Daily Manna
29
17
696
खोया हुआ रहस्य
Monday, 30th of September 2024
Categories :
आत्म परीक्षा
शिष्यत्व
मनुष्य हमेशा दूसरों की परीक्षा लेता है। दूसरी ओर, वचन हमें यह कहते हुए आज्ञा देता है: "इसलिये मनुष्य अपने आप को जांच ले" (१ कुरिन्थियों ११:२८)
प्रभु के साथ मेरे चलने में, एक दिन मैंने पवित्र आत्मा से पूछा, "मैं अगले स्तर पर कैसे जाऊं?" मेरी आत्मा का मनुष्य में मुझे यह प्रभाव था। "व्यक्तिगत आत्मनिरीक्षण की आदत में जाओ" जैसा कि मैंने अपनी आत्मा में यह सुना, मैं इसे और अधिक पवित्र शास्त्र में देखना शुरू किया।
अपने आप को परखो, कि विश्वास में हो कि नहीं। (२ कुरिन्थियों १३:५)
पर हर एक अपने ही काम को जांच ले, और तब दूसरे के विषय में नहीं परन्तु अपने ही विषय में उस को घमण्ड करने का अवसर होगा। (गलातियों ६:४)
प्रभु यीशु ने आत्म-निरीक्षण के इस सत्य को मत्ती ७:१-५ में बहुत खूबसूरती से बताया है।
हम अक्सर अपने आस-पास के लोगों की आंखों में होने वाली छींटों को लेकर चिंतित रहते हैं। इसके बजाय, हमें अपनी आँखों की जाँच करनी चाहिए और ऐसा करने से हमें अपनी आँखों में ही बड़े मुद्दे मिलेंगे। जब हम अपने स्वयं के मुद्दों से निपटते हैं तो हम अपने आसपास के लोगों की मदद करने के लिए बेहतर स्थिति में होंगे।
मैंने मत्ती ७:१-५ को एक संक्षिप्त व्याख्या शैली में रखा ताकि मैं आप तक बात पहुंचा सकूं।
पर प्रतिबिंबित करके ...
आप क्या कर रहे हो?
आप अपना दिन, अपना समय कैसे बिता रहे हैं?
और जो विचार आप सोच रहे हैं।
आत्म-सुधार को मापने के लिए आप अपने लिए एक मानदंड निर्धारित करके रखे हैं। कल को बेहतर बनाने का एकमात्र तरीका यह जानना है कि आपने आज क्या गलत किया।
अंत में, अपने आपको जांचने की प्रक्रिया को अधिक प्रभाव बनाने के लिए, किसी को स्पष्ट योजना के साथ आने की जरुरत है ताकि यह फिर से न हो।
Prayer
हे परमेश्वर, मुझे जांच कर जान ले! मुझे परख कर मेरी चिन्ताओं को जान ले! और देख कि मुझ में कोई बुरी चाल है कि नहीं, और अनन्त के मार्ग में मेरी अगुवाई कर! (भजन संहिता १३९:२३-२४)
Join our WhatsApp Channel

Most Read
● अपनी पूर्ण क्षमता तक पहुँचना● दो बार नहीं मरना (है)
● अधर्म (दुष्टता) की शक्ति को तोड़ना - I
● परमेश्वर को आपका बदला दो
● बदलाव का समय
● आप नये है
● रहस्य को गले लगाना
Comments