फिर यहोवा ने मूसा और हारून से कहा, लेवियों में से कहातियों की, उनके कुलों और पितरों के घरानों के अनुसार, गिनती करो, अर्थात तीस वर्ष से ले कर पचास वर्ष तक की अवस्था वालों की सेना में, जितने मिलापवाले तम्बू में कामकाज करने को भरती हैं। (गिनती ४:१-३)
३० से ५० वर्षों के बीच की अवधि को
किसी व्यक्ति के जीवन के प्रमुख वर्ष माना जाता है।
प्रभु हमेशा यह चाहते हैं कि हम उन्हें सर्वश्रेष्ठ दें।
यह सभोपदेशक १२:१ में भी देख सकते है, "अपनी जवानी के दिनों में अपने सृजनहार को स्मरण रख।"
शत्रु (शैतान) कहता हैं, "खुशी के लिए युवा, व्यवसाय के लिए मध्यम उम्र, धर्म के लिए बुढ़ापा।" बाइबल कहती है, "युवा, मध्यम उम्र और बुढ़ापा अपने सृजनहार के लिए है।"
गिनती ४:४-२०: कहातियों के पुत्रों का कर्तव्य एलियजर, महायाजक हारून के सबसे बड़े जीवित पुत्र, ने कहातियों के काम की देखरेख की। (४:१६)
गिनती ४:२१-२८: गेर्शोनियों के पुत्रों का कर्तव्य गेर्शोनियों पर हारून याजक का पुत्र ईतामार अधिकार रखा॥
गिनती ४:२९-३३: मरारियों के पुत्रों का कर्तव्य दोबारा, मरारियों पर हारून याजक का पुत्र ईतामार अधिकार रखा
गिनती ४:३४-४८: तम्बू में सेवा के लिए पात्र उन लोगों का सारांश
कहातियों २७५०
गेर्शोनियों २६३०
मरारियों के पुत्रों ३२००
कुल = ८५८०
अर्थात तीस वर्ष से ले कर पचास वर्ष तक की अवस्था वाले,
जितने मिलापवाले तम्बू की सेवकाई करने का बोझ
उठाने का काम करने को हाजिर होने वाले थे। (गिनती ४:४७)
मूल रूप से दो प्रकार के बोझ होते हैं
१. इस दुनिया का बोझ
२. प्रभु का बोझ
ये लोग प्रभु का बोझ उठा रहे थे।
प्रभु का बोझ उठाना हमारी पसंद है।
उदाहरण: एक मध्यस्थी व्यक्ति यहोवा का बोझ उठाने वाला होता है।
Chapters
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- अध्याय १०
- अध्याय ११
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- अध्याय - १९
- अध्याय - २०
- अध्याय - २१
- अध्याय - २२
- अध्याय २३
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- अध्याय २६
- अध्याय २७
- अध्याय २८
- अध्याय २९
- अध्याय ३३