हिंदी मराठी తెలుగు മലയാളം தமிழ் ಕನ್ನಡ Contact us Contact us Listen on Spotify Listen on Spotify Download on the App StoreDownload iOS App Get it on Google Play Download Android App
 
Login
Online Giving
Login
  • Home
  • Events
  • Live
  • TV
  • NoahTube
  • Praises
  • News
  • Manna
  • Prayers
  • Confessions
  • Dreams
  • E-Books
  • Commentary
  • Obituaries
  • Oasis
  1. Home
  2. Daily Manna
  3. दिन २३: ४० दिन का उपवास और प्रार्थना
Daily Manna

दिन २३: ४० दिन का उपवास और प्रार्थना

Saturday, 14th of December 2024
44 31 612
Categories : उपवास और प्रार्थना

बलवन्त व्यक्ति को बांधना

"या क्योंकर कोई मनुष्य किसी बलवन्त के घर में घुसकर उसका माल लूट सकता है जब तक कि पहिले उस बलवन्त को न बान्ध ले और तब वह उसका घर लूट लेगा।" मत्ती १२:२९ 

प्रभु यीशु ने एक गहरे आत्मिक रहस्य को उजागर किया जब उन्होंने "बलवन्त" शब्द का उल्लेख किया। उसे सुनने वाले लोगों के लिए यह नया था। यदि उन्होंने इसका उल्लेख नहीं किया होता, तो हममें से कोई भी यह नहीं जान पाता कि मानवीय स्पष्टीकरण को अस्वीकार करने वाली कुछ स्थितियों पर कैसे विजय पाया जाए।

एक बलवन्त व्यक्ति एक आत्मिक प्राणी है, एक शक्तिशाली दानव जो किसी व्यक्ति के आशीष और गुणों को चुराने और उनसे लड़ने का प्रभारी है। यह बलवन्त व्यक्ति किसी व्यक्ति के जीवन में कम दुष्टों के आने का द्वार खोलता है। यह प्रमुख दुष्टात्मा है जो अन्य छोटे दुष्टात्मा को नियंत्रित करता है।

यह देखना दुखद है कि बहुत से विश्वासी अपने जीवन में किसी ताकतवर व्यक्ति के संचालन पर विश्वास नहीं करते या उसे नहीं पहचानते। वे अच्छे और वफादार विश्वासी हैं लेकिन युद्ध की समझ का कमी है। वे उस शत्रु को नहीं जानते जो आत्मिक क्षेत्र में उनके विरुद्ध लड़ रहा है, इसलिए उनके जीवन में रहस्यमय स्थितियों से निपटना बहुत कठिन हो जाता है।

बलवन्त व्यक्ति की कुछ कार्य क्या हैं?

१. बलवन्त व्यक्ति लोगों का आशीष प्राप्त करता है और उन्हें अपने आत्मिक घर में संग्रहीत करता है। यीशु ने उल्लेख किया कि बलवान मनुष्य का एक घर होता है और उस घर में वस्तुएँ होता है। वे वस्तुएँ बलवान मनुष्य की सम्पत्ति नहीं हैं; वे चोरी का वस्तुएँ हैं (मत्ती १२:२९)। हम जानते हैं कि शैतान का एकमात्र उद्देश्य चोरी करना, घात करना और नष्ट करना है (यूहन्ना १०:१०)। तो, इस बलवन्त व्यक्ति की संपत्ति लोगों से चुराया गया वस्तुएं है।

बहुत से लोग गरीब हैं या बिना मदद और आशीष के फंसे हुए हैं। कुछ बेरोजगार हैं, कई वर्षों से अकेले हैं, और बांझ हैं। ये सभी कुछ आशीष हैं जिन्हें बलवन्त व्यक्ति अपने घर में संपत्ति के रूप में संग्रहीत करता है।

आज की हमारी प्रार्थना हमें उस दुष्ट बलवान के घर से हमारे सभी आशीषें वापस लेने में मदद करेगी।

२. बलवन्त व्यक्ति जिद्दी समस्या और लड़ाइयों के पीछे की शक्ति है। "बलवन्त" शब्द का अर्थ है बल, कोई बहुत बड़ा प्रभाव या वज़न। कई विश्वासी यह नहीं बता पाते कि उनके जीवन में कुछ स्थितियाँ बार-बार क्यों दोहराई जाती हैं। उन्होंने प्रार्थना की है, और ऐसा लगता है कि कोई उत्तर नहीं है। कुछ लोग प्रार्थना करते हैं और महसूस करते हैं कि लड़ाई जीत ली गई है, लेकिन फिर पाते हैं कि लड़ाई फिर से शुरू हो गई है। बार-बार आने वाली समस्याओं और लड़ाइयों के पीछे बलवन्त व्यक्ति का हाथ होता है। यदि आप बलवन्त व्यक्ति को नहीं बांधते हैं, तो आप बिना किसी स्थायी समाधान या आशीष के कई वर्षों तक वही प्रार्थनाएँ करते रहेंगे।

३. बलवन्त व्यक्ति विनाशकारी आदतों और व्यसनों के पीछे की शक्ति है। बहुत से लोग जो विनाशकारी आदत और व्यसनों के प्रभाव में हैं, उन्हें रोकना मुश्किल लगता है। वे रुकना चाहते हैं लेकिन रुक नहीं पाते क्योंकि इस कार्य के पीछे एक ताकत है जो विरोध करने की उनकी इच्छा पर हावी हो जाती है। बलवन्त व्यक्ति बेतरतीब ढंग से निर्णय लेता है कि वह उन्हें कब कार्य में शामिल करना चाहता है।

विश्वासियों के रूप में, हमारा बलवन्त पर अधिकार है। यीशु ने हमें अपना नाम दिया है और हमें पुत्रत्व का अधिकार हस्तांतरित किया है ताकि हम बलवन्त को बांध सकें और अपनी संपत्ति पर कब्ज़ा कर सकें।

प्रभु यीशु ने कहा, "...मैं तुम से सच कहता हूं, जो कुछ तुम पृथ्वी पर बान्धोगे, वह स्वर्ग में बन्धेगा और जो कुछ तुम पृथ्वी पर खोलोगे, वह स्वर्ग में खुलेगा" (मत्ती १८:१८)

हमें क्या बांधना है?

यदि आप मत्ती १२:२९ को देखें, तो आपको उत्तर मिल जाएगा। यीशु मसीह ने भी इसी शब्द का प्रयोग किया था, "बांधें।" यदि हम बलवन्त को नहीं बांधते हैं और प्रार्थनापूर्वक अपने खोए हुए या विलंबित आशीष को वापस नहीं पाते हैं, तो स्वर्ग में हमारे लिए कुछ नहीं किया जाएगा।

क्या आप बलवन्त को बांधने के लिए तैयार हैं?


Bible Reading Plan : Act 27- Romans 4

Prayer
१. मैं, मुझ पर हमला करने वाले और मुझसे चोरी करने वाले किसी भी बलवन्त व्यक्ति की कार्यो को बांधता हूं। आज से, तू मेरे जीवन, परिवार, व्यवसाय और मुझसे जुड़ी हर चीज़ के विरुद्ध कार्य नहीं करेंगे। (लूका १०:१९)

२. मैंने अपने जीवन में बार-बार होने वाली लड़ाइया और समस्याओं के पीछे के हर बलवन्त व्यक्ति पर विजय प्राप्त की। आज से, यीशु के लहू से यीशु के नाम में मेरे जीवन में तूफान खत्म हो गया है। (प्रकाशित वाक्य १२:११)

३. मेरे जीवन, परिवार और आर्थिक को परेशान करने वाले किसी भी बलवंत व्यक्ति को परमेश्वर की अग्नि से यीशु के नाम में पीड़ित होने दें। (इब्रानियों १२:२९)

४. मैं अपनी सारी संपत्ति और आशीष उस बलवंत व्यक्ति के कब्जे से यीशु के नाम में वापस ले लेता हूं। (योएल २:२५)

५. मैं मेरे जीवन के विरुद्ध नियुक्त मृत्यु और नरक के हर एक बलवंत व्यक्ति को यीशु के नाम में बांधता हूं और कमजोर कर ता हूं। (मत्ती १६:१९)

६. मैं यीशु के शक्तिशाली नाम में मेरे जीवन के विरुद्ध भय, बीमारी और गरीबी के हर बलवंत व्यक्ति को बांधता हूं और कमजोर करता हूं। (२ तीमुथियुस १:७)

७. मैं अपने जीवन, स्वास्थ्य, परिवार, आर्थिक और प्रियजनों को सौंपे गए हर बलवंत को यीशु के नाम में बांधता हूं, लूटता हूं और शून्य कर देता हूं। (यशायाह ५४:१७)

८. मैं बलवंत के घर से अपना धन को यीशु के नाम में जारी करता हूं। (नीतिवचन ६:३१)

९. परमेश्वर का हाथ मेरे जीवन के खिलाफ कार्य करने वाले हर बलवंत व्यक्ति को यीशु के नाम में तोड़ दें। (निर्गमन ८:१९)

१०. मेरे जीवन से जुड़ा हर दुष्ट बलवान, यीशु के नाम में गिरकर मर जाए। (लूका १०:१९)

Join our WhatsApp Channel


Most Read
● प्राचीनकाल का अच्छा मार्ग को पूछो
● विश्वास की सामर्थ
● आप जलन को कैसे संभालेंगे (निपटेंगे)
● उपवास के माध्यम से संकेत (निवेदन) में स्वर्गदूतों की स्थापना
● सुन्दर द्वार (फाटक)
● आपका उद्देश्य क्या है?
● दिन ०६: ४० दिन का उपवास और प्रार्थना
Comments
CONTACT US
Phone: +91 8356956746
+91 9137395828
WhatsApp: +91 8356956746
Email: [email protected]
Address :
10/15, First Floor, Behind St. Roque Grotto, Kolivery Village, Kalina, Santacruz East, Mumbai, Maharashtra, 400098
GET APP
Download on the App Store
Get it on Google Play
JOIN MAILING LIST
EXPLORE
Events
Live
NoahTube
TV
Donation
Manna
Praises
Confessions
Dreams
Contact
© 2025 Karuna Sadan, India.
➤
Login
Please login to your NOAH account to Comment and Like content on this site.
Login