डेली मन्ना
दिन ३१: ४० दिन का उपवास और प्रार्थना
Sunday, 22nd of December 2024
14
14
128
Categories :
उपवास और प्रार्थना
लहू के माध्यम से विजय
"और जिन घरों में तुम रहोगे उन पर वह लोहू तुम्हारे निमित्त चिन्ह ठहरेगा; अर्थात मैं उस लोहू को देखकर तुम को छोड़ जाऊंगा, और जब मैं मिस्र देश के लोगों को मारूंगा, तब वह विपत्ति तुम पर न पड़ेगी और तुम नाश न होगे।" (निर्गमन १२:१३)
फसह के दौरान, जानवरों के लहू का इस्तेमाल यीशु मसीह के लहू के एक प्रकार के रूप में किया जाता था। जानवरों का वह लहू यीशु मसीह के लहू की ओर इशारा कर रहा था। परमेश्वर ने इस्राएलियों से कहा कि जब वह लहू देखेगा, तो वह उनके ऊपर से गुजर जाएगा। यह वह समय था जब एक शक्तिशाली विपत्ति पूरे देश, मिस्र देश, को प्रभावित करने वाला था, और परमेश्वर अपने लोगों को लहू के माध्यम से छुटकारा दे रहा था।
इससे हम यीशु के लहू में मौजूद शक्ति के बारे में सीख सकते हैं। यीशु के लहू के माध्यम से विजय होती है जब हम इसे न केवल अपने ऊपर बल्कि अपने परिवार पर भी लागू करते हैं। यह हमें बुराई से मुक्ति दिला सकता है।
कई बार, जब अचानक हमला होता है, तो अविश्वासी और कुछ दूध पिटे मसीह लोग बस चिल्लाते हैं और कहते हैं, "आह!" लेकिन जब आप समझते हैं कि यीशु का लहू क्या कर सकता है, अचानक हमले के उस समय में, तब आपको लहू की याचना करनी होगी और लहू के बारे में चिल्लाना होगा। यह वह समय है जब आप यीशु के लहू के नारे लगाएंगे क्योंकि यह अचानक हमलों, विपत्तियों, दुर्घटनाओं और बुराई को दूर कर सकता है।
निर्गमन २४, वचन 8 कहता है,
"तब मूसा ने लोहू को ले कर लोगों पर छिड़क दिया, और उन से कहा, देखो, यह उस वाचा का लोहू है जिसे यहोवा ने इन सब वचनों पर तुम्हारे साथ बान्धी है।"
यह वाचा पुरानी वाचा से संबंधित थी, लेकिन यही सिद्धांत नई वाचा पर भी लागू होता है। जब यीशु ने क्रूस पर अपना लहू बहाया, तो आत्मिक क्षेत्र में वह लहू हमें शुद्ध करने, हमें पवित्र करने, हमें धर्मी बनाने और हमें परमेश्वर की वाचा में चाप करने के लिए हम पर छिड़का गया था।
यीशु का लहू हमेशा के लिए बहाया गया है, और यह अब तक बोलता है। यह हाबिल के लहू से भी अच्छी बातें कहता है (इब्रानियों १२:२४)। कुछ लहू प्रतिशोध की बात करते हैं। अगर किसी को अन्यायपूर्वक मारा जाता है, तो वह लहू बोलता है। इसीलिए जब कैन ने हाबिल को मार डाला, तब भी हाबिल का लहू ज़मीन से बोल रहा था (उत्पत्ति ४:१०)। इसलिए जब लोगों को अन्यायपूर्वक मार दिया जाता है, तो उनकी आवाज़ बोल सकती है, और वह आवाज़ उन्हें मारने वाले व्यक्ति और उसकी पीढ़ी के खिलाफ निर्णय सुना रही होगी। लेकिन यीशु का लहू हमारे लिए बेहतर बातें कह रहा है। यीशु का लहू हमारे लिए औचित्य की बात करता है। यीशु का लहू हमारे लिए शुद्धिकरण और मुक्ति की बात करता है।
लहू बोल सकता है क्योंकि किसी वस्तु का जीवन लहू में है (लैव्यव्यवस्था १७:११); मसीह का जीवन भी उनके लहू में है. इसलिए जब वह अपना लहू बहाता है, तो यह दिखाने का एक तरीका है कि उन्होंने हमारे लिए अपना जीवन दे दिया है।
भजन संहिता १०६, वचन ३८ में कहा गया है,
"उन्होंने निर्दोषों का लहू बहाया..."
इस संसार में ऐसे दुष्ट लोग हैं जो अब भी निर्दोषों का लहू बहा रहे हैं। जब लोग मरते हैं तो वे खुश होते हैं। जब लोग गिरते हैं तो वे खुश होते हैं। यदि आप उनका प्रतिकार नहीं करते और उन पर काबू नहीं पाते, तो वे आपके जीवन को नष्ट करने के लिए तैयार हैं। पवित्रशास्त्र कहता है कि सारा संसार दुष्टता में पड़ा है (१ यूहन्ना ५:१९)।
चारों ओर दुष्ट लोग लोगों पर हमला करने की कोशिश कर रहे हैं। आत्मिक क्षेत्र में आत्मिक ताकतें भी हैं जो लोगों पर हमला भी कर रही हैं। यीशु के लहू के माध्यम से, आपने इन सभी ताकत और शक्तियों पर विजय प्राप्त की है, क्योंकि पवित्रशास्त्र कहता है कि हम उसके माध्यम से विजेताओं से भी अधिक हैं जिसने हमसे प्रेम किया (रोमियो ८:३३७)।
परक्षितवाक्य अध्याय १२, वचन ११ कहता है:
"और वे मेम्ने के लोहू के कारण, और अपनी गवाही के वचन के कारण, उस पर जयवन्त हुए, और उन्होंने अपने प्राणों को प्रिय न जाना, यहां तक कि मृत्यु भी सह ली।।"
यीशु के लहू के माध्यम से, हम हमारे मार्ग में आने वाली हर शक्ति और लड़ाई पर विजय प्राप्त करते हैं। यीशु का लहू हमें शैतान पर विजय दिलाने के लिए काफी शक्तिशाली है।
हम यीशु के लहू के माध्यम से शैतान और हमारे मार्ग में आने वाली किसी भी प्रधानता और शक्तियों पर विजय पा सकते हैं। लेकिन आपको यह समझना चाहिए कि लहू क्या कर सकता है और यीशु के लहू की शक्ति पर भरोसा रखना चाहिए। आज, जब हम प्रार्थना करते हैं और यीशु के लहू के माध्यम से जीत हासिल करते हैं, मैं चाहता हूं कि आप प्रार्थना करना, ध्यान करना और अध्ययन करना जारी रखें कि यीशु का लहू आपके लिए क्या कर सकता है ताकि आपकी जीत दिन-रात बनी रहे।
प्रार्थना
हर एक प्रार्थना अस्त्र को तब तक दोहराएं जब तक कि यह आपके हृदय से गूंज न जाए। उसके बाद ही आपको अगले अस्त्र पर आगे बढ़ना चाहिए। प्रार्थना मुद्दे को व्यक्तिगत रूप से करें, और आगे बढ़ने से पहले सुनिश्चित करें कि यह वास्तव में पूर्णहृदय से है, हर एक प्रार्थन मुद्दे के लिए कम से कम एक मिनट समर्पित करें।
१. मैं आत्मिक क्षेत्र और भौतिक क्षेत्र में हर शक्ति पर विजय हासिल करता हूं, अपनी उन्नति और अपनी महिमा के खिलाफ यीशु के नाम में लड़ता हूं। (रोमियो ८:३७)
२. मैं अपनी महिमाशाली विधान से लड़ते हुए, हर घरेलू शक्ति पर यीशु मसीह के नाम में विजय प्राप्त करता हूँ। मैं यीशु के लहू से तुझ पर विजय प्राप्त करता हूँ। (प्रकाशितवाक्य १२:११)
३. मेरे जीवन पर मंडराने वाले मृत्यु के हर फैसले को मैं तुम्हें यीशु मसीह के लहू से नष्ट कर देता हूं। (इब्रानियों १२:२४)
४. मैं अपने विधान के खिलाफ बोलने वाले आरोप, निंदा और फैसले की हर आवाज को शांत करा देता हूं। यीशु के लहू के माध्यम से, मैं आपको यीशु के नाम में शांत कराता हूं। (कुलुस्सियों २:१४)
५. यीशु के लहू से, मैं अपने खिलाफ बनाए गए हर हथियार को नष्ट कर देता हूं। यह यीशु के नाम में समृद्ध नहीं होगा। (यशायाह ५४:१७)
६. यीशु के लहू से, यीशु के नाम में, मैं उत्सव के आयाम में चला जाता हूं। मेरी गवाही को रोकने वाली कोई भी शक्ति, गिर जाएगी, यीशु के नाम में बर्बाद हो जाएगी। (भजन संहिता ११८:१५)
७. यीशु का लहू, यीशु मसीह के नाम में, हर घरेलू दुष्टता पर मेरे लिए लड़। (इफिसियों ६:१२)
८. मैं खुद को, अपने जीवनसाथी को, अपने बच्चों को, अपने व्यवसाय को और मुझसे और अपने प्रियजनों से संबंधित सभी चीजों को यीशु के लहू से ढकता हूं। (भजन संहिता ९१:४)
९. यीशु के लहू से, मैं अंधकार की हर लिखावट को उलट देता हूं और मिटा देता हूं। किसी भी महीने में कार्य किए गए अंधकार के हर लंबित हमले को मेरे जीवन के खिलाफ प्रकट होने की प्रतीक्षा में मिटा दिया जाएगा, यीशु के नाम में रद्द कर दिया जाएगा। (कुलुस्सियों २:१५)
१०. यिशु का लहू,मेरे जीवन से गुजर और हर प्रदूषण, हर जहर को बाहर निकाल दो जो स्वप्न में मेरे जीवन में डाला गया है, यीशु मसीह के नाम में। (१ यूहन्ना १:७)
Join our WhatsApp Channel
Most Read
● युद्ध (लड़ाई) के लिए प्रशिक्षण● प्रार्थनाओं में आनेवाली रूकावटों पर कैसे जय पाए
● आभारी (कृतज्ञता) में एक सीख (है)
● दिन ०३: ४० दिन का उपवास और प्रार्थना
● आप कितने ऊंचे स्वर से बोल सकते हैं?
● पिन्तेकुस का उद्देश्य
● महान पुरुष और स्त्री क्यों गिरते (पतन हो जाते) हैं
टिप्पणियाँ