शांति के लिए दर्शन

४१जब वह निकट आया तो नगर को देखकर उस पर रोया। ४२और कहा, क्या ही भला होता, कि तू; हां, तू ही, इसी दिन में कुशल की बातें जानता, परन्तु अब वे तेरी आंखों स...