हे परमेश्वर तू कब तक? क्या सदैव मुझे भूला रहेगा?
तू कब तक अपना मुखड़ा मुझ से छिपाए रहेगा?
मैं कब तक अपने मन ही मन में युक्तियां करता रहूं,
और दिन भर अपने हृदय में दुखित रहा करूं,
कब तक मेरा शत्रु मुझ पर प्रबल रहेगा? (भजन संहिता १३:१-२)
सिर्फ दो वचन में चार बार दाऊद ने परमेश्वर से सवाल पूछा, "कब तक?"
शुरुआती दिनों में, जब मैं और मेरी पत्नी सड़क मार्ग से सेवकाई के लिए जाते थे, तो वह अक्सर पूछती थी, "यात्रा कब तक है?" मुश्किल से दस मिनट बीतेने के बाद और फिर वह पूछती थी, “हम कब पहुँच रहे हैं? यह इतना समय क्यों लग रहा है?" मैं सच बता रहा हूँ, मैं उसे असली बात नहीं बताई।
इंतजार करना कभी-कभी ऐसा लगता है कि जैसे परमेश्वर हमें भूल गया हो
इंतजार करना कभी-कभी ऐसा लगता है कि उन्हें अब कोई परवाह नहीं है और उन्होंने हमसे उनका चेहरा छिपा लिया है।
इंतजार करना निराशा हो सकती है। दाऊद इस इंतजार की प्रक्रिया से गुजरा और अंत में रो पड़ा, 'कब तक'? आप भी इस तरह से रो रहे होंगे, "परमेश्वर कब तक?"
प्रेरित पतरस हमें बताता है कि "प्रभु अपनी वादों को पूरा करने में देर नहीं करता हैं, जैसे देर कितने लोग समझते हैं" (२ पतरस ३:९)। कुछ मुद्दे पर, हम में से हर कई इस "कुछ" समूह में शामिल हो गए हैं। हम अक्सर प्रभु से कहते हैं, “इतनी देर क्यों हो रही है? आप उत्तर देने में ईतनी देत क्यों कर रहे हो? ” ईमानदारी से, मैंने भी कुछ समय में इन सवालों को पूछा है।
मैं आपके साथ दो अद्भुत वादे साझा करना चाहता हूं जो हमारी यात्रा में हमारी मदद करेंगे:
क्योंकि प्राचीनकाल ही से तुझे छोड़ कोई और ऐसा परमेश्वर न तो कभी देखा गया और न कान से उसकी चर्चा सुनी गई जो अपनी बाट जोहने वालों के लिये काम करे। (यशायाह ६४:४)
ध्यान दीजिए, पवित्र शास्त्र क्या कहता है, "परमेश्वर अपनी बाट जोहने वालों (इंतजार करने वालों) के लिये कार्य करता हैं"
आज, प्रभु को यह कहते हुए बताएं, "प्रभु, मैं इस मुद्दे को आपके हाथों में सौंप रहा हूं और इसका हल निकालने के लिए मैं आप पर इंतजार और भरोसा कर रहे हैं।" हर दिन उन्हें इस वादे की याद दिलाते रहें। प्रभु वफादार है और निश्चित रूप से आपके पक्ष में कार्य करेगा।
वह थके हुए को बल देता है और शक्तिहीन को बहुत सामर्थ देता है। तरूण तो थकते और श्रमित हो जाते हैं, और जवान ठोकर खाकर गिरते हैं; परन्तु जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वे नया बल प्राप्त करते जाएंगे, वे उकाबों की नाईं उड़ेंगे, वे दौड़ेंगे और श्रमित न होंगे, चलेंगे और थकित न होंगे॥
दूसरी बात, प्रार्थना में प्रभु की प्रतीक्षा (इंतजार) करने से आपके जीवन में गति (जल्दी) और त्वरण (तेज़ी) का अभिषेक होगा।
आप सोच रहे होंगे कि यह गति और त्वरण का अभिषेक क्या है। जब परमेश्वर का हाथ भविष्यवक्ता एलिय्याह पर आया, तो वह अहाब के रथ के आगे दौड़ा। (१ राजा १८:४६) आपको पूरा होने में जो साल लगे, अब वह केवल कुछ दिन लगेंगे। इसे ग्रहण कीजिए।
जब इस्राएलियों ने मिस्र छोड़ दिया और वादा किए गए देश की यात्रा की, तो यह आम तौर पर ११ दिन की यात्रा थी, लेकिन यह इस्राएल को ४० साल लग गए। मुद्दा यह था कि इस्राएली उन बातों को नहीं सीख रहे थे, जो यहोवा उन्हें वादा किए गए देश में प्रवेश करने से पहले उनके प्रतीक्षा (इंतजार) काल के दौरान सिखा रहा था।
अक्सर कई लोगों के साथ ऐसा होता है। वे उन बातों को नहीं सीखते हैं जो प्रभु उनके प्रतीक्षा काल के दौरान उन्हें सिखाने की कोशिश कर रहे हैं। और इस वजह से वे बार-बार उसी पहाड़ पर घूमते रहते हैं। देखिए, यहोवा ने इस्राएलियों से क्या कहा:
"तुम लोगों को इस पहाड़ के बाहर बाहर चलते हुए बहुत दिन बीत गए।" (व्यवस्थाविवरण २:३)
जब आप सिर्फ एक सुननेवाले नहीं होते हैं, लेकिन उन बातों को क्रियात्मक में लाए जो प्रभु आपको सिखा रहे हैं, तो आपके अगले स्तर में जाना पक्का होगा।
Bible Reading: Esther 5-8
अंगीकार
सर्वशक्तिमान पिता, आप निश्चित रूप से उन लोगों के लिए कार्य करते हैं जो आपकी बाट जोहते हैं। मैं आपको धन्यवाद देता हूं कि जैसे-जैसे मैं आपकी उपस्थिति में प्रतिदिन प्रतीक्षा करता हूं, मेरा बल नया हो रहा है। मैं उकाबों के समान पंख फैलाकर ऊपर चढ़ूंगा। मैं दौड़ूँगा और श्रमित न होऊँगा; मैं चलूंगा और मूर्छित न होऊंगा।
मैं कबूल करता हूं कि मैं सिर्फ सुनने वाला नहीं हूं बल्कि आपके वचन का कार्य करनेवाला हूं।
मैं अगले स्तर पर जा रहा हूं। यीशु के नाम में। आमेन।
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