सुबह करीब ७:३० बजे कार से घर से निकले। दोपहर करीब १२ बजे पुणे पहुंचे। पुणे के रास्ते में बहुत भारी ट्रैफिक था।
जैसे ही मैं पुणे पहुँचा, मैं उस कलीसिया में गया जहाँ सभ का आयोजित किया गया था। अगुवों से मुलाकात की और कार्यक्रम स्थल पर उनके साथ प्रार्थना की।
पासबानों द्वारा पासबान माइकल का सम्मानित किया गया
कलीसिया के अगुवों ने पासबान माइकल का अभिनन्दन किया।
मुझे बताया गया कि "यह कलीसिया मसीह के दूसरे आगमन तक खड़ा रहेगा" जो साधु सुंदर सिंह ने भविष्यवाणी की थी। मैं ने वह स्थान भी देखा जहां परमेश्वर का यह महान व्यक्ति खड़ा था और उन्होंने (कलीसिया के बाहर) संदेश प्रचार किया था। ऐसा इसलिए है क्योंकि वे उन्हें कलीसिया के अंदर प्रचार करने की अनुमति नहीं दिये थे।
ऊपर का चित्र। साधु सुंदर सिंह, जहां उन्होंने खड़े होकर सुसमाचार का प्रचार किया था
मैं बस यह आपको बताना चाहता हूं कि, यदि आप अच्छा काम करने से भी आपका तिरस्कार हो रहा है तो, अपने आपको प्रोत्साहित करें, एक समय आएगा जब आप खुशिया मनाएंगे।
मैं मुख्य आयोजकों के घर भी गए था और उनके प्रियजनों के साथ प्रार्थना की। उन्होंने मुझे बताया कि वे कई वर्षों से सुभसंदेश टीवी और यूट्यूब पर मेरे कार्यक्रम देख रहे हैं। एक विशेष रूप से सभी भागीदारों और दाताओं को धन्यवाद करता हूँ जो प्रभु के काम के लिए मदत करते हैं। मैं गुप्त रीती से आप सभी के लिए परमेश्वर का शुक्रिया अदा किया।
इस बीच मुंबई से पुणे जाने वाली विशेष बस भी दोपहर लगभग १२:३० बजे कार्यक्रम स्थल पर पहुँची।
आयोजकों ने उनके लिए दोपहर और रात के भोजन का आयोजन कियाअब सभा के लिए तैयार हो रहें है। काश आप यहाँ होते
लोग बैठे हुए और वचन को सुन रहे है कलीसिया के परिसर में
भीड़ का भाग स्थल पर
एक और भीड़ का भाग स्थल पर
सभा के बाद टीम भोजन किये।
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