डेली मन्ना
दिन ०३: ४० दिन का उपवास और प्रार्थना
Sunday, 24th of November 2024
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Categories :
उपवास और प्रार्थना
मैं न मरूंगा
"मैं न मरूंगा वरन जीवित रहूंगा, और परमेश्वर के कामों का वर्णन करता रहूंगा।" (भजन संहिता ११८:१७)
यह हमारे लिए परमेश्वर की इच्छा है कि हम अपनी लक्ष्य को पूरा करें और अच्छी वृद्धावस्था में मरें। आपके जीवन के लिए परमेश्वर की इच्छा में अकाल मृत्यु या बीमारी, दर्द, बुराई और रोग से भरा जीवन शामिल नहीं है।
मृत्यु का अर्थ है "अलग होना या समाप्ति।" शैतान हमें परमेश्वर से अलग करना चाहता है और पृथ्वी पर हमारे दैवी कार्यों को समाप्त करना चाहता है; हमें इसका मजबूती से विरोध करना चाहिए और उसके हथियारों को नष्ट करना चाहिए।
मृत्यु के तीन प्रमुख प्रकार हैं:
१. आत्मिक मृत्यु
आत्मिक मृत्यु तब होती है जब परमेश्वर की आत्मा मनुष्य की आत्मा से अलग हो जाती है। आदम और हव्वा ने जिस पहली मृत्यु का अनुभव किया वह आत्मिक थी; वे परमेश्वर की आत्मा से अलग हो गए थे। "पर भले या बुरे के ज्ञान का जो वृक्ष है, उसका फल तू कभी न खाना: क्योंकि जिस दिन तू उसका फल खाए उसी दिन अवश्य मर जाएगा॥" (उत्पत्ति २:१७)
२. शारीरिक मृत्यु
शारीरिक मृत्यु भौतिक शरीर से आत्मा का अलग होना है।
आदम ने आत्मिक मृत्यु का अनुभव करने के बाद, शारीरिक मृत्यु का अनुभव करने से पहले उसे ९३० वर्ष लगे, परन्तु शारीरिक मृत्यु उस आत्मिक मृत्यु का परिणाम थी जिसे उसने परमेश्वर की आज्ञा न मानने के बाद अनुभव किया। "और आदम की कुल अवस्था नौ सौ तीस वर्ष की हुई: तत्पश्चात वह मर गया॥" (उत्पत्ति ५:५)
३. अनन्त मृत्यु
अनन्त मृत्यु तब होती है जब मनुष्य की आत्मा स्थायी रूप से परमेश्वर के आत्मा से बिना किसी उपाय के अलग हो जाती है।
७ और तुम्हें जो क्लेश पाते हो, हमारे साथ चैन दे; उस समय जब कि प्रभु यीशु अपने सामर्थी दूतों के साथ, धधकती हुई आग में स्वर्ग से प्रगट होगा। ८ और जो परमेश्वर को नहीं पहचानते, और हमारे प्रभु यीशु के सुसमाचार को नहीं मानते उन से पलटा लेगा। ९ वे प्रभु के साम्हने से, और उसकी शक्ति के तेज से दूर होकर अनन्त विनाश का दण्ड पाएंगे। (२ थिस्सलुनीकियों १:७-९)
वाक्यांश, अनन्त विनाश पर ध्यान दें।
पर डरपोकों, और अविश्वासियों, और घिनौनों, और हत्यारों, और व्यभिचारियों, और टोन्हों, और मूर्तिपूजकों, और सब झूठों का भाग उस झील में मिलेगा, जो आग और गन्धक से जलती रहती है: यह दूसरी मृत्यु है॥ (प्रकाशित वाक्य २१:८)
अकाल मृत्यु के कारण
समय से पहले मृत्यु तब होती है जब कोई अपनी क्षमता हासिल करने से पहले ही मर जाता है; कुछ लोग उस सब का आनंद लेने के बाद मर जाते हैं जिसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की है। ये सभी शैतान के कार्यों को प्रकट करते हैं (घात करने, चोरी करने और नष्ट करने के लिए, यूहन्ना १०:१० देखें)।
- पाप का जीवन शैली
२० और आकान ने यहोशू को उत्तर दिया, कि सचमुच मैं ने इस्राएल के परमेश्वर यहोवा के विरुद्ध पाप किया है, और इस प्रकार मैं ने किया है, २१ कि जब मुझे लूट में शिनार देश का एक सुन्दर ओढ़ना, और दो सौ शेकेल चांदी, और पचास शेकेल सोने की एक ईंट देख पड़ी, तब मैं ने उनका लालच करके उन्हें रख लिया; वे मेरे डेरे के भीतर भूमि में गड़े हैं, और सब के नीचे चांदी है।
२५ तब यहोशू ने उस से कहा, तू ने हमें क्यों कष्ट दिया है? आज के दिन यहोवा तुझी को कष्ट देगा। तब सब इस्राएलियों ने उसको पत्थरवाह किया; और उन को आग में डालकर जलाया, और उनके ऊपर पत्थर डाल दिए। २६ और उन्होंने उसके ऊपर पत्थरों का बड़ा ढेर लगा दिया जो आज तक बना है; तब यहोवा का भड़का हुआ कोप शान्त हो गया। इस कारण उस स्थान का नाम आज तक आ को र तराई पड़ा है॥ (यहोशू ७:२०-२१, २५-२६)
- आकान अपने घोर पाप के कारण समय से पहले मर गया।
परमेश्वर के वचन की लगातार आज्ञा का उल्लंघन और एक पाप का जीवन शैली मृत्यु को आकर्षित कर सकती है, मृत्यु प्रकट होने में थोड़ा समय लग सकता है, लेकिन यह होना तय है।
- मनुष्यों की दुष्टता
उन्होंने अपनी जीभ को तलवार की नाईं तेज किया है,
और अपने कड़वे वचनों के तीरों को चढ़ाया है। (भजन संहिता ६४:३)
तब कैन ने अपने भाई हाबिल से कुछ कहा: और जब वे मैदान में थे, तब कैन ने अपने भाई हाबिल पर चढ़ कर उसे घात किया। (उत्पत्ति ४:८)
मनुष्य का हृदय (मन) दुष्ट विचार और स्वार्थी उद्देश्यों से भरा हुआ है। मनुष्यों के ह्रदय में दुष्टता उन्हें अपने प्रियजनों और उनके आस-पास के लोगों को मारने का कारण बनती है।
- आत्मिक हमले
१७ और स्त्री को गर्भ रहा, और वसन्त ऋतु का जो समय एलीशा ने उस से कहा था, उसी समय जब दिन पूरे हुए, तब उसके पुत्र उत्पन्न हुआ।
१८ और जब लड़का बड़ा हो गया, तब एक दिन वह अपने पिता के पास लवने वालों के निकट निकल गया। १९ और उसने अपने पिता से कहा, आह! मेरा सिर, आह! मेरा सिर।
तब पिता ने अपने सेवक से कहा, इस को इसकी माता के पास ले जा। २० वह उसे उठा कर उसकी माता के पास ले गया, फिर वह दोपहर तक उसके घुटनों पर बैठा रहा, तब मर गया। (२ राजा ४:१७-२०)
इस अंश का लड़का बिना किसी शारीरिक कारण के मर गया। यह उनके सिर और स्वास्थ्य पर आत्मिक हमला था। पुराने नियम में, शैतानी ताकतों की कार्य देखी तो जाती थीं, लेकिन समझी नहीं जाती थीं। नए नियम में, मसीह ने अंधकार के छिपे हुए कार्यों को उजागर किया और हमें इन दुष्ट शैतानी ताकतों पर अधिकार दिया (लूका १०१९)। आत्मिक तीर प्रतिदिन उड़ रहे हैं, और परमेश्वर की सहायता के बिना लोग कभी भी हताहत हो सकते हैं। "5 तू न रात के भय से डरेगा, और न उस तीर से जो दिन को उड़ता है," (भजन संहिता ९१:५)
आत्मिक भौतिक को नियंत्रित करता है, और भौतिक क्षेत्र में कुछ भी होने से पहले, इसे आत्मिक क्षेत्र में समाप्त और क्रियान्वित किया जाना चाहिए। मृत्यु के हमलों से बचने के लिए सामर्थ चाहिए। दाऊद राजा शाऊल से कई बार मृत्यु के जाल से बच निकला, लेकिन हाबिल निर्दोष था और फिर भी कैन द्वारा मारा गया। (१ शमूएल १८: ११-१२; उत्पत्ति ४:८)। निर्दोष लोग तब मर सकते हैं जब वे शक्तिहीन और अज्ञानी होते है।
आज, हम प्रार्थना करने जा रहे हैं और हमें मारने के लिए तैयार किए गए हर बुरे कार्य को नष्ट करना चाहिए। मैं आपके जीवन पर भविष्यवाणी करता हूं: आप मरेंगे नहीं बल्कि यीशु के नाम में अपने दैवी लक्ष्य को पूरा करेंगे। आपके जीवन में कुछ भी यीशु के नाम में नहीं मरेगा।
Bible Reading Plan : Matthew 13 -18
प्रार्थना
१. मेरे पिता, मेरे स्रुष्टिकर्ता, मैं आपको इस जीवन के लिए धन्यवाद और धन्य देता हूं जो आपने मुझे दिया है। प्रभु, मैं आपकी आराधना करता हूं। (भजन संहिता 103:1-5, 1 थिस्सलुनीकियों 5:18)
२. हे पिता, मेरे परिवार और मुझे कृपा दें, ताकि अपके मार्गों में चले, और आपकी विधियों का पालन करें। कृपया यीशु के नाम में जिस देश हम जी रहे है उस में हमारे दिन को बढ़ा। (व्यवस्थाविवरण 5 :33,भजन संहिता 91.16)
३. यहोवा एबेन्ज़ेर, मेरे परिवार के सदस्यों को और मुझे जीवन भर आपका भय मानने का अनुग्रह दे। यीशु के नाम में। (नीतिवचन 9 : 10,भजन संहिता 128 :1)
४. मेरे परिवार के सदस्य और मुझे मारने के लिए रची गई हर बीमारी और रोग, यीशु के नाम में नष्ट हो जाए। (यशायाह 54 :17,
निर्गमन 15:26)
५. मेरे शरीर में लगाई गई कोई भी बुराई, मुझे समय से पहले मारने के लिए बनाई गई है, पवित्र आत्मा की अग्नि से नष्ट हो जाएगी। (मत्ती 15:13,यशायाह 10.27)
६. हर विचित्र वाचाएं और श्राप जो मेरे प्राण और मेरे परिवार के सदस्यों का जीवन को घटा सकती हैं;, यीशु के लहू से, यीशु के नाम में नष्ट हो जाए। (गलातियों3:13, कुलुस्सियों2:14)
७. रात में चलने वाली मृत्यु और महामारी का कोई भी तीर मुझे और मेरे प्रियजनों को यीशु के नाम में कभी नहीं छुएगा। (भजन संहिता 91 :5-6,यशायाह54.17)
८. मैं मरूंगा नहीं परन्तु जीवित रहने वाली देश में यीशु के नाम में परमेश्वर की महिमा का प्रचार करने के लिये जीवित रहूंगा।(भजन संहिता 118 : 17,यूहन्ना 10:10)
९. परमेश्वर की पुनरुत्थान सामर्थ, मेरे जीवन में जो भी मारा हुआ गुण यीशु के नाम में प्राण आ जाए। ( रोमियो 8:11,यूहन्ना 11:25-26)
१०. मैं अपने जीवन में यीशु के नाम में किसी भी मृत और निराशाजनक स्थितियों पर जीवन बोलता हूं (अपने आर्थिक, बच्चे, व्यवसाय आदि पर बोलें) (यहेजकेल 37 : 4-6,रोमियो 4:17)
११. अपनी प्रार्थनाओं के उत्तर के लिए परमेश्वर का धन्यवाद करें। (यहां योग्य समय बिताएं)
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