पिता,
आपके अद्भुत उपस्थिति के लिए मैं आपको धन्यवाद देता हूं। आपका वचन मेरी आत्मा में गहराई तक बोया जाय। मुझे भुलक्कड़ सुनने वाला नहीं बल्कि आपके वचन के अनुसार चलने वाला बनने में मदद कर। साथ ही, मुझे आपके वचन पर मनन करने में मदद कर और इस तरह आपके सत्य की चट्टान पर मेरे जीवन का निर्माण कर।
मैं उस वृक्ष के समान हुं, जो बहती नदियों के किनारे लगाया गया है, जो अपने समय पर फल लाता है, जिसका पत्ता कभी नहीं मुरझाता, और जिस पर मैं हाथ रखूं, वह सफल रहेगा। यीशु के नाम में। आमेन।
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