डेली मन्ना
प्रभु की सलाह की आवश्यकता
Sunday, 10th of November 2024
19
18
224
Categories :
परमेश्वर की सलाह
जब गिबोन के निवासियों ने सुना कि यहोशू ने यरीहो और ऐ से क्या क्या किया है, तब उन्होंने छल किया, और राजदूतों का भेष बनाकर अपने गदहों पर पुराने बोरे, और पुराने फटे, और जोड़े हुए मदिरा के कुप्पे लादकर अपने पांवों में पुरानी गांठी हुई जूतियां, और तन पर पुराने वस्त्र पहिने, और अपने भोजन के लिये सूखी और फफूंदी लगी हुई रोटी ले ली। तब वे गिलगाल की छावनी में यहोशू के पास जा कर उस से और इस्राएली पुरूषों से कहने लगे, हम दूर देश सें आए हैं; इसलिये अब तुम हम से वाचा बान्धो। (यहोशू ९:३-६)
तब उन पुरूषों ने यहोवा से बिना सलाह लिये उनके भोजन में से कुछ ग्रहण किया। तब यहोशू ने उन से मेल करके उन से यह वाचा बान्धी, कि तुम को जीवित छोड़ेंगे; और मण्डली के प्रधानों ने उन से शपथ खाई। (यहोशू ९:१४-१५)
जब चीजें आपके साथ अच्छी तरह से चल रही होती हैं, जब आपको सिर्फ वह सफलता मिलती है जो आपको लंबे समय से वांछित है, ऐसे समय में, किसी को बहुत सावधानी बरतने की जरूरत होती है, इसका कारण यह है कि जब कोई व्यक्ति अपने बचाव को नीचे जाने देता है - जो महिमा में है। यह तब होता है जब शत्रु धोखे से अंदर आने की कोशिश करता है।
होशू ने यरीहो और ऐ (यहोशू ९:३) पर अपनी जीत के बाद परमेश्वर से सलाह नहीं लिया (यहोशू ९:१४) और गिबोनियों के साथ एक वाचा बनाने में धोखा दिया गया।
ध्यान दें, ये धोखे का मुख्य कारण था। यह इसलिए था क्योंकि उन्होंने प्रभु से सलाह नहीं मांगी थी। उन्होंने एक बौद्धिक और सतर्क निर्णय लिया। यह एक अच्छा विचार था, लेकिन यह एक ईश्वरिया विचार नहीं था।
कई बार हम गिबोनियों के जैसे उलझ जाते हैं क्योंकि हम प्रभु से सलाह माँगने में नाकाम रहे हैं। हम आगे बढ़ चुके हैं और जो हमने महसूस किया वह सही था और फिर हमने प्रार्थना की कि सब कुछ ठीक हो जाए।
यह अक्सर आज आप सामना का रहे है कि कई निराशाओं और दिल की पीड़ाओं का मूल कारण है। "आपने प्रभु से सलाह नहीं पूछा"
उस घर को खरीदने से पहले, संपत्ति का वह भाग, प्रार्थना में प्रभु की प्रतीक्षा करें। उस पर उनका मन जानें।
उस भागीदारी सौदे में शामिल होने से पहले, उस व्यापारिक सौदा के लिए, प्रार्थना में जाय और उनके सलाह की खोज करें।
उस तथाकथित प्यारे आदमी या उस प्यारी बच्चीके लिए हाँ कहने से पहले, प्रभु से सलाह माँगिए। प्रार्थना में लग जाओ। प्रभु से सलाह मांगे।
इससे पहले कि आप अपने कलीसिया में सन्देश देने के लिए कुछ वक्ताओं को आमंत्रित करें, आपके सेवकाई में प्रभु से सलाह माँगिए। यह आपको बहुत परेशानी और दर्द से बचाएगा।
कोई यह कहता है कि: आप कार्य करने से पहले पूछना सीखें।
जब आप पूछते हैं, तो आप आशा और उम्मीद कर सकते हैं कि परमेश्वर कार्य करेगा।
यहोवा की यह वाणी है, हाय उन बलवा करने वाले लड़कों पर
जो युक्ति तो करते परन्तु मेरी ओर से नहीं;
वाचा तो बान्धते परन्तु मेरे आत्मा के सिखाये नहीं;
और इस प्रकार पाप पर पाप बढ़ाते हैं।
वे मुझ से बिन पूछे मिस्र को जाते हैं कि
फिरौन की रक्षा में रहे और मिस्र की छाया में शरण लें। (यशायाह ३०:१-२)
जब हम प्रभु की सलाह मांगने में विफल होते हैं, तो बाइबिल कहती है कि हम प्रभु के खिलाफ विद्रोह करते हैं। जब हम ऐसी योजनाएँ बनाते हैं जो उनकी आत्मा के नेतृत्व से नहीं होती हैं, तो हम उनकी आत्मा को दुःखी देते हैं। सबसे बड़ी गलती जो हम सोच सकते हैं, वह यह है कि हमारी ५ इंद्रियां हमारे लिए इस दुनिया में पाने के लिए पर्याप्त हैं।
इसके बारे में सोचो, अगर हम केवल उनकी उपस्थिति में प्रतीक्षा करके प्रभु से सलाह माँगना सीखेंगे तो हम कितने आशीषित में कदम रखेंगे।
फिर से सोचें, हमने कितने आशीष को त्याग दिया है क्योंकि हमने प्रभु से सलाह नहीं मांगी थी।
प्रार्थना
हे प्रभु, यीशु मसीह के नाम में मेरे क्रोध, कड़ुवापन और अक्षमता का मेरे मन से शुद्ध कर।
पवित्र आत्मा कृपया मुझे यीशु के नाम से मसीह के सलाह को अनुभव करने में मदद कर।
पवित्र आत्मा कृपया मुझे यीशु के नाम से मसीह के सलाह को अनुभव करने में मदद कर।
Join our WhatsApp Channel
Most Read
● प्रारंभिक अवस्था में प्रभु की स्तुति करो● उजाड़ की मानसिकता (विचारधारा) पर काबू पाना
● विचारों के प्रवाह का मार्ग पार करना
● एक चीज: मसीह में सच्चा धन खोजना
● जरुरत से अधिक का चमत्कार करनेवाला परमेश्वर
● मसीह की तरह बनना
● २१ दिन का उपवास: दिन १३
टिप्पणियाँ