डेली मन्ना
                
                    
                        
                
                
                    
                        
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            वातावरण (माहौल) पर महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि - २
Saturday, 27th of April 2024
                    
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                                वातावरण
                            
                        
                                                
                    
                            
                    कई लोगों की राय है कि कलीसिया का आत्मिक माहौल (वातावरण) पूरी तरह से सेवकाई के कंधों पर टिकी हुई है।
                                
                                प्रभु यीशु ने उनके सांसारिक सेवकाई में असाधारण और असामान्य चमत्कार किए। हालाँकि, जब वह उनके गृहनगर, नासरत लौट आया, तो वहाँ कई बड़े चमत्कार करने में असमर्थ रहा। कल्पना कीजिए, प्रभु यीशु मसीह, स्वयं परमेश्वर के पुत्र, वहाँ महान कार्य नहीं कर सके। यह उनके सेवकाई पर अभिषेक की कमी के कारण नहीं था, बल्कि उस क्षेत्र में प्रबल अविश्वास के माहौल के कारण था। और उस ने वहां उन के अविश्वास के कारण बहुत सामर्थ के काम नहीं किए (मत्ती १३:५८)
अगर हमें अपने कलीसिया में आत्मिक माहौल को बेहतर बनाना है, तो हमें मध्यस्थी में नियमित रूप से भाग लेने वाली टीम के रूप में नायकत्व (लीडर) के साथ मिलकर काम करना चाहिए। यह उपदेशक के विश्वास के साथ हमारे विश्वास को जोड़ देगा, यीशु के नाम को ऊंचा उठाएगा और विश्वास का माहौल बनाएगा जहां पवित्र आत्मा सामर्थ रूप से मण्डराहता है।
अगर हमें अपने घरों में आत्मिक माहौल को बेहतर बनाना है, तो हमें नियमित रूप से एक परिवार के रूप में प्रार्थना करने के लिए परिश्रम करनी चाहिए।
बड़ी चिंता का एक और क्षेत्र है। जब भी हमें कोई फ्लाइट या ट्रेन पकड़नी होती है, तो हम हमेशा यह सुनिश्चित करते हैं कि हम समय में अच्छे है (समय से पहले पोछते है )। हालांकि, जब यह कलीसिया की बात आती है, तो कई लोग इसे एक सामान्य मसला (कार्य) के रूप में मानते हैं और सभाओं में देरी से आते हैं।
आराधना में भाग लेने से, हम एक ऐसा वातावरण बनाने में मदद करते हैं जो पवित्र आत्मा की समृद्धि से संतृप्त हो। यह ऐसे वातावरण में है कि लोगों के मन परमेश्वर के ह्रदय में वापस आ जाता हैं। यह उन लोगों की आराधना का माहौल है जो उनके पहला प्यार - प्रभु यीशु मसीह में लौट आते हैं। किसी भी कार्य के लिए आराधना करने से न चुकें।
मैं इस गहरी अंतर्दृष्टि को आपके साथ साझा करना चाहता हूं।
जब कोई व्यक्ति समष्टिगत आराधना का हिस्सा बनना शुरू करता है, तो ऐसा व्यक्ति आराधना समाप्त होने के बाद भी आराधना का माहौल अपने साथ रखता है।ऐसा व्यक्ति सभा समाप्त होने के बाद भी उन स्थानों पर प्रभावित और असर करना शुरू कर देता है जहा वह जाता है।
स्वर्गदूत दिन-रात प्रभु की आराधना करते हैं। जब इस स्वर्गदूत ने बेतहसदा में पानी को हिलाया, तो स्वर्ग के वातावरण ने बेतहसदा के पानी को छू लिया। जो भी पहले पानी में प्रवेश करता था वह चंगा और छुटकारा हो जाता था।
मैं आदेश और घोषणा करता हूं कि आप जहां भी जाएंगे, आप अपने साथ आराधन और मध्यस्थी का माहौल लेकर चलेंगे, जिससे यह अद्भुत सफलताएं लाएगा। इस वचन को ग्रहण करें।
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                अंगीकार
                मैं घोषित करता हूं कि प्रभु की आत्मा मुझ पर और मुझ में है। मैं उनकी उपस्थिति का वाहक हूं। जहां भी मैं जाऊ, प्रभु मेरे साथ जाएगा।
                
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