यहोवा की सेना के प्रधान ने यहोशू से कहा, अपनी जूती पांव से उतार डाल, क्योंकि जिस स्थान पर तू खड़ा है वह पवित्र है। तब यहोशू ने वैसा ही किया॥ (यहोशू ५:१३-१५)
आज जब आप प्रार्थना करते हैं, तो मैं भविष्यवाणी करता हूं कि प्रभु आपके लिए स्वर्गदूतों की सहायता जारी करेगा। जो असंभव लग रहा था, पहुंच से बाहर है, यीशु के नाम में होगा।
४. पृथ्वी से सहायता
प्रकृति परमेश्वर की वाणी का जवाब देती है और जरूरत पड़ने पर उनके लोगों की भलाई के लिए काम करेगी। पवित्र शास्त्र कहता हैं कि सभी चीजें मिलकर हमारे भले के लिए काम करती हैं। सभी चीजों में प्रकृति शामिल है; हमें केवल पवित्र शास्त्र में उपलब्ध आशीषों पर विश्वास करने और उन्हें अपनाने की जरुरत है।
परन्तु पृथ्वी ने उसकी सहायता की, और उस जल को जो अजगर के मुंह से निकला या, निगल लिया। (प्रकाशित वाक्य १२:१६)
यहोवा उस दिन एमोरियों को हराने में इस्राएलियों की सहायता कर रहा था। उस दिन यहोशू ने यहोवा से इस्राएलियों के देखते इस प्रकार कहा, हे सूर्य, तू गिबोन पर, और हे चन्द्रमा, तू अय्यालोन की तराई के ऊपर थमा रह॥ और सूर्य उस समय तक थमा रहा; और चन्द्रमा उस समय तक ठहरा रहा, जब तक उस जाति के लोगों ने अपने शत्रुओं से पलटा न लिया॥ क्या यह बात याशार नाम पुस्तक में नहीं लिखी है कि सूर्य आकाशमण्डल के बीचोबीच ठहरा रहा, और लगभग चार पहर तक न डूबा? (यहोशू १०:१२-१३)
अधिक अध्ययन: भजन संहिता १२१:१-८, भजन संहिता २०:१-९, सभोपदेशक ४:१०, यशायाह ४१:१३
मुझे सहायता यहोवा की ओर से मिलती है, जो आकाश और पृथ्वी का कर्ता है॥ (भजन संहिता १२१:२)
आपकी विधान वही है जो परमेश्वर आपके लिए चाहता है कि आप उसे प्राप्त करें और बनें। यह आपके जीवन के लिए परमेश्वर की योजना है। हर व्यक्ति को सहायता करने और सहायता पाने दोनों के लिए रचा गया है। अकेले में कोई भी अपनी विधान को पूरा नहीं कर सकता।
परमेश्वर ने हमें उन पर निर्भर रहने के लिए बनाया है, इसलिए ऐसी बहुत सी चीज़ें हैं जो हम अपनी मानवीय शक्ति से नहीं कर सकते। हम शक्ति, ज्ञान, विवेक और क्षमताओं में सीमित हैं। यदि हम परमेश्वर पर निर्भर रहते हैं, तो हम साहसपूर्वक पौलुस की तरह घोषणा कर सकते हैं और कह सकते हैं कि, "मैं मसीह के द्वारा जो मुझे सामर्थ देता है, सब कुछ कर सकता हूं।" (फिलिप्पियों ४:१३)। परमेश्वर हमारी सहायता का स्रोत है, और वह विभिन्न माध्यमों से हमें सहायता भेजता है। मनुष्य, देवदूत, प्रकृति, आदि।
विधान सहायक की सेवकाई पूरे पवित्र शास्त्र में है, और आज हम उनमें से कुछ लोगों के बारें में अध्ययन करेंगे।
विधान सहायकों के बाइबिल उदाहरण
१. आदम
आदम विधान सहायकों की सेवकाई का आनंद लेने वाले पहला व्यक्ति था। हव्वा को आदम की सहायता के लिए बनाया गया था। उसे उसके लिए "सहायक" के रूप में रचना किया गया था। (उत्पत्ति २:१८)
२. यूसुफ
उत्पत्ति ४०:१४ में, यूसुफ द्वारा पिलानेहारे को स्वप्न की व्याख्या करने के बाद, उसने पिलानेहारे की सहायता के लिए याचना की और कहा कि उसे यह देखना चाहिए कि वह बन्दीगृह से कैसे छूटेगा, परन्तु पिलानहार दो वर्ष तक उसके बारे में भूल गया (उत्पत्ति ४०:२२, ४१:१, ९-१४). लोग आपको तभी याद करेंगे जब परमेश्वर ने आपकी सहायता की होगी।
३. दाऊद
दाऊद ने अपने जीवन में अलग-अलग समय पर सहायता का आनंद लिया। वह समझ गया कि सहायता का आनंद लेने का क्या मतलब है, यही वजह है कि उसने अलग-अलग समय पर सहायता के बारे में लिखा।
वरन प्रतिदिन लोग दाऊद की सहायता करने को उसके पास आते रहे, यहां तक कि परमेश्वर की सेना के समान एक बड़ी सेना बन गई। (१ इतिहास १२:२२)
पलिश्तियों ने इस्राएल से फिर युद्ध किया, और दाऊद अपने जनों समेत जा कर पलिश्तियों से लड़ने लगा; परन्तु दाऊद थक गया। तब यिशबोबनोब, जो रपाई के वंश का था, और उसके भाले का फल तौल में तीन सौ शेकेल पीतल का था, और वह नई तलवार बान्धे हुए था, उसने दाऊद को मारने को ठाना। परन्तु सरूयाह के पुत्र अबीशै ने दाऊद की सहायता करके उस पलिश्ती को ऐसा मारा कि वह मर गया। तब दाऊद के जनों ने शपथ खाकर उस से कहा, "तू फिर हमारे संग युद्ध को जाने न पाएगा, ऐसा न हो कि तेरे मरने से इस्राएल का दिया बुझ जाए।" (२ शमूएल २१:१५-१७)
आप एक विधान सहायक चुनने वाले नहीं हैं, यह परमेश्वर है जो आपको उस व्यक्ति से जोड़ देगा जो उसने आपकी सहायता करने के लिए तैयार किया है।
मुझे दृढ़ विश्वास है कि आज की प्रार्थना के बाद आप परमेश्वर से अद्भुत सहायता का आनंद लेने लगेंगे। बंद दरवाजे फिर से खुल जाएंगे, और लोग यीशु के नाम में आपके साथ भलाई करने शुरू करेंगे।
सहायता के प्रकार
१. परमेश्वर की सहायता
परमेश्वर हमारी सहायता का प्रमुख स्रोत है। यदि परमेश्वर आपकी सहायता करता है, तो मनुष्य को भी आपकी सहायता करनी होगी। अपनी सहायता के लिए लोगों से भीख मांगने के बजाय, प्रार्थना में कुछ समय परमेश्वर की सहायता मांगने में बिताएं। परमेश्वर आपकी सहायता करने के लिए किसी के भी ह्रदय को हिला सकता है।
मत डर, क्योंकि मैं तेरे संग हूं,
इधर उधर मत ताक, क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर हूं;
मैं तुझे दृढ़ करूंगा और तेरी सहायता करूंगा,
अपने धर्ममय दाहिने हाथ से मैं तुझे सम्हाले रहूंगा॥ (यशायाह ४१:१०)
जब किसी का चाल चलन यहोवा को भावता है,
तब वह उसके शत्रुओं का भी उस से मेल कराता है। (नीतिवचन १६:७)
२. मनुष्य की सहायता
परमेश्वर ने भविष्यद्वक्ता एलिय्याह से कहा कि उसने उसे संभालने के लिए एक विधवा को तैयार किया है। हर व्यक्ति को सहायता की जरुरत होती है, और जब आप परमेश्वर पर निर्भर होते हैं, तो वह आपको सही व्यक्ति के पास भेजेगा जिसे उन्होंने आपके लिए तैयार किया है। (१ राजा १७:८-९)
अब हे भाइयों, हम तुम्हें परमेश्वर के उस अनुग्रह का समाचार देते हैं, जो मकिदुनिया की कलीसियाओं पर हुआ है। २ कि क्लेश की बड़ी परीक्षा में उन के बड़े आनन्द और भारी कंगालपन के बढ़ जाने से उन की उदारता बहुत बढ़ गई। ३ और उनके विषय में मेरी यह गवाही है, कि उन्होंने अपनी सामर्थ भर वरन सामर्थ से भी बाहर मन से दिया। ४ और इस दान में और पवित्र लोगों की सेवा में भागी होने के अनुग्रह के विषय में हम से बार बार बहुत बिनती की। ५ और जैसी हम ने आशा की थी, वैसी ही नहीं, वरन उन्होंने प्रभु को, फिर परमेश्वर की इच्छा से हम को भी अपने तईं दे दिया। (२ कुरिन्थियों ८:१-५ सीईवी)
३. स्वर्गदूतों की सहायता
यरीहो की दीवारों को नष्ट करने में यहोशू और इस्राएलियों ने स्वर्गदूतों की सहायता का आनंद लिया।
१३ जब यहोशू यरीहो के पास था तब उसने अपनी आंखें उठाई, और क्या देखा, कि हाथ में नंगी तलवार लिये हुए एक पुरूष साम्हने खड़ा है; और यहोशू ने उसके पास जा कर पूछा, क्या तू हमारी ओर का है, वा हमारे बैरियों की ओर का? १४ उसने उत्तर दिया, कि नहीं; मैं यहोवा की सेना का प्रधान हो कर अभी आया हूं। तब यहोशू ने पृथ्वी पर मुंह के बल गिरकर दण्डवत किया, और उस से कहा, अपने दास के लिये मेरे प्रभु की क्या आज्ञा है? १५ यहोवा की सेना के प्रधान ने यहोशू से कहा, अपनी जूती पांव से उतार डाल, क्योंकि जिस स्थान पर तू खड़ा है वह पवित्र है। तब यहोशू ने वैसा ही किया॥ (यहोशू ५:१३-१५)
आज जब आप प्रार्थना करते हैं, तो मैं भविष्यवाणी करता हूं कि प्रभु आपके लिए स्वर्गदूतों की सहायता जारी करेगा। जो असंभव लग रहा था, पहुंच से बाहर है, यीशु के नाम में होगा।
४. पृथ्वी से सहायता
प्रकृति परमेश्वर की वाणी का जवाब देती है और जरूरत पड़ने पर उनके लोगों की भलाई के लिए काम करेगी। पवित्र शास्त्र कहता हैं कि सभी चीजें मिलकर हमारे भले के लिए काम करती हैं। सभी चीजों में प्रकृति शामिल है; हमें केवल पवित्र शास्त्र में उपलब्ध आशीषों पर विश्वास करने और उन्हें अपनाने की जरुरत है।
परन्तु पृथ्वी ने उसकी सहायता की, और उस जल को जो अजगर के मुंह से निकला या, निगल लिया। (प्रकाशित वाक्य १२:१६)
यहोवा उस दिन एमोरियों को हराने में इस्राएलियों की सहायता कर रहा था। उस दिन यहोशू ने यहोवा से इस्राएलियों के देखते इस प्रकार कहा, हे सूर्य, तू गिबोन पर, और हे चन्द्रमा, तू अय्यालोन की तराई के ऊपर थमा रह॥ और सूर्य उस समय तक थमा रहा; और चन्द्रमा उस समय तक ठहरा रहा, जब तक उस जाति के लोगों ने अपने शत्रुओं से पलटा न लिया॥ क्या यह बात याशार नाम पुस्तक में नहीं लिखी है कि सूर्य आकाशमण्डल के बीचोबीच ठहरा रहा, और लगभग चार पहर तक न डूबा? (यहोशू १०:१२-१३)
अधिक अध्ययन: भजन संहिता १२१:१-८, भजन संहिता २०:१-९, सभोपदेशक ४:१०, यशायाह ४१:१३
प्रार्थना
हर एक प्रार्थना अस्त्र को तब तक दोहराएं जब तक कि यह आपके हृदय से गूंज न जाए। उसके बाद ही आपको अगले अस्त्र पर आगे बढ़ना चाहिए। प्रार्थना मुद्दे को व्यक्तिगत रूप से करें, और आगे बढ़ने से पहले सुनिश्चित करें कि यह वास्तव में पूर्णहृदय से है, हर एक प्रार्थन मुद्दे के लिए कम से कम एक मिनट समर्पित करें।
१. पिता, कृपया मेरे लिए आपके शरणस्थान से यीशु के नाम में सहायता भेज। (भजन संहिता २०:२)
२. मैं अपने जीवन के चारों ओर विधान हत्यारों के कार्य को यीशु के नाम में स्थगित कर देता हूं। (यूहन्ना १०:१०)
३. मुझे और मेरे विधान सहायकों के विरूद्व उठनए वाली कोई भी चीज़, यीशु के नाम में पवित्र आत्मा की अग्नि से नष्ट हो जाएगी। (यशायाह ५४:१७)
४. कोई भी बुरी आवाज, जो मेरे विधान सहायकों के सामने मुझ पर आरोप लगाती है, यीशु के नाम में चुप हो जाए।। (प्रकाशितवाक्य १२:१०)
५. हे प्रभु, आपकी कृपा से, मुझे उन सहायकों से जोड़ दें जिन्हें आपने यीशु के नाम में मेरे अगले स्तर के लिए तैयार किया है। (निर्गमन ३:२१)
६. प्रभु, मेरे लिए उन जगहों पर आवाजों को उठा जहां यीशु के नाम में मेरे जीवन से संबंधित निर्णय लिए जाते हैं। (नीतिवचन १८:१६)
७. मेरे विरुद्ध मेरे सहायकों के साथ छेड़छाड़ करने वाली कोई भी शक्ति, मैं उन शक्तियों के प्रभाव को यीशु के नाम में नष्ट कर देता हूं। (इफिसियों ६:१२)
८. मेरे विधान सहायक नहीं मारे जायेंगे, और उनके साथ कोई बुराई नहीं होगी, यीशु के नाम में। (भजन संहिता ९१:१०-११)
९. मैं समझौता और असफलता की हर आत्मा को यीशु के नाम में अपने जीवन के विरुद्ध काम करने से रोकता हूं। (२ कुरिन्थियों १:२०)
१०. पिता, मेरे पक्ष में लोगों को प्रभावित करने के लिए अपने पवित्र स्वर्गदूतों को यीशु के नाम में रिहा कर। (इब्रानियों १:१४)
११. करुणा सदन सेवकाई के विधान सहायक अब यीशु के नाम में सामने आगे आएंगे। (1 कुरिन्थियों १२:२८)
१२. मैं इस २१ दिन के उपवास पर हर एक व्यक्ति और उनके परिवारों पर यीशु का लहू लगाता हूं। (निर्गमन १२:१३)
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