मैं ही एप्रैम को पांव-पांव चलाता था,
और उन को गोद में लिए फिरता था। (होशे ११:३)
यह वचन परमेश्वर पिता की एक अद्भुत चित्र है जो अपने बच्चों को चलना सिखाता है जैसे मनुष्य के माता-पिता अपने बच्चों को चलना सिखाते हैं।
प्रभु स्पष्ट रूप से कहता है कि वह अपने बच्चों को जीवन के सुरक्षित राहों पर चलना सिखाने के लिए कोई प्रयास या मूल्य नहीं छोड़ेगा। यह केवल पिता के ह्रदय की वजह से है, जिससे हमारा उद्धार होगा और अनंत जीवन मिलेगा।
परन्तु वे न जानते थे कि उनका चंगा करने वाला मैं हूं। (होशे ११:३)
परन्तु जो चंगा हो गया था, वह नहीं जानता था वह कौन है; क्योंकि उस जगह में भीड़ होने के कारण यीशु [किसी का ध्यान नहीं था] वहां से हट गया था।
यद्यपि वे उन को परमप्रधान की ओर बुलाते हैं,
तौभी उन में से कोई भी मेरी महिमा नहीं करता॥ (होशे ११:७)
क्या यह प्रार्थना करना और यहोवा को महिमा न देना संभव है?
हाँ जब प्रार्थना हमारे बारे में है और उनके बारे में नहीं तो
परमेश्वर कहते हैं, "आप में मेरे पास प्रार्थना के जरिए आते हैं और आप अपनी सभी जरूरतों के लिए अपनी याचिकाओं में पेश करते हैं, जैसे कि यह आपके बारे में है। आप कभी भी मेरी उपासना करने और मेरा नाम ऊँचा उठाने में समय नहीं निकालते है।"
मैं आपको कैसे दे सकता हूं?
मेरा हृदय तो उलट पुलट हो गया, मेरा मन स्नेह के मारे पिघल गया है। (होशे ११:८)
यह परमेश्वर की कृपा के कारण है कि वह आप पर हार नहीं मानेंगे।