डेली मन्ना
दिन १७: ४० दिन का उपवास और प्रार्थना
Sunday, 8th of December 2024
33
24
248
Categories :
उपवास और प्रार्थना
अग्नि का बपतिस्मा
वह थके हुए को बल देता है और शक्तिहीन को बहुत सामर्थ देता है। तरूण तो थकते और श्रमित हो जाते हैं, और जवान ठोकर खाकर गिरते हैं; परन्तु जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वे नया बल प्राप्त करते जाएंगे, वे उकाबों की नाईं उड़ेंगे, वे दौड़ेंगे और श्रमित न होंगे, चलेंगे और थकित न होंगे॥ (यशायाह ४०:२९-३१)
पुराने नियम में, अग्नि का उपयोग कभी-कभी परमेश्वर की शक्ति या उपस्थिति को दर्शाने के लिए किया गया है। जब एलिय्याह यह प्रमाणित करना चाहता था कि यहोवा इस्राएल का सच्चा परमेश्वर है, तो उसने देश को यह प्रमाणित करने के लिए अग्नि की परीक्षा दी कि यहोवा ही सच्चा परमेश्वर है। उसने कहा, "और जो आग गिराकर उत्तर दे वही परमेश्वर ठहरे।" (१ राजा १८:२४)। अग्नि के बपतिस्मा को सामर्थ या ताजा अग्नि के बपतिस्मा के रूप में भी संदर्भित किया जा सकता है। शत्रु जिस भाषा को समझता है वह सामर्थ है; जब भी आप अंधकार की ताकतों का सामना करते हैं, तो सामर्थ को मुक्त होना चाहिए।
एक विश्वासी आत्मिक रूप से कमजोर हो सकता है। यद्यपि उसके पास परमेश्वर की सामर्थ की अत्यधिक महानता उपलब्ध है, परमेश्वर के बारे में अपने ज्ञान में वृद्धि किए बिना और प्रार्थना में योगय समय व्यतीत किए बिना, वह विश्वासी शक्तिहीन रहेगा।
परमेश्वर के आत्मा को "अभिषेक, अग्नि और परमेश्वर की सामर्थ" कहा गया है। मुझे आपको यह बताने की भी जरुरत है कि पवित्र आत्मा नापों में दिया जाता है, इसलिए जब भी आप अग्नि की बपतिस्मा के लिए प्रार्थना करते हैं, तो आप बस अभिषेक, अग्नि और परमेश्वर की सामर्थ के बड़े पैमाने की खोज कर रहे होते हैं। मसीह ने बिना नाप के पवित्र आत्मा प्राप्त किया, लेकिन एक विश्वासी के रूप में, हमने आत्मा को नाप में प्राप्त किया, और हम तब तक आत्मा को और अधिक प्राप्त करते रहेंगे जब तक हम मसीह के संपूर्ण कद में नहीं बढ़ जाते।
"क्योंकि जिसे परमेश्वर ने भेजा है, वह परमेश्वर की बातें कहता है: क्योंकि वह आत्मा नाप नापकर नहीं देता।" (यूहन्ना ३:३४)
बपतिस्मा के प्रकार
१. पानी का बपतिस्मा
पानी का बपतिस्मा हमें मसीह के देह में एकीकृत करता है।
क्योंकि हम सब ने क्या यहूदी हो, क्या युनानी, क्या दास, क्या स्वतंत्र एक ही आत्मा के द्वारा एक देह होने के लिये बपतिस्मा लिया, और हम सब को एक ही आत्मा पिलाया गया। (१ कुरिन्थियों १२:१३)
२. अग्नि का बपतिस्मा
अग्नि का बपतिस्मा हमें मसीह के सामर्थ में एकीकृत करता है। अग्नि का बपतिस्मा अन्य भाषा बोलने के प्रमाण के साथ आता है।
परन्तु जब पवित्र आत्मा तुम पर आएगा तब तुम सामर्थ पाओगे; और यरूशलेम और सारे यहूदिया और सामरिया में, और पृथ्वी की छोर तक मेरे गवाह होगे। (प्रेरितों के काम १:८)
आपको अग्नि का बपतिस्मा की जरुरत क्यों है?
१. आप प्रभावी ढंग से मसीह के सुसमाचार को देख सकें इसलिए आपको अग्नि का बपतिस्मा की जरुरत है। (प्रेरितों के काम १:८)
२. आप दुश्मन के हमलों पर विजय पा सकें इसलिए आपको अग्नि का बपतिस्मा की जरुरत है।
परमेश्वर से कहो, कि तेरे काम क्या ही भयानक हैं!
तेरी महासामर्थ्य के कारण तेरे शत्रु
तेरी चापलूसी करेंगे। (भजन संहिता ६६:३)
३. आप परमेश्वर के राज्य के लिए महान कार्य कर सकें इसलिए आपको अग्नि का बपतिस्मा की जरुरत है।
मैं तुम से सच सच कहता हूं, कि जो मुझ पर विश्वास रखता है, ये काम जो मैं करता हूं वह भी करेगा, वरन इन से भी बड़े काम करेगा, क्योंकि मैं पिता के पास जाता हूं। (यूहन्ना १४:१२)
४. आप राज्यों को अपने वश में करने, और अन्धकार के कामों को नाश कर करने, और दुष्ट जूतोंको तोड़ सके इसलिए आपको अग्नि का बपतिस्मा की जरुरत है।
३३ इन्होंने विश्वास ही के द्वारा राज्य जीते; धर्म के काम किए; प्रतिज्ञा की हुई वस्तुएं प्राप्त की, सिंहों के मुंह बन्द किए। ३४ आग की ज्वाला को ठंडा किया; तलवार की धार से बच निकले, निर्बलता में बलवन्त हुए; लड़ाई में वीर निकले; विदेशियों की फौजों को मार भगाया। ३५स्त्रियों ने अपने मरे हुओं को फिर जीवते पाया; कितने तो मार खाते खाते मर गए; और छुटकारा न चाहा; इसलिये कि उत्तम पुनरुत्थान के भागी हों। (इब्रानियों ११:३३-३५)
५. आप बंदियों को मुक्त कर सकें इसलिए आपको अग्नि का बपतिस्मा की जरुरत है।
तौभी यहोवा यों कहता है, हां, वीर के बंधुए उस से छीन लिए जांएगे,
और बलात्कारी का शिकार उसके हाथ से छुड़ा लिया जाएगा,
क्योंकि जो तुझ से लड़ते हैं उन से मैं आप मुकद्दमा लडूंगा,
और तेरे लड़के-बालों का मैं उद्धार करूंगा। (यशायाह ४९:२५)
६. आप दुष्टात्माओं को निकालने, और उनके राज्य के लिथे भयानक बन सके इसलिए आपको अग्नि का बपतिस्मा की जरुरत है।
१७ "और विश्वास करने वालों में ये चिन्ह होंगे कि वे मेरे नाम से दुष्टात्माओं को निकालेंगे। १८ नई नई भाषा बोलेंगे, सांपों को उठा लेंगे, और यदि वे नाशक वस्तु भी पी जांए तौभी उन की कुछ हानि न होगी, वे बीमारों पर हाथ रखेंगे, और वे चंगे हो जाएंगे।” (मरकुस १६:१७-१८)
७. सामर्थ के बिना, दुष्ट गुप्त स्थानों में छिपे रहेंगे। सामर्थ के द्वारा ही उन्हें उनके छिपने के स्थान से खदेड़ा जाता है। जीवित रहने और विजय के लिए सामर्थ की जरूरत है।
४४ मेरा नाम सुनते ही वे मेरी आज्ञा का पालन करेंगे;
परदेशी मेरे वश में हो जाएंगे।
४५ परदेशी मुर्झा जाएंगे,
और अपने किलों में से थरथराते हुए निकलेंगे॥ (भजन संहिता १८:४४-४५)
ऐसी कौन सी चीज़ें हैं जो आत्मा की अग्नि को बुझा सकती हैं?
- "आत्मा को न बुझाओ ..." (१ थिस्सलुनीकियों ५:१९)
१. अभिलाषा और पापपूर्ण विचार (मत्ती १५:१०-११, १७-२०)
२. इस जीवन की चिंता (मरकुस ४:१९)
३. प्रार्थना न करना (लूका १८:१)
४. क्षमा न करना (इफिसियों ४:३०)
५. झूठ, भय, सन्देह और अविश्वास (रोमियो १४:२३)
आप आत्मिक सामर्थ कैसे उत्पन्न कर सकते हैं
- उपवास और प्रार्थना
उपवास आपको आत्मिक अधिकार के उच्च क्षेत्रों में उपयोग कर सकता है।
जब भी हम उपवास कर रहे होते हैं, हम खुद को परमेश्वर के साथ नए सिरे से मुलाकात के लिए तैयार कर रहे होते हैं। आप परमेश्वर के साथ एक नए सिरे से मुलाकात नहीं कर सकते हैं और कमजोर बने नहीं रह सकते हैं। हर मुलकात ताजा अग्नि पैदा करती है।
- परमेश्वर का वचन
परमेश्वर का वचन सामर्थ से भरा हुआ है, हर बार जब आप अध्ययन करते हैं, तो आपको सामर्थ का एक नया भंडार प्राप्त होता है।
क्योंकि परमेश्वर का वचन जीवित, और प्रबल, और हर एक दोधारी तलवार से भी बहुत चोखा है, और जीव, और आत्मा को, और गांठ गांठ, और गूदे गूदे को अलग करके, वार पार छेदता है; और मन की भावनाओं और विचारों को जांचता है। (इब्रानियों ४:१२)
परमेश्वर के वचन में अग्नि और सामर्थ है। परमेश्वर का वचन परमेश्वर की आत्मा से अभिषेक किया गया है। यदि आप वचन के साथ समय बिताते हैं, तो आप आत्मिक सामर्थ को उत्पन्न करेंगे।
यदि मैं कहूं, मैं उसकी चर्चा न करूंगा न उसके नाम से बोलूंगा,
तो मेरे हृदय की ऐसी दशा होगी मानो मेरी हड्डियों में धधकती हुई आग हो,
और मैं अपने को रोकते रोकते थक गया पर मुझ से रहा नहीं जाता।(यिर्मयाह २०:९)
- खुद की मृत्यु
खुद की मृत्यु के बिना, आत्मा की सामर्थ आपके जीवन में नहीं बढ़ सकती। परमेश्वर की सामर्थ का उपयोग परमेश्वर के उद्देश्य के लिए किया जाना चाहिए। जब खुद को क्रूस पर नहीं चढ़ाया जाता है, तो परमेश्वर की सामर्थ का उपयोग स्वार्थी उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है।
मैं तुम से सच सच कहता हूं, कि जब तक गेहूं का दाना भूमि में पड़कर मर नहीं जाता, वह अकेला रहता है परन्तु जब मर जाता है, तो बहुत फल लाता है। (यूहन्ना १२:२४)
Bible Reading Plan : John 15-19
प्रार्थना
१. पिता, यीशु के नाम में अग्नि से बपतिस्मा मुझे दो।
२. पिता, यीशु के नाम में पराक्रमी कार्य के लिए मुझे सशक्त कर।
३. पिता, यीशु के नाम में धन पाने की सामर्थ मुझे दो।
४. यीशु के नाम में शैतानी गढ़ों और सीमाओं को तोड़ने की सामर्थ को मैं ग्रहण करता हूं।
५. पिता, यीशु के नाम में मुझे आत्मा को जीतने के लिए ताज़ी अग्नि चाहिए।
६. पिता, यीशु के नाम में मैं अपने जीवन में आत्मा के नौ वरदानों के कार्य की इच्छा रखता हूं। (१ कुरिन्थियों १२:४-११)।
७. पिता, यीशु के नाम में, कृपया मेरे जीवन में जो कुछ भी उसे उखाड़ फेंक जो मुझे अग्नि के बपतिस्मा को ग्रहण करने से रोक रहा है, यीशु के नाम में।
८. हे प्रभु, यीशु के नाम में तेरी अग्नि से, पापी इच्छाओं और आदतों को मेरे जीवन से नष्ट कर दे।
९. पिता, यीशु के नाम में अपनी पवित्र अग्नि को मेरी आत्मा, प्राण और शरीर को शुद्ध करने दे।
१०. पिता, यीशु के नाम में आपकी पवित्र आत्मा से भरने की इच्छा मैं रखता हूं।
११. यीशु के नाम में मैं व्यर्थ जीवन नहीं जीऊंगा।
१२. यीशु के नाम में उत्कृष्टता के लिए अभिषेक, मुझ पर और इस ४० दिवसीय उपवास में शामिल होने वाले सभी लोगों पर उंडेला जाए।
२. पिता, यीशु के नाम में पराक्रमी कार्य के लिए मुझे सशक्त कर।
३. पिता, यीशु के नाम में धन पाने की सामर्थ मुझे दो।
४. यीशु के नाम में शैतानी गढ़ों और सीमाओं को तोड़ने की सामर्थ को मैं ग्रहण करता हूं।
५. पिता, यीशु के नाम में मुझे आत्मा को जीतने के लिए ताज़ी अग्नि चाहिए।
६. पिता, यीशु के नाम में मैं अपने जीवन में आत्मा के नौ वरदानों के कार्य की इच्छा रखता हूं। (१ कुरिन्थियों १२:४-११)।
७. पिता, यीशु के नाम में, कृपया मेरे जीवन में जो कुछ भी उसे उखाड़ फेंक जो मुझे अग्नि के बपतिस्मा को ग्रहण करने से रोक रहा है, यीशु के नाम में।
८. हे प्रभु, यीशु के नाम में तेरी अग्नि से, पापी इच्छाओं और आदतों को मेरे जीवन से नष्ट कर दे।
९. पिता, यीशु के नाम में अपनी पवित्र अग्नि को मेरी आत्मा, प्राण और शरीर को शुद्ध करने दे।
१०. पिता, यीशु के नाम में आपकी पवित्र आत्मा से भरने की इच्छा मैं रखता हूं।
११. यीशु के नाम में मैं व्यर्थ जीवन नहीं जीऊंगा।
१२. यीशु के नाम में उत्कृष्टता के लिए अभिषेक, मुझ पर और इस ४० दिवसीय उपवास में शामिल होने वाले सभी लोगों पर उंडेला जाए।
Join our WhatsApp Channel
Most Read
● २१ दिन का उपवास: दिन ०७● शीर्षक: विश्वास का पाठशाला
● दिन १२ :४० का उपवास और प्रार्थना
● जीने का संकेत (तरीका)
● दानिय्येल का उपवास के दौरान प्रार्थना
● प्रार्थना में तत्परता
● राज्य में नम्रता और आदर
टिप्पणियाँ