हिंदी मराठी తెలుగు മലയാളം தமிழ் ಕನ್ನಡ Contact us Contact us Listen on Spotify Listen on Spotify Download on the App StoreDownload iOS App Get it on Google Play Download Android App
 
Login
Online Giving
Login
  • Home
  • Events
  • Live
  • TV
  • NoahTube
  • Praises
  • News
  • Manna
  • Prayers
  • Confessions
  • Dreams
  • E-Books
  • Commentary
  • Obituaries
  • Oasis
  1. Home
  2. Daily Manna
  3. दिन ३७: ४० दिन का उपवास और प्रार्थना
Daily Manna

दिन ३७: ४० दिन का उपवास और प्रार्थना

Saturday, 28th of December 2024
27 26 544
Categories : उपवास और प्रार्थना
बांझपन की सामर्थ को तोड़ना

"और शाऊल की बेटी मीकल के मरने के दिन तक उसके कोई सन्तान न हुआ।" २ शमूएल ६:२३

मीकल यह प्रतिबिंबित करने और प्रकट करने के लिए एक अच्छा उदाहरण है कि लोग सन्तान पैदा किए बिना मर सकते हैं। किसी व्यक्ति का इस धरती पर आकर बिना संतान के मर जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। यह अपने लोगों के लिए परमेश्वर की इच्छा नहीं है। परमेश्वर ने मनुष्य को बनाने के बाद, परमेश्वर द्वारा दिया गया पहला आशीष फलदायी था। उन्होंने कहा, "फूलो-फलो," ताकि हम देख सकें कि परमेश्वर के लिए फलदायी होना महत्वपूर्ण है। यह कुछ ऐसा है जिसके बारे में परमेश्वर वास्तव में चिंतित है, और यह पहला आशीष था जो परमेश्वर ने मनुष्य को दिया था। जो कुछ भी आपकी फलदायीता पर हमला कर रहा है वह दुष्ट है और प्रार्थना के स्थान पर इससे निपटा जाना चाहिए।

फलदायीता धन या सन्तान पैदा करने तक ही सीमित नहीं है। यह कुछ ऐसा है जो जीवन के विभिन्न क्षेत्रों को प्रभावित करता है। फलदायीता उत्पादकता से संबंधित हो सकती है। इसलिए, जब हम बांझपन के बारे में बात करते हैं, तो यह केवल तब नहीं होता जब आप सन्तान को जन्म नहीं दे सकते; इसका मतलब कुछ भी हो सकता है. इसका मतलब उत्पादकता, परिणामों की कमी या विफलता हो सकता है।

उत्पत्ति ४९:२२ में यह कहा गया है, "यूसुफ बलवन्त लता की एक शाखा है, वह सोते के पास लगी हुई फलवन्त लता की एक शाखा है; उसकी डालियां भीत पर से चढ़कर फैल जाती हैं।"

इस वचन में यूसुफ को एक बलवन्त शाखा के रूप में चित्रित किया गया है, जिसका अर्थ है कि कुछ लोग धन्य और फलदायी हैं। यूसुफ जहां भी खुद को पाता है, वह हमेशा उत्पादक और सफल होता है, क्योंकि आत्मिक क्षेत्र में, वह एक बलवन्त शाखा है।

कुछ लोग ऐसे होते हैं कि वे जिस चीज को भी छू देते हैं वह सूख जाता है। यदि वे कोई व्यवसाय शुरू करते हैं, तो वह विफल हो जाता है। वे जो भी करते हैं वह असफल होता जाता है। यह उनके लिए परमेश्वर की इच्छा नहीं है, और उन्हें बांझपन की उस आत्मा को रोकना होगा जो उनके जीवन में विफलता का कारण बन रही है। इसीलिए हम उस शाप को रोकने के लिए आज प्रार्थना करने जा रहे हैं।

"सच्ची दाखलता मैं हूं; और मेरा पिता किसान है। जो डाली मुझ में है, और नहीं फलती, उसे वह काट डालता है, और जो फलती है, उसे वह छांटता है ताकि और फले।।"

परमेश्वर की अपेक्षा है कि हम फलदायी बनें। हम पेड़ों की तरह हैं, और परमेश्वर हमसे उम्मीद करते हैं कि हम अपने जीवन के सभी क्षेत्रों में फलदायी बनें। इसीलिए वचन "फल," "डाली," और "दाखलता" का उपयोग किया जाता है क्योंकि मसीह हमें बेहतर समझ देने की कोशिश कर रहे थे कि फलदायीता सन्तान पैदा करने तक ही सीमित नहीं है। फलदायीता का संबंध प्रभाव, परिणाम, उत्पादकता और सफलता से है। इसलिए, परमेश्वर आपसे सफल होने की उम्मीद करता हैं, और वह कहता हैं कि उनमें से हर वह डाली जो फल नहीं लाती, काट दी जाएगी।

वे कौन से क्षेत्र हैं जिनमें आपको फलदायी होने की जरुरत है?

  1. आपको अपने विवाह, अपने परिवार में फलदायी होने की जरुरत है।
  2. आपको कलीसिया में फलदायी होने की जरुरत है। आप कलीसिया में क्या प्रभाव डाल रहे हैं? क्या आप आत्माओं को जीत रहे हैं और सुसमाचार का प्रचार कर रहे हैं? क्या आप पृथ्वी पर परमेश्वर के राज्य को बड़ा रहे हैं, या आप परमेश्वर के राज्य के प्रति निष्क्रिय हैं?
  3. आपको कार्यस्थल और अपने व्यवसाय में फलदायी होने की जरुरत है। आप केवल इस बात के लिए व्यवसाय में नहीं हैं कि आप क्या खाएंगे; आप समाज की समस्याओं को हल करने के लिए व्यवसाय में हैं। ये तीन प्रमुख तरीके हैं जिनसे परमेश्वर हमसे फलदायी होने की उम्मीद कर रहे हैं।
जब मनुष्य बांझपन का अनुभव कर रहा होता है तो उसका प्रभाव महसूस नहीं होता। जब वे चले जाते हैं तो किसी को पता नहीं चलता कि वे चले गये हैं। उनका प्रभाव महसूस नहीं होता; कोई भी उन्हें याद नहीं करता। इनके बारे में कोई नहीं जानता और ये किसी की जिंदगी पर कोई असर नहीं डाल रहे हैं।

बांझपन विधान में ठहराव लाती है। जब बांझपन की यह शक्ति काम करती है तो विधान स्थिर हो जाती है। बांझपन शर्मिंदगी लाता है, इसलिए जब आप किसी ऐसे व्यक्ति को देखते हैं जो उत्पादक नहीं है, तो वह शर्मिंदा होता है। उसका सिर झुका हुआ है; उसका आत्म-सम्मान कम है क्योंकि, पैदाशी रूप से, जब हम बनाए गए थे, परमेश्वर ने हमें प्रगतिशील होने के लिए बनाया था।

तो, जो कोई भी आगे नहीं बड़ रहा है वह पीछे की ओर जा रहा है क्योंकि बांझपन मनुष्य को एक ही स्थान पर रहने देती है, और जीवन ठहराव को रोकता है।

परमेश्वर का वचन कहता है कि प्रभु तुम्हें और भी अधिक बढ़ाएगा (भजन संहिता ११५:१४), इसलिए आपको बढ़ते रहना चाहिए। बांझपन एक शाप है; यह परमेश्वर की संतान के लिए नहीं है। लेकिन यदि परमेश्वर का संतान बांझपन की उस शक्ति को तोड़ने के लिए नहीं उठता है, तो यह अनुमति से उसके जीवन में कार्य कर सकता है।

आज, मैं आपके जीवन पर ऐलान करता हूं कि यीशु मसीह के नाम में आपके जीवन से बांझपन की हर शक्ति को तोड़ दिया जाएगा।

Bible Reading Plan: 1 John 2 - Jude
Prayer
हर एक प्रार्थना अस्त्र को तब तक दोहराएं जब तक कि यह आपके हृदय से गूंज न जाए। उसके बाद ही आपको अगले अस्त्र पर आगे बढ़ना चाहिए। प्रार्थना मुद्दे को व्यक्तिगत रूप से करें, और आगे बढ़ने से पहले सुनिश्चित करें कि यह वास्तव में पूर्णहृदय से है, हर एक प्रार्थन मुद्दे के लिए कम से कम एक मिनट समर्पित करें।

१. मैं अपने जीवन के खिलाफ कार्य करने वाली बांझपन की हर ताकत को यीशु मसीह के नाम में तोड़ता हूं। (गलातियों ३:१३)

२. हर शक्ति जो मुझे रोक रही है और मुझे आगे बढ़ने से रोक रही है, यीशु मसीह के नाम में नष्ट और टुकड़े टुकड़े कर दी जाएगा। (यशायाह ५४:१७)

३. हर शैतानी स्थायी आदेश जिसने मेरी वृद्धि, उत्थान और सफलता को सीमित कर दिया है, मैं यीशु के नाम में और यीशु के लहू उन स्थायी आदेशों को समाप्त करता हूं (२ कुरिन्थियों १०:४)

४. यीशु के लहू और अनुग्रह की आत्मा से, मैं इस स्तर से यीशु के नाम में ऊपर उठ गया हूं। (इब्रानियों ४:१६)

५. हे प्रभु, मुझे यीशु मसीह के नाम में आगे बढ़ने के लिए सशक्त बना। (निर्गमन १४:१५)

६. पिता, मुझे हर जगह से, जहां मैं फंस गया हूं, हर गड्ढे से यीशु के नाम में बाहर निकाल और मुझे मेरे समृद्ध स्थान में यीशु के नाम में ले जा। (भजन संहिता ४०:२)

७. पिता, मेरी मदद कर, मेरे पास लोगों को भेज, ऐसे लोग जो मुझे यीशु के नाम में ऊंचा उठाएँगे। (भजन संहिता १२१:१-२)

८. हे प्रभु, मैं प्रार्थना करता हूं कि मेरे मार्ग में नए अवसर आएं। मैं प्रार्थना करता हूं कि स्वर्ग में मेरे लिए आशीष का द्वार खुलेगा और मुझ पर बारिश के रूप में बरसेगा, यीशु के नाम में। (मलाकी ३:१०)

९. मैं अपने जीवन में ठहराव और सीमा की हर आत्मा को यीशु मसीह के नाम में तोड़ता हूं। (फिलिप्पियों ४:१३)

१०. मेरे हाथों के कार्यों को नष्ट करने और हमला करने वाली हर शक्ति का आज यीशु के नाम में अंत हो जाएगा और यीशु के नाम में नष्ट हो जाएगा। आमेन। (व्यवस्थाविवरण २८:१२)


Join our WhatsApp Channel


Most Read
● दिन ०६: ४० दिन का उपवास और प्रार्थना
● दबोरा के जीवन से सीक (शिक्षाए)
● चेतावनी पर ध्यान दें
● २१ दिन का उपवास: दिन ०६
● आपके लिए परमेश्वर की योजना है
● प्रतीक्षा जिसने एक देश को बचाया
● महान पुरुष और स्त्री क्यों गिरते (पतन हो जाते) हैं - ४
Comments
CONTACT US
Phone: +91 8356956746
+91 9137395828
WhatsApp: +91 8356956746
Email: [email protected]
Address :
10/15, First Floor, Behind St. Roque Grotto, Kolivery Village, Kalina, Santacruz East, Mumbai, Maharashtra, 400098
GET APP
Download on the App Store
Get it on Google Play
JOIN MAILING LIST
EXPLORE
Events
Live
NoahTube
TV
Donation
Manna
Praises
Confessions
Dreams
Contact
© 2025 Karuna Sadan, India.
➤
Login
Please login to your NOAH account to Comment and Like content on this site.
Login