उनके पार पहुंचने पर एलिय्याह ने एलीशा से कहा, "उस से पहिले कि मैं तेरे पास से उठा लिये जाऊं जो कुछ तू चाहे कि मैं तेरे लिये करूं वह मांग;" एलीशा ने कहा, "तुझ में जो आत्मा है, उसका दूना भाग मुझे मिल जाए।" (२ राजा २:९)
परमेश्वर में अधिक से अधिक सामर्थ और अधिकार की ओर बढ़ने की पहली आवश्यकता के लिए भूख रहना है। यह भूख परमेश्वर से पैदा हुई है और कृत्रिम  रूप से (नकली तौर पर) उत्तेजित नहीं की जा सकती। एलीशा परमेश्वर के पीछे प्यासा था। एलिय्याह के सेवक के रूप में एलीशा ने कई चमत्कार देखे। लेकिन वह और चाहता था। वह एलिय्याह की आत्मा का दुगना भाग चाहता था। जब उन्होंने इसके लिए एलिय्याह से पूछा, तो नबी ने जवाब दिया, "आपने एक मुश्किल बात पूछी है।" ऐसा इसलिए नहीं होगा क्योंकि इसे मंजूर नहीं किया जा सकता था।  एलिय्याह जानता था कि महान अभिषेक के साथ ज़िम्मेदारी और कठिनाई का एक बड़ा भोज आया है।
दूसरी बात, आदर से पहले नम्रता आती है। एलीशा को एलिय्याह के सेवक के रूप में जाना जाता था। 'आप किसी के सेवक' के रूप में कैसे जाना चाहेंगे? आपका नाम भी नहीं बताया गया है। यह एलीशा की तैयारी थी। यह परमेश्वर के कई दासों की तैयारी रही है। फिरौन के सेवक यूसुफ पर गौर कीजिए। शाऊल के सेवक दाऊद पर गौर कीजिए।
तीसरी बात, एलीशा ने अपनी बुलाहट के लिए खुद को पूरी तरह से समर्पित किया। पवित्र शास्त्र का कहना है कि जब एलीशा को एलिय्याह के साथ में जुड़ ने के लिए बुलाया गया था, तो उस युवक ने अपना कृषि व्यवसाय पूरी तरह छोड़ दिया। उसने अपने बैलों का वध किया और समुदाय के लिए एक महान दावत दी। (१ राजा १९:१९-२१) यह सब या कुछ भी नहीं था। यदि उसका नया उद्यम काम नहीं करता तो वह अपने कृषि व्यापार में वापस नहीं आ सकता था। यह एलीशा की अग्रणी आत्मा को प्रदर्शित करता है, जो आगे क्या होनेवाला था, यह नहीं जानता था। उसने अपने पीछे के सभी अंतर को मिटा दिया। उसके पास अब कोई अतीत नहीं था कि वह वापस जा सके।
क्या आप परमेश्वर में अभिषेक के एक बड़े आयाम में जाना चाहते हैं? "13 तुम मुझे ढूंढ़ोगे और पाओगे भी; क्योंकि तुम अपने सम्पूर्ण मन से मेरे पास आओगे।" (यिर्मयाह २९:१३)। आज अपने मन में परमेश्वर के अभिषेक के लिए प्यासा होना शुरू करें। यह आने वाली बड़ी चीजों का शुरुआती स्थान है।
४० दिन बाइबल पढ़ने की योजना
लूका २-८
प्रार्थना
                
                    पिता, मुझे आपकी उपस्थिति के लिए और आपके वचन के लिए एक भूख और प्यास को पैदा कर। मैं आप तक पहुँचता हूँ। यीशु के नाम में। आमन।                
                                
                
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● अपने संघर्ष को अपनी पहचान न बनने दें -१● आत्मा के नाम और शीर्षक (पदवी): परमेश्वर की आत्मा
● विश्वास को मूर्खता से अलग करना
● आत्मिक सिद्धांत: संगति का सिद्धांत
● उन्हें सब बताएं
● बिना ठोकर का जीवन जीना
● दिन २२: ४० दिन का उपवास और प्रार्थना
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