रात के समय में अपने पलंग पर अपने प्राणप्रिय को ढूंढ़ती रही;
मैं उसे ढूंढ़ती तो रही, परन्तु उसे न पाया। (श्रेष्ठगीत ३:१)
प्रेमिका का अपने प्रेमी के बारे में एक सपना है। आखिरकार, उसने उसके साथ समय बिताने के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया, और शायद उसका विवेक उसे परेशान कर रहा था।
मुझ को उनके पास से आगे बढ़े
थोड़े ही देर हुई थी कि मेरा प्राणप्रिय मुझे मिल गया।
मैं ने उसको पकड़ लिया,
और उसको जाने न दिया जब तक उसे
अपनी मात के घर अर्थात अपनी जननी की कोठरी में न ले आई॥ (श्रेष्ठगीत ३:४)
ध्यान दें, वह अपनी प्रेमिका को उसी कमरे में ले आई थी, जिसकी वह विचार करता था। इसहाक अपनी पत्नी, रिबका को अपनी माँ के तम्बू में लाया था और वहाँ उनकी विवाह हुई थी। (उत्पत्ति २४:६७)
यह क्या है जो धूएं के खम्भे के समान,
गन्धरस और लोबान से सुगन्धित,
और व्योपारी की सब भांति की बुकनी लगाए हुए जंगल से निकला आता है? (श्रेष्ठगीत ३:६)
यह सुलैमान की बारात उसकी दुल्हन का दावा करने के लिए आ रही थी। आज के मसीह, इसे अपनी दुल्हन, कलीसिया का दावा करने के लिए राजाओं के राजा की भविष्यवाणी वाली चित्र के रूप में देखेंगे।