डेली मन्ना
दिन ११: ४० दिन का उपवास और प्रार्थना
Monday, 2nd of December 2024
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Categories :
उपवास और प्रार्थना
अनुग्रह (कृपा) से उठाया (खड़ा किया)
"वह कंगाल को धूलि में से उठाता; और दरिद्र को घूरे में से निकाल खड़ा करता है।" (१ शमूएल २:८ एनएलटी)
"अनुग्रह से उठा लिया" के लिए एक और शब्द "दैवी ऊंचाई" है। आपकी सफलता का वर्तमान स्तर चाहे जो भी हो, एक और ऊंचा और बेहतर स्तर है। हमें एक प्रकाश के रूप में चमकना है, और हमारा मार्ग एक पूर्ण दिन तक तेज और उज्जवल जैसा चमकना है। (मत्ती ५:१४; नीतिवचन ४:१८)
अनुग्रह परमेश्वर की ओर से एक अपात्र का उपकार है। हम इसके योग्य नहीं हैं; हम इसके लिए काम नहीं कर सकते। यह बस कुछ ऐसा है जो वह हमें प्रदान करता है। पवित्र शास्त्र यीशु को एक ऐसे व्यक्ति के रूप में वर्णित करता है जो "अनुग्रह और सच्चाई से परिपूर्ण" है (यूहन्ना १:१४, यूहन्ना १:१७)। यीशु मसीह ने काना के विवाह में बीमारों को चंगा करने, मुर्दों को जिलाने, भूखों को खाना खिलाने, और जोड़ों की लज्जा को ढकने के द्वारा स्पष्ट रूप से परमेश्वर के अनुग्रह को प्रदर्शित किया। यीशु ने जो कुछ भी किया उसने हमें दिखाया कि परमेश्वर का अनुग्रह लोगों के जीवन में क्या कर सकता है। तो दोस्तो आपको परमेश्वर की अनुग्रह चाहिए।
क्या हमें परमेश्वर की कृपा की जरुरत है? मनुष्य के जीवन में परमेश्वर की कृपा क्या कर सकती है? अगर कृपा की कमी है, तो क्या होगा?
परमेश्वर का अनुग्रह का महत्व
१. जब आपकी मानवीय ताकत विफल हो जाती है तब परमेश्वर का अनुग्रह की जरुरत तब होती है
आपके जीवन में एक ऐसा मुद्दा आता है जहां आपकी ताकत आपको विफल कर देती है। इस मुद्दे पर, आप अपनी खुद की मदद नहीं कर सकते, और आप केवल परमेश्वर पर निर्भर हो सकते हो क्योंकि आप झुकना नहीं चाहते है। यदि आप इस स्थिति पर पहुंच गए हैं, तो याद रखें कि २ कुरिन्थियों १२:९ कहता है, "मेरा अनुग्रह तेरे लिये बहुत है; क्योंकि मेरी सामर्थ निर्बलता में सिद्ध होती है; इसलिये मैं बड़े आनन्द से अपनी निर्बलताओं पर घमण्ड करूंगा, कि मसीह की सामर्थ मुझ पर छाया करती रहे।"
२. असंभव प्रतीत होने वाले कार्यों को करने के लिए परमेश्वर का अनुग्रह की जरुरत होती है
"तब उसने मुझे उत्तर देकर कहा, जरूब्बाबेल के लिये यहोवा का यह वचन है : न तो बल से, और न शक्ति से, परन्तु मेरे आत्मा के द्वारा होगा, मुझ सेनाओं के यहोवा का यही वचन है। ७ हे बड़े पहाड़, तू क्या है? जरूब्बाबेल के साम्हने तू मैदान हो जाएगा; और वह चोटी का पत्थर यह पुकारते हुए आएगा, उस पर अनुग्रह हो, अनुग्रह!" (जकर्याह ४:६-७)
३. जब सारी आशा समाप्त हो जाती है तब परमेश्वर का अनुग्रह की जरुरत होती है
शमौन ने उसको उत्तर दिया, कि "हे स्वामी, हम ने सारी रात मिहनत की और कुछ न पकड़ा; तौभी तेरे कहने से जाल डालूंगा।" (लूका ५:५)। जब सारी आशा समाप्त हो जाती है, तो परमेश्वर असम्भव को संभव कर सकता है जैसा उन्होंने पतरस के लिए किया था।
४. जब लोगों को लगता है कि आपसे कुछ भी भलाई नहीं हो सकता तब परमेश्वर का अनुग्रह की जरुरत होती है
नतनएल ने उस से कहा, "क्या कोई अच्छी वस्तु भी नासरत से निकल सकती है?" फिलेप्पुस ने उस से कहा, "चलकर देख ले।” (यूहन्ना १:४६)
उसने (गिदोन) कहा, "हे मेरे प्रभु, बिनती सुन, मैं इस्राएल को क्योंकर छुड़ाऊ? देख, मेरा कुल मनश्शे में सब से कंगाल है, फिर मैं अपने पिता के घराने में सब से छोटा हूं।" १६ यहोवा ने उस से कहा, "निश्चय मैं तेरे संग रहूंगा; सो तू मिद्यानियों को ऐसा मार लेगा जैसा एक मनुष्य को।" (न्यायियों ६:१५-१६)
५. उन आशीषों का आनंद उठाने के लिए जिनके लिए आप योग्य नहीं थे, तब परमेश्वर के अनुग्रह की जरुरत होती है
मैं ने तुम्हें वह खेत काटने के लिये भेजा, जिस में तुम ने परिश्रम नहीं किया: औरों ने परिश्रम किया और तुम उन के परिश्रम के फल में भागी हुए॥” (यूहन्ना ४:३८)
६. जब आप बड़ा कार्य करना चाहते हैं तो तब परमेश्वर का अनुग्रह की जरुरत होती है
"मैं तुम से सच सच कहता हूं, कि जो मुझ पर विश्वास रखता है, ये काम जो मैं करता हूं वह भी करेगा, वरन इन से भी बड़े काम करेगा, क्योंकि मैं पिता के पास जाता हूं।" (यूहन्ना १४:१२)
उन्होंने हमें उनकी पवित्र आत्मा दी है; इसलिए, किसी के पास कोई बहाना नहीं है। प्रभु के लिए महान और पराक्रमी कार्य करने के लिए आज परमेश्वर के अनुग्रह का पूरा लाभ उठाएं।
७. परमेश्वर से कुछ भी प्राप्त करने के लिए परमेश्वर का अनुग्रह की जरुरत होती है
अनुग्रह के बिना, आप परमेश्वर से बात करने या उनसे कुछ भी प्राप्त करने के योग्य नहीं हो।
इसलिये आओ, हम अनुग्रह के सिंहासन के निकट हियाव बान्धकर चलें, कि हम पर दया हो, और वह अनुग्रह पाएं, जो आवश्यकता के समय हमारी सहायता करे॥ (इब्रानियों ४:१६)
८. आपकी मेहनत जो आपको ३० साल में नहीं दे सकती परमेश्वर का अनुग्रह आपको ३ महीने में दे सकती है
अलौकिक गति के लिए अनुग्रह उन लोगों से आगे निकलने की क्षमता है जो जीवन के किसी भी पहलू में पहले से ही आपसे आगे हैं। यह दैवी तरीके से सभी प्रक्रियाओं और शिष्टाचार को हटाना है, जो आपको आश्चर्यजनक रूप से कम समय में सबसे आगे लाता है।
तब यहोवा की शक्ति एलिय्याह पर ऐसी हुई; कि वह कमर बान्धकर अहाब के आगे आगे यिज्रेल तक दौड़ता चला गया। (१ राजा १८:४६) मैं प्रार्थना करता हूं कि प्रभु का यह हाथ जो भविष्यद्वक्ता एलिय्याह पर था, यीशु के नाम में दूसरों से आगे बढ़ने के लिए आप पर और मुझ पर टिका रहे।
पुरस्कार संभव है लेकिन कृपा नहीं। हमारे समाज में कई बुद्धिमान लोग अभी भी बेरोजगार हैं। कई खूबसूरत महिलाएं अभी भी अविवाहित हैं। विवाह के बंधन में बंधने, अच्छी नौकरी पाने और जीवन का आनंद लेने के लिए परमेश्वर की अनुग्रह की जरुरत होती है। कुछ सद्गुण जीवन को मधुर बनाते हैं, और परमेश्वर की अनुग्रह उनमें से एक है। जिस जीवन में अनुग्रह नहीं है वह संघर्ष करेगा। अनुग्रह आपको वह दे सकती है जो आपकी ताकत नहीं दे सकती।
मैं चाहता हूं कि आज आप परमेश्वर के अनुग्रह के लिए प्रार्थना करें। जितना अधिक आप परमेश्वर के अनुग्रह के प्रति सचेत होंगे, उतना ही अधिक आप इसे अपने जीवन में कार्य होते हुए देखेंगे।
उन लोगों के लिए बाइबिल उदाहरण जिन्हें अनुग्रह द्वारा उठाया गया था
- मपीबोशेत
लंगड़ों को राजभवन में रहने की आज्ञा नहीं थी, परन्तु परमेश्वर का अनुग्रह से मपीबोशेत को उठा लिया गया। एक दिन राजा दाऊद ने सीबा नाम के एक पुरूष को बुलवाया, जो राजा शाऊल का सेवक हुआ करता था। उससे पूछा गया, "क्या शाऊल के घराने में से कोई अब तक बचा है, जिस को मैं परमेश्वर की सी प्रीति दिखाऊं? सीबा ने राजा से कहा, हां, योनातन का एक बेटा तो है, जो लंगड़ा है।" (२ शमूएल ९:३)। दाऊद ने फौरन मपीबोशेत को लोदबार से, जहाँ वह रहता था, बुलवाया। (२ शमूएल ९:१-१३ पढ़ें)
- यूसुफ
यूसुफ मिस्र पर शासन करने के लिए एक अजनबी के रूप में योग्य नहीं था, लेकिन अनुग्रह ने उसे योग्य बनाया। अनुग्रह आपके और मेरे जैसे लोगों को हमारे शत्रुओं के बीच में शासन करने के लिए कार्य करता है।
तब फिरौन ने अपने हाथ से अंगूठी निकाल के यूसुफ के हाथ में पहिना दी; और उसको बढिय़ा मलमल के वस्त्र पहिनवा दिए, और उसके गले में सोने की जंजीर डाल दी; और उसको अपने दूसरे रथ पर चढ़वाया; और लोग उसके आगे आगे यह प्रचार करते चले, कि घुटने टेककर दण्डवत करो और उसने उसको मिस्र के सारे देश के ऊपर प्रधान मंत्री ठहराया। फिर फिरौन ने यूसुफ से कहा, फिरौन तो मैं हूं, और सारे मिस्र देश में कोई भी तेरी आज्ञा के बिना हाथ पांव न हिलाएगा। (उत्पत्ति ४१:३८-४४)
- एस्तेर
अनुग्रह से एक दासी पराए देश में रानी बन गई। अनुग्रह एक शिष्टाचार तोड़नेवाला है
और राजा ने एस्तेर को और सब स्त्रियों से अधिक प्यार किया, और और सब कुंवारियों से अधिक उसके अनुग्रह और कृपा की दृष्टि उसी पर हुई, इस कारण उसने उसके सिर पर राजमुकुट रखा और उसको वशती के स्थान पर रानी बनाया। (एस्तेर २:१७)
- दाऊद
अनुग्रह दाऊद को जीवन की पिछली जीवन से आगे की ओर ले गया। उसे जंगल में भेड़ों का अगुवाई करने से लेकर पूरे देश तक दैवीय रूप से उन्नत किया गया था।
इसलिये अब तू मेरे दास दाऊद से ऐसा कह, कि सेनाओं का यहोवा यों कहता है, कि मैं ने तो तुझे भेड़शाला से, और भेड़-बकरियों के पीछे पीछे फिरने से, इस मनसा से बुला लिया कि तू मेरी प्रजा इस्राएल का प्रधान हो जाए। (२ शमूएल ७:८)। आपके साथ भी ऐसा ही हो सकता है।
अनुग्रह का आनंद उठाने और अनुग्रह में बढ़ने के लिए क्या करना है ?
- अनुग्रह के लिए प्रार्थना करें
- दीनता से रहना
"वह तो और भी अनुग्रह देता है; इस कारण यह लिखा है, कि परमेश्वर अभिमानियों से विरोध करता है, पर दीनों पर अनुग्रह करता है।" (याकूब ४:६)
- दूसरों के प्रति कृपालु बनो
जो कुछ आपचाहते हो कि परमेश्वर आपके लिए करे, आप भी अपने पड़ोसी के साथ वैसा ही करें। (मत्ती ५:७)
- परमेश्वर कीके अनुग्रह के प्रति सचेत रहें, और इस पर और अध्ययन करें
अपने आप को परमेश्वर का ग्रहणयोग्य और ऐसा काम करने वाला ठहराने का प्रयत्न कर, जो लज्ज़ित होने न पाए, और जो सत्य के वचन को ठीक रीति से काम में लाता हो। (२ तीमुथियुस २:१५)
- छोटी और बड़ी हर बात के लिए परमेश्वर का धन्यवाद करें।
हर बात में धन्यवाद करो: क्योंकि तुम्हारे लिये मसीह यीशु में परमेश्वर की यही इच्छा है।(१ थिस्सलुनीकियों ५:१८)
- अनुग्रह धारण करने वाले पुरुष और स्त्रियों से अनुग्रह प्रदान करने की मांग करें
तब मैं उतरकर तुझ से वहां बातें करूंगा; और जो आत्मा तुझ में है उस में से कुछ ले कर उन में समवाऊंगा; और वे इन लोगों का भार तेरे संग उठाए रहेंगे, और तुझे उसको अकेले उठाना न पड़ेगा। (गिनती ११:१७)
Bible Reading Plan: Luke 10- 13
प्रार्थना
१. पीछे हटने और ठहराव की आत्मा को यीशु के नाम में मैं अस्वीकार करता हूं। (फिलिप्पियों ३:१३-१४)
२. यीशु के नाम में, मैं महिमा से महिमा की ओर बढ़ता हूं, यीशु के नाम में। (२ कुरिन्थियों ३:१८)
३. पिता, यीशु के नाम में मुझे जीवन में सफलता प्राप्त करने का अनुग्रह दे। (रोमियो ५:२)
४. पिता, यीशु के नाम में मुझे एक बहुमूलय आत्मा दे। (दानिय्येल ६:३)
५. हे प्रभु, यीशु के नाम में चारो ओर मेरी महानता को बढ़ा। (भजन संहिता ७१:२१)
६. प्रभु, यीशु के नाम में आपकी कृपा से, मुझे एक महत्वपूर्ण स्थान पर ले जा। (भजन संहिता ७५:६-७)
७. पिता, यीशु के नाम में मुझे आशीष के स्थान पर उच्च स्थान दें। (व्यवस्थाविवरण २८:२)
८. पिता, यीशु के नाम में मुझ पर कृपा कर और मुझे सर्वश्रेष्ठ के रूप में चुने जाने और पसंद करने का कारण बना। (१ शमूएल १६:१२)
९. हे प्रभु, यीशु के नाम में, तेरा अनुग्रह मेरे लिए उच्च स्थानों पर बोलने दें। (एस्तेर ५:२)
१०. परमेश्वर के अनुग्रह से मैं ग्रहण किया जाऊंगा न की तुच्छ; मैं ऊपर रहूंगा, न की नीचे; मैं एक देनेवाला बनूंगा न की लेनेवाला, यीशु के नाम में। (व्यवस्थाविवरण २८:१३)
११. पिता, हर कोई जो इस २१-दिवसीय उपवास कार्यक्रम का हिस्सा है, उन्हें और उनके परिवार के सदस्यों को यीशु के नाम में उच्च स्थानों पर आसीन होने दें। (यशायाह ५८:११)
१२. हे प्रभु, मेरे जीवन के विरुद्ध शत्रु की हर योजना को नष्ट कर दे और अपने सत्य को मेरी ढाल और शरण होने दे। (भजन संहिता ९१:४)
२. यीशु के नाम में, मैं महिमा से महिमा की ओर बढ़ता हूं, यीशु के नाम में। (२ कुरिन्थियों ३:१८)
३. पिता, यीशु के नाम में मुझे जीवन में सफलता प्राप्त करने का अनुग्रह दे। (रोमियो ५:२)
४. पिता, यीशु के नाम में मुझे एक बहुमूलय आत्मा दे। (दानिय्येल ६:३)
५. हे प्रभु, यीशु के नाम में चारो ओर मेरी महानता को बढ़ा। (भजन संहिता ७१:२१)
६. प्रभु, यीशु के नाम में आपकी कृपा से, मुझे एक महत्वपूर्ण स्थान पर ले जा। (भजन संहिता ७५:६-७)
७. पिता, यीशु के नाम में मुझे आशीष के स्थान पर उच्च स्थान दें। (व्यवस्थाविवरण २८:२)
८. पिता, यीशु के नाम में मुझ पर कृपा कर और मुझे सर्वश्रेष्ठ के रूप में चुने जाने और पसंद करने का कारण बना। (१ शमूएल १६:१२)
९. हे प्रभु, यीशु के नाम में, तेरा अनुग्रह मेरे लिए उच्च स्थानों पर बोलने दें। (एस्तेर ५:२)
१०. परमेश्वर के अनुग्रह से मैं ग्रहण किया जाऊंगा न की तुच्छ; मैं ऊपर रहूंगा, न की नीचे; मैं एक देनेवाला बनूंगा न की लेनेवाला, यीशु के नाम में। (व्यवस्थाविवरण २८:१३)
११. पिता, हर कोई जो इस २१-दिवसीय उपवास कार्यक्रम का हिस्सा है, उन्हें और उनके परिवार के सदस्यों को यीशु के नाम में उच्च स्थानों पर आसीन होने दें। (यशायाह ५८:११)
१२. हे प्रभु, मेरे जीवन के विरुद्ध शत्रु की हर योजना को नष्ट कर दे और अपने सत्य को मेरी ढाल और शरण होने दे। (भजन संहिता ९१:४)
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