डेली मन्ना
दिन ३३: ४० दिन का उपवास और प्रार्थना
Friday, 12th of January 2024
23
20
780
Categories :
उपवास और प्रार्थना
मुझे आपकी करूणा की जरुरत है
"पर यहोवा यूसुफ के संग संग रहा, और उस पर करूणा की, और बन्दीगृह के दरोगा के अनुग्रह की दृष्टि उस पर हुई।" (उत्पत्ति ३९:२१)
जब लोग किसी अजनबी देश में होते हैं तो एक कठिनाई यह होती है कि उनके पास मदद और संसाधनों की कमी हो सकती है। परन्तु यूसुफ एक पराए देश में बन्दीगृह में है, और जहां कहीं वह गया, परमेश्वर ने उस पर करूणा की, और लोगों की दृष्टि में उस पर अनुग्रह किया। यदि यूसुफ बन्दीगृह में परमेश्वर की करूणा और अनुग्रह का आनंद ले सकता था, तो इसका मतलब है कि वह बन्दीगृह में रहने से पहले भी इसका आनंद ले रहा था।
हमें लोगों से अच्छी चीजों का आनंद लेने और अपने विधान को पूरा करने के लिए जीवन में परमेश्वर की करूणा की जरुरत है। परमेश्वर की करूणा के बिना, शत्रु के कई निर्णय और आरोप हमारे जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।
हम संपूर्ण नहीं हैं, और इसका मतलब है कि गलती से किए गए हमारे पापपूर्ण कार्य न्याय का कारण बन सकते हैं। लेकिन परमेश्वर की करूणा ही हमारी रक्षा करती है, हमारा पालन-पोषण करती है और हमें उनके अनुग्रह का आनंद दिलाती है। आज के लिए हमारा मुख्य पवित्रशास्त्र दर्शाता है कि किसी व्यक्ति को अनुग्रह का आनंद लेने के लिए, उसे परमेश्वर की करूणा की खोज करनी चाहिए।
निर्गमन, अध्याय ३३, वचन १९ में, परमेश्वर कहते हैं, "उसने कहा, मैं तेरे सम्मुख हो कर चलते हुए तुझे अपनी सारी भलाई दिखाऊंगा, और तेरे सम्मुख यहोवा नाम का प्रचार करूंगा, और जिस पर मैं अनुग्रह करना चाहूं उसी पर अनुग्रह करूंगा, और जिस पर दया करना चांहू उसी पर दया करूंगा।
जब परमेश्वर किसी व्यक्ति पर करूणा दिखता है, तो वह उन चीज़ों का आनंद उठाएगा जिन्हें पाने के लिए दूसरे लोग संघर्ष कर रहे हैं।
हमें परमेश्वर की करुणा की जरुरत क्यों है?
हालाँकि मैंने कई चीजों का उल्लेख किया है, फिर भी मैं उन चीजों की एक सूची दूंगा जिनके लिए हमें परमेश्वर की करुणा की जरुरत है (यह एक विस्तृत सूची नहीं है)।
१. न्याय पर विजय पाने के लिए हमें परमेश्वर की करुणा की जरुरत है। (याकूब २:१३)
२. हमें अपने जीवन के विरुद्ध दुष्ट की लिखावट को हटाने के लिए परमेश्वर की करुणा की जरुरत है। (कुलुस्सियों २:१४)
३. हमें परमेश्वर की कृपा और आशीष का आनंद लेने के लिए उनकी करुणा की जरुरत है।
४. जब हम लापरवाही से उनकी आज्ञाओं का उल्लंघन करते हैं तो हमें परमेश्वर की करुणा की जरुरत होती है।
५. परमेश्वर से अच्छी चीज़ों का आनंद लेने के लिए हमें परमेश्वर की करुणा की जरुरत है।
६. हमें परमेश्वर की उपस्थिति तक पहुंचने के लिए उनकी करुणा की जरुरतहै। हम उनकी करुणा के बिना उनकी उपस्थिति तक नहीं पहुँच सकते। (निर्गमन २५:२१-२२)
७. हमें अपने जीवन पर आरोप लगाने वाले को शांत कराने के लिए परमेश्वर की करुणा की जरुरत है। (यूहन्ना ८:७-११)
८. हमें बुराई, परेशानिया, कष्ट और हमारे विरुद्ध लक्षित सभी प्रकार के दुष्ट कार्यों को रोकने के लिए परमेश्वर की करुणा की जरुरत है। यह करुणा की पुकार है जो हमें परमेश्वर की सामर्थ और आशीष का अनुभव और आनंद लेने का कारण बनेगी।
मरकुस १०:४६-५२ में, अंधा बरतिमाई चिल्लाया, "यीशु, हे दाऊद की सन्तान, यीशु मुझ पर दया कर।" उसने दया की पुकार लगाई। जब आप दया के लिए पुकारते हैं, तो इस पर परमेश्वर का ध्यान जाता है। जब दया की पुकार से यीशु का ध्यान आकर्षित हुआ, तो उसने उससे पूछा, "तू क्या चाहता है कि मैं तेरे लिये करूँ?" फिर उसने कहा, "यह कि मैं देखने लगूं।" करुणा की पुकार शैतान द्वारा आपके शरीर में क्षतिग्रस्त की गई किसी भी चीज़ को पुनःस्थापित कर सकती है।
दाऊद एक और व्यक्ति है जिसने परमेश्वर की करुणा का आनंद लिया। उसने परमेश्वर की करुणा को समझा और भजन संहिता की पुस्तक में इसके बारे में बात की।
मैं आपको परमेश्वर की करुणा पर दाऊद के कुछ भजन दिखाता हूं:
• भजन संहिता ४:१ "हेमेरे धर्ममय परमेश्वर, जब मैं पुकारूं तब तू मुझे उत्तर दे; जब मैं सकेती में पड़ा तब तू ने मुझे विस्तार दिया। मुझ पर अनुग्रह कर और मेरी प्रार्थना सुन ले।"
• भजन संहिता ६:२ "हे प्रभु, मुझ पर दया कर, क्योंकि मैं थक गया हूं; हे प्रभु, मुझे चंगा कर, क्योंकि मेरी हड्डियां दुख रही हैं।"
• भजन संहिता ९:१३ "हे यहोवा, मुझ पर अनुग्रह कर। तू जो मुझे मृत्यु के फाटकों के पास से उठाता है, मेरे दु:ख को देख जो मेरे बैरी मुझे दे रहे हैं।"
• भजन संहिता १३:५ "परन्तु मैं ने तेरी करूणा पर भरोसा रखा है; मेरा हृदय तेरे उद्धार से आनन्दित होगा।"
• भजन संहिता २३:६ "निश्चय भलाई और करूणा जीवन भर मेरे साथ साथ बनी रहेंगी; और मैं यहोवा के धाम में सर्वदा वास करूंगा।"
• भजन संहिता २५:७ "हे यहोवा अपनी भलाई के कारण मेरी जवानी के पापों और मेरे अपराधों को स्मरण न कर; अपनी करूणा ही के अनुसार तू मुझे स्मरण कर।"
• भजन संहिता ३०:१० "हे यहोवा, सुन, मुझ पर अनुग्रह कर; हे यहोवा, तू मेरा सहायक हो।"
करुणा की पुकार परमेश्वर का ध्यान आकर्षित करेगी। यह छुटकारा कर सकता है। यह चंगाई कर सकता है। यह मदद कर सकता है।
• भजन संहिता ३२:१० "दुष्ट को तो बहुत पीड़ा होगी; परन्तु जो यहोवा पर भरोसा रखता है वह करूणा से घिरा रहेगा।"
• भजन संहिता ३३:१८ "देखो, यहोवा की दृष्टि उसके डरवैयों पर और उन पर जो उसकी करूणा की आशा रखते हैं बनी रहती है।"
आज, मैं चाहंता हूं कि आप परमेश्वर की करुणा की पुकार दें। मैंने इनमें से कुछ भजन आपके साथ साझा किए ताकि आपको परमेश्वर की करुणा की गहरी समझ हो। मैं उस क्षेत्र को नहीं जानता जहां आपको परमेश्वर के मध्यस्थी की जरुरत है, लेकिन यदि आप आज करुणा के लिए पुकारते हैं और उस क्षेत्र को निर्दिष्ट कर सकते हैं जहां आपको उनकी करुणा की जरुरत है, तो आप परमेश्वर की करुणा का आनंद लेंगे।
प्रार्थना
हर एक प्रार्थना अस्त्र को तब तक दोहराएं जब तक कि यह आपके हृदय से गूंज न जाए। उसके बाद ही आपको अगले अस्त्र पर आगे बढ़ना चाहिए। प्रार्थना मुद्दे को व्यक्तिगत रूप से करें, और आगे बढ़ने से पहले सुनिश्चित करें कि यह वास्तव में पूर्णहृदय से है, हर एक प्रार्थन मुद्दे के लिए कम से कम एक मिनट समर्पित करें।
१. हे प्रभु, मुझ पर करुणा कर और मेरी सहायता कर। (भजन संहिता ५१:१)
२. हे प्रभु, मुझ पर अपनी करुणा दिखा और यीशु के नाम में, मुझ पर लोगों का अनुग्रह पाने का कार्य कर। (भजन संहिता ९०:१७)
३. हे प्रभु, तेरी करुणा मुझ पर बनी रहे, और मैं जहां भी जाऊं मेरे पीछे होले। (भजन संहिता २३:६)
४. हे प्रभु, आपकी करुणा से, मुझे छुड़ा और यीशु के नाम में मेरी मदद कर। (भजन अनहिता ७९:९)
५. हे प्रभु, यीशु के नाम में अपनी करुणा से मुझे चंगा कर। (भजन संहिता ६:२)
६. पिता, आपकी करुणा से, मुझे मृत्यु से और शत्रु के सभी हमलों से मुक्ति दिला जो यीशु के नाम में मेरे आशीष, मेरी महिमा और मेरे जीवन को निशाना बना रहे हैं। (भजन संहिता ११६:८)
७. हे प्रभु, मेरी प्रार्थना सुन और मुझ पर करुणा कर। हर प्रार्थना जो मैं कई वर्षों से करता आ रहा हूं। हे पिता, इस समय में मुझ पर करुणा कर। यीशु के नाम में, मुझे इन प्रार्थनाओं का उत्तर दें। (१ यूहन्ना ५:१४-१५)
८. पिता, आपकी करुणा से मेरे विरुद्ध दोषारोपण की हर आवाज को शांत कर। यीशु के नाम में, मेरे जीवन के विरुद्ध जारी किए गए हर हमले पर आपकी करुणा की विजय का कारण बनें। (याकूब २:१३)
९. पिता, आपकी करुणा से, मुझे मेरे पापों के लिए क्षमा कर और यीशु के नाम में मुझे हर प्रकार के अधर्म से शुद्ध कर दें। (१ यूहन्ना १:९)
१०. हे प्रभु, मुझे आशीष की पुनःस्थापन और यीशु के नाम में अपनी संपत्ति पाने के लिए आपकी करुणा की जरुरत है। (योएल २:२५)
Join our WhatsApp Channel
Most Read
● पापपूर्ण क्रोध की स्तर को खोलना● कैसे जाने की यह स्वप्न परमेश्वर से है
● परमेश्वर दिया हुआ सर्वश्रेष्ठ संसाधन
● अब आपकी हालात बदलनेवला (पलटनेवाला) है
● अपने घर के माहौल को बदलना - ३
● दिन २३: ४० दिन का उपवास और प्रार्थना
● दिन १७: ४० का उपवास और प्रार्थना
टिप्पणियाँ