डेली मन्ना
उपवास के माध्यम से संकेत (निवेदन) में स्वर्गदूतों की स्थापना
Tuesday, 30th of January 2024
27
22
503
Categories :
उपवास और प्रार्थना
स्वर्गदूत
फिर उसने (स्वर्गदूत) मुझ से कहा, "हे दानिय्येल, मत डर, क्योंकि पहिले ही दिन को जब तू ने समझने-बूझने के लिये मन लगाया और अपने परमेश्वर के साम्हने अपने को दीन किया, उसी दिन तेरे वचन सुने गए, और मैं तेरे वचनों के कारण आ गया हूं।" (दानिय्येल 10:12)
बाइबल कहती है कि दानिय्येल के तीन सप्ताह के उपवास और प्रार्थना के अंत में परमेश्वर से उत्तर की अपेक्षा करते हुए, स्वर्गदूत जिब्राईल ने दानिय्येल को दर्शन दिए और उससे कहा, "उसी दिन तेरे वचन सुने गए, और मैं तेरे वचनों के कारण आ गया हूं।"
दानिय्येल स्वर्गदूतों से प्रार्थना नहीं की। यह उपवास के साथ संयुक्त पिता की पेशकश की गई प्रार्थना थी जो दानिय्येल की ओर से स्वर्गदूत दायरे को सक्रिय करती है। दानिय्येल की ओर से एक सामर्थ्यशाली दूत को रिहा किया गया।
हर बार जब आप प्रार्थना में आते हैं, तो यह जान लें कि आप किसी फलहीन कार्यकलाप में नहीं उलझ रहे हैं। हर बार जब आप उपवास और प्रार्थना करते हैं, तो आपकी ओर से स्वर्गदूतों को संकेत किया जाता है। लगातार उपवास और प्रार्थना करने से स्वर्गदूतों को आपके स्वपने और दर्शन को पूरा करने के लिए रिहा किया जाता है।
प्रेरितों के काम 27 में, प्रेरित पौलुस जहाज पर 276 यात्रियों के साथ था। जहाज हिंसक तूफान के बीच फंस गया था। जहाज हवा में पत्ती की तरह उछाला गया और टुकड़ों में विभाजित होने का खतरा था। कई दिनों तक चंद्रमा से कोई तारे या प्रकाश को नहीं देखा गया था, और खतरनाक चट्टानों और तेज़ होने के कारण, ऐसा प्रतीत हुआ कि पौलुस और यात्री निश्चित रूप से अपने कयामत से मिलने पर थे।
पौलुस एक विस्तृत उपवास पर था और परमेश्वर के बचाव के लिए प्रार्थना कर रहा था। परमेश्वर ने पौलुस की ओर से एक स्वर्गदूत को भेजा। स्वर्गदूत के भविष्यवाणी संदेश ने उन्हें तूफान से बचाया।
जब भी आप उपवास और प्रार्थना करते हैं, तो आपकी ओर से परमेश्वर के स्वर्गदूतों को रिहा किया जाता है। कई बार, लोग मुझे लिखते हुए कहते हैं, "मैंने उपवास किया, लेकिन वास्तव में कुछ नहीं हुआ"। आप बस यही सोचते हैं। आत्मा के आयाम में स्वर्गदूत रिहा होते हैं और उन दुश्टात्मा के रुकावटों को दूर करने पर कार्य कर रहे हैं, जो आपके चमत्कारों को शारीरिक आयाम में प्रकट होने से रोक रही हैं।
उपवास और प्रार्थना करते रहें। आप ऐसी सफलताओं (आश्चर्यक्रम) को देखने जा रहे हैं जो आपके शत्रु भी स्वीकार कर लेंगी कि पर्मेश्वर आपके जीवन में कार्य कर रहे हैं।
अंगीकार
यहोवा के डरवैयों और उनकी इच्छा करनेवालों के चारों ओर उनका दूत छावनी किए हुए उन को बचाता है। (यह लगातार कहते रहें)
Most Read
● बुद्धिमान बनना (होना)● आभारी (कृतज्ञता) में एक सीख (है)
● २१ दिन का उपवास: दिन ०९
● देने का अनुग्रह - २
● बोले हुए शब्द (वचन) की सामर्थ
● कोई अतिरिक्त सामग्री (सामान) नहीं
● पवित्र आत्मा के प्रति संवेदनशीलता का विकास करना - १
टिप्पणियाँ