डेली मन्ना
28
18
223
परमेश्वर के निकट आओ
Sunday, 1st of June 2025
Categories :
परमेश्वर के साथ घनिष्ठता
परमेश्वर के निकट आओ, तो वह भी तुम्हारे निकट आएगा। (याकूब ४:८)
यहां हमें एक अद्धभुत निमंत्रण और एक शानदार वादा दिया गया है।
१. एक निमंत्रण - परमेश्वर के निकट आओ।
२. वादा - जब आप परमेश्वर के निकट आएंगे, तो वह वादा करता है कि मैं वह भी हमारे निकट आएगा।
इब्रानियों ९:१-९ हमें बताता है कि मंदिर में एक परदे ने परम पवित्रस्थान को अलग कर दिया। इससे यह सूचित मिलता है कि मनुष्य पाप से परमेश्वर से अलग हो गया था। केवल इस्राएल के सभी लोगों के लिए परमेश्वर की उपस्थिति में प्रवेश करने और उनके पापों का प्रायश्चित करने के लिए हर वर्ष में एक बार इस धर्म से परे जाने के लिए केवल प्रधान याजक को अनुमति दी गई थी।
लेकिन जब प्रभु यीशु मसीह ने क्रूस पर अपना लहू बहाया, तब कुछ अद्भुत हुआ, यह परदा ऊपर से नीचे तक फटा गया। यह सूचित मिलता है कि अब सभी लोगों के लिए, हर समय के लिए यहूदी और अन्यजातियों के लिए परम पवित्रस्थान में जाने का मार्ग खुल गया है।
मेरे जीवन में एक समय था जब परमेश्वर के निकट आने की धारणा रहस्यमय और विशिष्ट लगती थी, केवल कुछ चुनिंदा लोगों के लिए आरक्षित थी। हालाँकि, प्रार्थना के एक क्षण के दौरान, पवित्र आत्मा ने मुझसे कहा, "यह सब तुम पर निर्भर करता है कि तुम मुझे कितना जानना चाहते हो।" वास्तव में, परमेश्वर के करीब आने की क्षमता सभी के लिए सुलभ है। कुंजी एक व्यक्ति की अपनी इच्छा और प्रभु के साथ अपने संबंध को गहरा करने के दृढ़ संकल्प में निहित है। जितना अधिक परमेश्वर को जानने की लालसा होती है, उतना ही गहरा आत्मिक संबंध का अनुभव करने के लिए खुला होता है
आप परमेश्वर के निकट कितनी दूर जाना चाहते हैं?
अध्याय ४७ में यहेजकेल नबी की तरह (कृपया पूरा अध्याय पढ़ें) आप परमेश्वर के निकट कितनी दूर तक जाना चाहते हैं, टखने तक, घुटने तक, कमर तक या ऐसी जगह जहाँ पवित्र आत्मा आपको रखा है। यह सब आप पर निर्भर है। प्रभु आपसे कहता है, तुम मेरे निकट कितना दूर आना चाहते हो, उतना ही मैं तुम्हारे निकट आना चाहता हूं।
इस विश्व का राजा और सृष्टिकर्ता आपके करीब आना चाहता है! हालाँकि, वह अपने आपको आप पर मजबूर नहीं करेगा। वह आपकी चुनाव पर छोड़ देता है।
आप अपने पास आने के लिए राजसी को नहीं बोलते हैं, आप खुद उसके पास जाते हैं। अच्छी खबर यह है कि २००० साल से भी अधिक समय पहले यह परमेश्वर इस धरती पर आया था, एक पाप रहित जीवन जीया, अपना लहू बहाया और क्रूस पर मर गया और फिर से जी उठा। आज, हम उनके पास जा सकते हैं। आप कह सकते है कि, मैं अपने आप को आपको देता हूं।
मैं अपने आपको समर्पित करता हूं।"
देखिए ऊडाव पुत्र ने क्या कहा:
मैं अब उठकर अपने पिता के पास जाऊंगा और उस से कहूंगा कि पिता जी मैं ने स्वर्ग के विरोध में और तेरी दृष्टि में पाप किया है। अब इस योग्य नहीं रहा कि तेरा पुत्र कहलाऊं, मुझे अपने एक मजदूर की नाईं रख ले। तब वह उठकर, अपने पिता के पास चला: वह अभी दूर ही था, कि उसके पिता ने उसे देखकर तरस खाया, और दौड़कर उसे गले लगाया, और बहुत चूमा। (लूका १५:१८-२०)
हर रोज उनके निकट कैसे जाना है?
परमेश्वर के निकट जाना मतलब उनके साथ समय बिताना, उनकी आराधना करना, प्रार्थना और उनके साथ बातें करना, उन्हें हमारे जीवन के हर पहलू में आमंत्रित करना है। ऐसा करने के लिए हर दिन एक निश्चित समय रखें। आप चकित होंगे कि वह आपके माध्यम से वह क्या किया है।
Bible Reading: 2 Chronicles 29-30
प्रार्थना
पिता, आपका वचन कहता है, "हर वृक्ष जो मेरे स्वर्गीय पिता ने नहीं लगाया है, वह उखाड़ के फेंक दिया जाए।" सब कुछ उखाड़ के फेंक जो मुझे आपके साथ मेरे चलने में बढ़ने से रोकता है। मैं यीशु के लहू से अपनी प्रार्थना के समय को ढ़कता हूं।
पिता, मुझे हर रोज प्रार्थना करने की कृपा दें। जैसे कि मैं आपके निकट आता हूं, जैसे कि अपने वादा किया है आप मेरे निकट आए, यीशु के नाम में, अमीन।
Join our WhatsApp Channel

Most Read
● शत्रु आपके बदलाव (परिवर्तन) से डरता है● अपने संघर्ष को अपनी पहचान न बनने दें -१
● आपके आशीष को गुणित करने का निश्चित तरीका
● २१ दिन का उपवास: दिन ०९
● आपका दिन आपको परिभाषित (वर्णन) करता है
● उदाहरण (आदर्श) - का जीवन जिए
● कार्यस्थल में एक प्रसिद्ध व्यक्ति – II
टिप्पणियाँ