जब मनश्शे राज्य करने लगा, तब वह बारह वर्ष का था, और यरूशलेम में पचपन वर्ष तक राज्य करता रहा; और उसकी माता का नाम हेप्सीबा था। (२ राजा २१:१)
मनश्शे यरूशलेम में सबसे लंबे समय तक शासन करने वाला राजा था। उन्होंने ५५ वर्षों तक शासन किया। भला परमेश्वर एक दुष्ट राजा को अपने लोगों पर सबसे लंबे समय तक शासन करने की अनुमति क्यों देगा? समझना मुश्किल है।
मनश्शे बारह वर्ष का था जब वह राजा बना: इसका अर्थ है कि वह हिजकिय्याह के जीवन के अंतिम पंद्रह वर्षों में पैदा हुआ था, अतिरिक्त पंद्रह वर्ष जिसके लिए हिजकिय्याह ने प्रार्थना की थी। उन अतिरिक्त पन्द्रह वर्षों ने यहूदा को उसके सबसे बुरे राजाओं में से एक बना दिया।
वरन यहोवा के भवन के दोनों आंगनों में भी उसने आकाश के कुल गण के लिये वेदियां बनाईं। (२ राजा २१:५)
संदर्भ के आधार पर स्वर्ग (आकाश) के कुल के दो मूल अर्थ हैं।
१. स्वर्गीय देह = तारे - सृजित वस्तुओं के रूप में और/या मूर्तिपूजा की वस्तुओं के रूप में
२. स्वर्गीय प्राणी = स्वर्गदूत या आत्मिक प्राणी
और अशेरा की जो मूरत उसने खुदवाई, उसको उसने उस भवन में स्थापित किया, जिसके विषय यहोवा ने (२ राजा २१:७)
अशेरा कनानी उर्वरता देवी थी, और वेश्यावृत्ति के कार्य को पूरा करके उसकी पूजा की जाती थी। यह इंगित करता है कि मनश्शे ने मंदिर को अशेरा को समर्पित एक मूर्तिपूजक वेश्यालय में परिवर्तित कर दिया।
मनश्शे ने तो न केवल वह काम करा के यहूदियोंसे पाप कराया, जो यहोवा की दृष्टि में बुरा है, वरन निर्दोषों का खून बहुत बहाया, यहां तक कि उसने यरूशलेम को एक सिरे से दूसरे सिरे तक खून से भर दिया। (२ राजा २१:१६)
बाइबल के विद्वान हमें बताते हैं कि भविष्यवक्ता यशायाह को मनश्शे के शासनकाल के दौरान आधे हिस्से में देखा गया था।
बहुत से लोग सोचते हैं कि इब्रानियों ११:३७ (वे दो भागों में आरी से बने थे) भविष्यवक्ता यशायाह की बलिदान का संदर्भ है।
"पत्थरवाह किए गए; आरे से चीरे गए; उन की परीक्षा की गई; तलवार से मारे गए; वे कंगाली में और क्लेश में और दुख भोगते हुए भेड़ों और बकिरयों की खालें ओढ़े हुए, इधर उधर मारे मारे फिरे।" (इब्रानियों ११:३७)
मनश्शे के और सब काम जो उसने किए, और जो पाप उसने किए, वह सब क्या यहूदा के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में नहीं लिखा है? (२ राजा २१:१७)
२ इतिहास ३३:११-१९ मनश्शे के महान पश्चाताप का विवरण देता है। यहोवा ने मनश्शे को बाँधकर बाबुल को बन्धुआई में ले जाने दिया, क्योंकि उसने और उसकी प्रजा ने उन चेतावनियों को मानने से इनकार किया जो परमेश्वर ने उन्हें दी थीं।
वहाँ, जब वह विपत्ति में पड़ा, तब उसने यहोवा से बिनती की, और अपने पूर्वजों के परमेश्वर के सम्मुख अत्यन्त दीन हुआ (२ इतिहास ३३:१२), और परमेश्वर ने उसकी प्रार्थना सुनी और उसे इस्राएल की गद्दी पर नियुक्त किया।
तब मनश्शे ने यरूशलेम से मूर्तियों और पराए देवताओं को दूर करने के द्वारा अपने पश्चाताप की गम्भीरता को प्रदर्शित किया, और उसने यहूदा को इस्राएल के परमेश्वर यहोवा की आराधना करने की आज्ञा दी (२ इतिहास ३३:१६)।

मनश्शे यरूशलेम में सबसे लंबे समय तक शासन करने वाला राजा था। उन्होंने ५५ वर्षों तक शासन किया। भला परमेश्वर एक दुष्ट राजा को अपने लोगों पर सबसे लंबे समय तक शासन करने की अनुमति क्यों देगा? समझना मुश्किल है।
मनश्शे बारह वर्ष का था जब वह राजा बना: इसका अर्थ है कि वह हिजकिय्याह के जीवन के अंतिम पंद्रह वर्षों में पैदा हुआ था, अतिरिक्त पंद्रह वर्ष जिसके लिए हिजकिय्याह ने प्रार्थना की थी। उन अतिरिक्त पन्द्रह वर्षों ने यहूदा को उसके सबसे बुरे राजाओं में से एक बना दिया।
वरन यहोवा के भवन के दोनों आंगनों में भी उसने आकाश के कुल गण के लिये वेदियां बनाईं। (२ राजा २१:५)
संदर्भ के आधार पर स्वर्ग (आकाश) के कुल के दो मूल अर्थ हैं।
१. स्वर्गीय देह = तारे - सृजित वस्तुओं के रूप में और/या मूर्तिपूजा की वस्तुओं के रूप में
२. स्वर्गीय प्राणी = स्वर्गदूत या आत्मिक प्राणी
और अशेरा की जो मूरत उसने खुदवाई, उसको उसने उस भवन में स्थापित किया, जिसके विषय यहोवा ने (२ राजा २१:७)
अशेरा कनानी उर्वरता देवी थी, और वेश्यावृत्ति के कार्य को पूरा करके उसकी पूजा की जाती थी। यह इंगित करता है कि मनश्शे ने मंदिर को अशेरा को समर्पित एक मूर्तिपूजक वेश्यालय में परिवर्तित कर दिया।
मनश्शे ने तो न केवल वह काम करा के यहूदियोंसे पाप कराया, जो यहोवा की दृष्टि में बुरा है, वरन निर्दोषों का खून बहुत बहाया, यहां तक कि उसने यरूशलेम को एक सिरे से दूसरे सिरे तक खून से भर दिया। (२ राजा २१:१६)
बाइबल के विद्वान हमें बताते हैं कि भविष्यवक्ता यशायाह को मनश्शे के शासनकाल के दौरान आधे हिस्से में देखा गया था।
बहुत से लोग सोचते हैं कि इब्रानियों ११:३७ (वे दो भागों में आरी से बने थे) भविष्यवक्ता यशायाह की बलिदान का संदर्भ है।
"पत्थरवाह किए गए; आरे से चीरे गए; उन की परीक्षा की गई; तलवार से मारे गए; वे कंगाली में और क्लेश में और दुख भोगते हुए भेड़ों और बकिरयों की खालें ओढ़े हुए, इधर उधर मारे मारे फिरे।" (इब्रानियों ११:३७)
मनश्शे के और सब काम जो उसने किए, और जो पाप उसने किए, वह सब क्या यहूदा के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में नहीं लिखा है? (२ राजा २१:१७)
२ इतिहास ३३:११-१९ मनश्शे के महान पश्चाताप का विवरण देता है। यहोवा ने मनश्शे को बाँधकर बाबुल को बन्धुआई में ले जाने दिया, क्योंकि उसने और उसकी प्रजा ने उन चेतावनियों को मानने से इनकार किया जो परमेश्वर ने उन्हें दी थीं।
वहाँ, जब वह विपत्ति में पड़ा, तब उसने यहोवा से बिनती की, और अपने पूर्वजों के परमेश्वर के सम्मुख अत्यन्त दीन हुआ (२ इतिहास ३३:१२), और परमेश्वर ने उसकी प्रार्थना सुनी और उसे इस्राएल की गद्दी पर नियुक्त किया।
तब मनश्शे ने यरूशलेम से मूर्तियों और पराए देवताओं को दूर करने के द्वारा अपने पश्चाताप की गम्भीरता को प्रदर्शित किया, और उसने यहूदा को इस्राएल के परमेश्वर यहोवा की आराधना करने की आज्ञा दी (२ इतिहास ३३:१६)।
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